• December 22, 2015

राजस्थान में मलेशियन सड़कें

राजस्थान में मलेशियन सड़कें

जयपुर -मलेशिया की कम्पनियों के प्रस्ताव यदि स्विस चैलेंज सिस्टम में खरे उतरते हैं और वे पूरी पारदर्शिता के साथ ओपन बिडिंग में राजस्थान में सड़कों के विकास के काम हासिल कर पाती हैं तो राज्य की जनता को वर्ष 2018 के प्रारम्भ में विश्वस्तरीय सड़कों की सौगात मिलेगी और यह राजस्थान के लिए एक बड़ा लैण्डमार्क होगा। यह कहना है सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री यूनुस खान का। श्री खान हाल ही मलेशिया की चार दिवसीय यात्रा से लौटने के बाद सोमवार को परिवहन भवन में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे।
सानिवि मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि राज्य में 20 हजार किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड कर स्टेट हाईवे के रूप में विकसित किए जाने के लक्ष्य की दिशा में प्रथम चरण में 8910 किलोमीटर के 27 पैकेज की फिजिबिलिटी स्टडी करवाई थी। इन पैकेजों को मिलाकर करीब साढे 4 हजार किलोमीटर लम्बाई के 6 बड़े पैकेज तैयार किए गए हैं जिनके सम्बन्ध में हाल ही सम्पन्न रिसर्जेंट राजस्थान समिट में मलेशिया के कन्ट्रक्शन इण्डस्ट्री डवलपवमेंट बोर्ड (सीआईडीबी) से 10 हजार करोड़ से सड़कों के विकास का एमओयू किया गया था।
16 से 19 दिसम्बर की मलेशिया यात्रा के दौरान मलेशिया में वहां के सानिवि मंत्री, सीआईडीबी के चेयरमेन, एमडी, सीईओ, मलेशिया नेशनलन हाईवे के चेयरमैन, सेक्रेटरी जनरल आदि के साथ इसे लेकर वार्ता हुई जिसमें उन्होंने इन छह पैकेज में काम करने में प्रारम्भिक तौर पर मलेशियन कम्पनियों की गहरी रूचि जाहिर की। इन पैकेज का वे पहले ही अध्ययन कर चुके थे। उनका कहना था कि इतना स्पष्ट प्रपोजल अब तक किसी सरकार ने नहीं भेजा जितना राजस्थान से मिला है।
सानिवि मंत्री ने बताया कि क्योंकि राज्य में भी ट्रांसपेरेंसी एक्ट है और राज्य एवं केन्द्र ने स्विस चैलेंंज सिस्टम अपनाया है इसलिए राज्य सरकार के प्रस्तावित पैकेजों पर अगले दिन वहां की सभी बड़ी कम्पनियों से मुलाकात की गई एवं प्रस्ताव स्विस चैलेंज सिस्टम से प्राप्त करना तय किया गया। श्री खान ने बताया कि स्विस चैलेंज सिस्टम में अगर मलेशियन कम्पनी से बेहतर केाई अन्य कम्पनी प्रस्ताव देती है तो पहले प्रस्ताव देने वाली कम्पनी को उस बेहतर प्रस्ताव पर काम करने का मौका दिया जाता है और उसके इनकार करने पर बेहतर प्रस्ताव वाली कम्पनी को काम मिलता है। श्री खान ने बताया कि भारत का कानून और बिडिंग सिस्टम अक्षरक्ष: मलेशिन कम्पनी पर भी लागू होगा और उन्हें खुली निविदा से ही आना होगा।
श्री खान ने बताया कि मलेशियन कम्पनी सीआईडीबी के जरिए फरवरी तक अपने प्रस्ताव दे देंगी एवं मार्च में खुली निविदा सानिवि के पीपीपी सैल द्वारा निकाली जाएंगी यदि वे यह काम हासिल कर पाती हैं तो मानसून के बाद सितम्बर में काम प्रारम्भ हो कर 2018 के प्रारम्भ तक पूरा हो जाएगा।
प्रमुख शासन सचिव सानिवि श्री डी.बी गुप्ता ने भी मलेशिया यात्रा को सफल बताते हुए कहा कि इस यात्रा के दौरान पूरे दल ने मलेशिया की विभिन्न सड़कों का दौरा किया। उनके टोल प्लाजा, कन्ट्रोल यूनिट्स एवं अन्य व्यवस्थाओं को देखा और उन्हेें तकनीकी रूप से यूरोप, सिंगापुर जैसा विश्वस्तरीय पाया। इस प्रस्ताव के लिए मलेशियन सरकार की भी पूरी तैयारी थी और सीआईडीबी द्वारा पहले ही छह कम्पनियों का प्रारम्भिक रूप से प्रस्तावों के लिए चयन कर लिया गया था। अब सबसे पहले मलेशियन कम्पनियों की टीमें जनवरी मेें राजस्थान आएंगी और टे्रफिक एवं अन्य सर्वे करेंगी। सानिवि मंत्री ने पत्रकारों के विभिन्न सवालों के जवाब दिए एवं जिज्ञासाओं का समाधान किया। पत्रकार वार्ता में परिवहन राज्य मंत्री श्री बाबूलाल वर्मा, परिवहन आयुक्त श्रीमती गायत्री राठौड़, सानिवि पीपीपी सैल के अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री शिवलहरी शर्मा, पीपीपी सैल के अधिशासी अभियंता श्री कौशलेन्द्र भारद्वाज भी मौजूद थे।

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