- November 29, 2015
शिक्षा अधिकारी कार्यशैली में सुधार करें – शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर – शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने जोधपुर संभाग के शिक्षा अधिकारियों से स्पष्ट कहा है कि केवल अपने कक्षों में न बैठें, बल्कि फील्ड में जाएं व काम के पीछे व्यावहारिक तौर पर पड़कर परिणाम दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारियों को कार्यशैली में सुधार करना होगा।
देवनानी शनिवार को जोधपुर कलेक्ट्रेट सभागार में संभाग के जोधपुर, बाडमेर व जैसलमेर जिलों के प्रारंभिक, माध्यमिक के जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला साक्षरता अधिकारियों, रमसा व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों से स्पष्ट तौर पर कहा कि वे अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं तथा राजकीय विद्यालयों में नामंाकन, रिक्त पदों पर सेवानिवृत प्राध्यापकों व अन्य व्यवस्थाओं में व्यावहारिक रूप से कार्य करें। इसके लिए ‘इनीशिएसन’ लें तथा सेवानिवृत प्राध्यापकों से संपर्क करें। उन्होंने संबंधित विधायकों द्वारा बताई गई सेवानिवृत प्राध्यापकोंं की प्रस्तुत सूचियों के लिए निर्देश दिए कि शिक्षा अधिकारी संवाद व संपर्क कर तीन दिन में उन्हें अपोइंटमेंट दें। यह कार्य एक सप्ताह में हो जाना चाहिए, अन्यथा नियमानुसार कड़ी कार्यवाही होगी।
उन्होंने राजकीय विद्यालयों में बिजली व्यवस्था पूर्णत: सुचारू करने के लिए दीन दयाल उपाध्याय विद्युतिकरण योजना में कार्यवाही करें। इसके अलावा पुस्तक, पुस्तकालय, फर्नीचर के बेहतरीन प्रबंधन के निर्देश दिए। जिन विद्यालयों में बाउण्ड्रीवाल नहीं है वहंा मनरेगा, विधायक कोष से सहयता प्राप्त करें। शिक्षा राज्य मंत्री ने विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की ज्यादा या कम संख्या, शौचालयों की स्थिति, जर्जर भवनों को गिराकर नए भवन की व्यवस्था, कस्तूरबा छात्रावासो की स्थिति, विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठकों के आयोजन की नियमितता जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनप्रतिनिधियों से संवाद और उसके बाद सुधार करें। देवनानी ने कहा कि नए भवनों के निर्माण के भूमि पूजन या शुभारंभ के समय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करें व उनकी उपस्थिति में काम हो। उन्होंने आदर्श स्कूलों के लिए सुचारू व्यवस्था व प्रबंधन की भी विस्तृत समीक्षा की।
शिक्षा राज्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को बताया कि राज्य में किस विद्यालय में कितने अध्यापक हैं इस जानकारी को 31 दिसम्बर तक कंप्यूटरीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंनें बताया कि अब प्रत्येक जिले में ‘डिस्ट्रिक्ट एज्यूकेशन बोर्ड’ बनाने की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इसमें संास, विधायक, जिला कलेक्टर आदि शामिल रहेगें। इस बोर्ड में अब जिलों की शिक्षा संबंधी समस्याओं का स्थानीय स्तर पर समाधान होगा। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जिलेवार, पंचायत समितिवार आयोजित बैठक तथा फिडिंग की समीक्षा भी की। उन्होंने बताया कि व्याख्याताओं की नव क्रमोन्नत विद्यालयों सहित भी कमी शीघ्र दूर की जाएगी।
जिलों की समीक्षा की व दिए आवश्यक निर्देश :-
शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी ने जैसलमेर, बाडमेर जिले की नामंाकन, विद्यालयों में बिजली, नामाकंन के अनुपात में अध्यापकों की स्थिति, सेवानिवृत प्राध्यापकों की नियुक्ति, आदर्श विद्यालयों व छात्रावासों की स्थिति, न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की स्थिति की समीक्षा की।
बैठक में गृह राज्य मंत्री ने दिए सुझाव :-
गृह राज्य मंत्री अमराराम ने सुझाव दिए कि जहंा अनेक वर्षो से विद्यालय भवन जर्जर है वहंा गिराकर नए निर्माण करवाएं। उन्होंने बाडमेर व जैसलमेंर जिलों कें विभिन्न गांवोंं के विद्यालयों की स्थितियंा सुधारने के भी सुझाव दिए।
विभिन्न विधायकों ने कमियंा दूर करने को दिए सुझाव :-
जोधपुर सूरसागर विधायक श्रीमती सूर्यकांता व्यास, शहर विधायक कैलाश भ्ंांसाली, लूनी विधायक जोगाराम पटेल, जैसलमेर विधायक छोटूसिंह, बाडमेर जिले के विधायक गुडामालानी लाधूसिंह विश्नोई, सिवाणा के हमीर सिंह, बायतु के कैलाश चौधरी व बायतु विधायक तरूणराज ने विभिन्न समस्याएं रखी व सुझाव दिए।
शिक्षा संवाद में सैकेण्ड्री एज्यूकेशन के निदेशक सुआलाल, प्राशिक्षा निदेशक बाबूलाल मीणा, जिला कलेक्टर डा. प्रीतम बी.यशवंत ने आवश्यक जानकारियंा प्रस्तुत की। उप निदेशक नूतनबाला कपिल व अन्य तीनों जिलों के सभी जिला शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे।
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