• October 29, 2015

सरपंच गांवों के विकास की धुरी

सरपंच  गांवों के विकास की धुरी

जयपुर –    जिला प्रमुख श्री मूलचन्द मीना ने सरपंचों को गांवों के विकास की धुरी बताते हुए कहा कि गांव का विकास होने से ही प्रदेश एवं देश का विकास होगा, इसलिए सरपंचों को अपने दायित्वों का गंभीरता से निवर्हन करना चाहिए।

श्री मीना बुधवार को यहां इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान के सभागार में जिले के नवनिर्वाचित सरपंचों की तीन दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला के अन्तिम दिन समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांव की जनता ने सरपंचों को जो जिम्मेदारी सौंपी है उस पर वे खरा उतरने का प्रयास करें तथा केन्द्र एवं सरकार की ग्रामीण विकास की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए पुरजोर प्रयास करें।
जिला प्रमुख ने कहा कि गांवों के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जो राशि आवंटित की जाती है वे ग्राम पंचायतों के खातों में सीधे ही पहुंचा दी जाती है इसलिए ये जरूरी है कि सरपंच समयबद्व विकास योजनाओं के तहत गांवोंमें विकास कार्यो को पूर्ण करायें ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को विकास योजनाओं का अधिकाधिक लाभ मिल सके।
कार्यक्रम में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अनूप खींची ने कहा कि सरपंच गांवों के विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएं तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दूर-दराज के गांवों में रहने वाले अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि सरपंचों को पंचायती राज अधिनियम के तहत जो अधिकार दिये गये है उसका वे जनहित में पूरा उपयोग करें। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण में सरपंचों को विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी है उसका अपने क्षेत्र के लोगों तक लाभ पहुंचाने का भरसक प्रयास करें।
प्रशिक्षण के अन्तिम दिन जल संग्रहण विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 30 नवम्बर से इस अभियान की शुरूआत की जायेगी। महात्मा गांधी नरेगा योजना के अधिशाषी अभियंता श्री बी.एल.गुप्ता ने सरपंचों को ग्रामीण कार्य निर्देशिका-2015 के तहत दिये गये दिशा-निर्देशों के बारे में गहनता से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में जिले की बस्सी, आमेर, चाकसू, दूदू, गोविन्दगढ़, शाहपुरा, विराटनगर पंचायत समिति के सरपंचों ने भाग लिया है।
कार्यक्रम में विभिन्न सरपंचों ने प्रशिक्षण की उपादेयता प्रतिपादित करते हुए कहा कि प्रशिक्षण में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है जिससे वे अपने दायित्वों व कर्तव्यों का और अधिक भलीभांति निवर्हन कर सकेंगे। सरपंचों की शंकाओं का संबंधित अधिकारियों द्वारा समाधान भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में एडीपीसी श्री प्रेम सिंह चारण ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री हरेन्द्र सिंह, उपखण्ड अधिकारी जयपुर श्री आशीष सहित अन्य अधिकारी एवं सरपंच उपस्थित थे।

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