900 वर्ष पुरानी देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा जल्द भारत आएंगी

900 वर्ष पुरानी देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा जल्द भारत आएंगी

नई दिल्ली——– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात 2.0 कार्यक्रम के 18वें संस्करण में देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा का जिक्र करते हुए कहा ‘देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा लगभग, 100 साल पहले, 1913 के करीब वाराणसी के एक मंदिर से चुराकर देश से बाहर भेज दी गई थी। वह प्रतिमा अब कनाडा से वापस भारत आ रही है।’ इस प्रतिमा की पहचान और इसे जल्द से जल्द भारत वापस लाने में भारतीय उच्चायोग ने बड़ी अहम भुमिका निभाई है।

विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा करीब 900 वर्ष पुरानी है। जिसे एक सदी पहली चुराकर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेच दिया गया था। काफी समय बाद यह प्रतिमा कनाडा की मैकेंजी आर्ट गैलरी द्वारा प्रशासित विश्वविद्यालय को प्राप्त हुई है, तब से यह प्रतिमा वहीं रखी हुई थी। हाल ही में विश्वविद्यालय को पता चला की प्रतिमा को गलत तरीक से हासिल किया गया था, जो नैतिक अधिग्रहण के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं था। जिसके बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने भारत के सांस्कृतिक खजाने को वापस करने का फैसला किया।

विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने जब इस संबंध में कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग से संपर्क किया, तो वहां के अधिकारियों ने खुशी जाहिर करते हुए प्रतिमा को वापस भारत लाने के प्रयास तेज कर दिए। इसके बाद बीते 19 नवंबर को एक आभासी कार्यक्रम में रेजिना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ थॉमस चेस ने देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा को भारत को सौंप दिया।

प्रतिमा की पहचान में पीबॉडी एसेक्स संग्रहालय में भारतीय और दक्षिण एशियाई कला के क्यूरेटर डॉ सिद्धार्थ वी शाह की अहम भुमिका रही। उनके मुताबिक उन्होंने जब प्रतिमा को देखा तो वह देवी अन्नपूर्णा की थी, क्योंकि उनके एक हाथ में खीर और दूसरे हाथ में चम्मच था, जो हिंदू देवी अन्नपूर्णा की पहचान है। जिन्हें काशी की रानी और भोजन की देवी कहा जाता है।

भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने रेजिना विश्वविद्यालय का आभार जताते हुए कहा कि ”मैं भारत की इस सांस्कृतिक धरोहर की वापसी की सक्रियता को लेकर रेजिना विश्वविद्लाय का आभारी हूं। ऐसे सांस्कृतिक खजाने को स्वेच्छा से प्रत्यावर्तित करने का कदम भारत-कनाडा संबंधों की परिपक्वता और गहराई को दर्शाता है।”

इस संबंध में रेजिना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ थॉमस चेस का कहना है कि ”देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा को वापस कर हम 100 वर्ष पुरानी गलती को सही नहीं कर सकते, लेकिन वर्तमान में ऐसा करना एक उचित और महत्वपूर्ण कार्य है।”

CONTACT :
Kamal Kumar I General Manager
signature_109743149
Mobile: 9350222025 ;
Email: kamal@aakhyaindia.com
Address- B4/69A, Safdarjung Enclave,
New Delhi-110029

Related post

जम्मू कश्मीर में फिर 370 का राग :  सुरेश हिंदुस्तानी

जम्मू कश्मीर में फिर 370 का राग : सुरेश हिंदुस्तानी

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद नई प्रदेश सरकार ने फिर से पुराने…
20% ब्लैक पुरुष मतदाताओं का समर्थन : नश्लवाद -श्वेत और अश्वेत पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव

20% ब्लैक पुरुष मतदाताओं का समर्थन : नश्लवाद -श्वेत और अश्वेत पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव

अटलांटा(रायटर) – डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत ने अश्वेत अमेरिकी समुदायों में हलचल…
सूसी विल्स उनके व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ  : राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प

सूसी विल्स उनके व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ : राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प

वेस्ट पाम बीच, फ्लोरिडा (रायटर) – राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प ने  घोषणा की कि उनके दो अभियान…

Leave a Reply