- December 18, 2017
9वी रिजनल स्टेण्डर्ड कॉन्क्लेव—निर्यात के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक
जयपुर, 18 दिसंबर। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुधांशु पाण्डे ने कहा है कि दुनिया आज विश्व ग्राम में परिवर्तित हो गई है ऎसे में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकाें को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान को उत्पादों के साथ ही सेवा क्षेत्र में निर्यात की विपुल संभावनाएं को अमली जामा पहनाना होगा।
केन्द्रीय संयुक्त सचिव श्री पाण्डे ने कहा कि वेल्यू एडिशन व मानकीकरण की और ध्यान देने से ईसबगोल जैसे उत्पाद के सौ गुणा तक अधिक भाव मिल सकते हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान मेेंे देश की 98 फीसदी ईसबगोल राजस्थान में होती है, विदेशों में 95 प्रतिशत ईसबगोल की रॉ मैटेरियल के रुप में निर्यात होता है और अमेरिका और जर्मनी द्वारा इसी ईसबगोल को दवा के रुप में प्रोसेस कर 100 गुणा तक लाभ अर्जित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान से मसालें, डेयरी उत्पाद्, खाद्य सामग्री, हैण्डीक्राफ्ट, जेम एण्ड ज्वैलरी के निर्यात मेंअग्रणीप्रदेश होने के साथ ही निर्यात की विपुल संभावनाएं है जिसका दोहन किया जाना होगा।
सेवा क्षेत्र की चर्चा करते हुए श्री पाण्डे ने कहा कि पर्यटन में राजस्थान अग्रणीहै पर अब राजस्थान को शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में आगे आना होगा। उन्होंने बताया कि टाइज योजना में 40 करोड़ रुपये तक की सहायता उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्टेण्डर्ड टेस्टिंग व निर्यात सेवाओं के लिए टाइज योजना में केन्द्र विकसित करने के लिए केन्द्र सरकार 50 प्रतिशत सहयोग राशि उपलब्ध कराएगी।
उद्योग आयुक्त श्री कुंजी लाल मीणा ने बताया कि राजस्थान से 48 हजार करोड़ रुपये का वस्तु एवं सर्विस सेक्टर में निर्यात हो रहा था जिसे 2022 तक एक लाख 22 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश का 11 फीसदी डायमेंशनल स्टोन का निर्यात राजस्थान से हो रहा है वहीं हैण्डीक्राफ््ट, कारपेट, टैक्सटाइल, केमिकल, वूल, रेडिमेड गारमेंट एवं जेम ज्वैलरी के क्षेत्र में निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सेवा क्षेत्र में 12 हजार करोड़ का निर्यात हो रहा है जिसमें 10 हजार करोड़ से अधिक की भागीदारी टूरिज्म सेक्टर की है।
श्री मीणा ने बताया कि राज्य में राजस्थान एक्सपोर्ट काउंसिल के गठन की तैयारी है वहीं एक्सपोर्ट प्रमोशन व्यूरो बनाया जाएगा जिसमें 10 से 12 सेक्टरों के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने केन्द्र सरकार से राजस्थान में निर्यात संवद्र्धन को बढ़ावा देने और स्टेण्डर्ड के लिए टेस्टिंग लेब की स्थापना करने का आग्रह किया।
उन्होंने बताया कि उंट के दूध और दूध पाउडर के निर्यात की विपुल संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए वेटेनरी विश्वविद्यालय से कैमल मिल्क के मानक तय करने को कहा गया है।
निदेशक एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल ऑफ इण्डिया डॉ. एसके सक्सैना ने कहा कि राजस्थान से निर्यात की विपुल संभावनाएं हैं। उन्होंने निर्यातकों अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए निर्यात के लिए आगे आना चाहिए।
राजस्थान सीआईआई के चेयरमेन श्री बसंत खेतान ने रिजनल स्टेण्डर्ड कॉन्क्लेव के आयोजन का महत्व बताते हुए कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने, अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने और सब स्टेण्डर्ड सामान के आयात पर अंकुश लगाने के संयुक्त प्रयास किए जाने आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि ड्ब्लूटीओ में मानकों के अनुसार निर्यात होता है और इसके लिए नए और युवा निर्यातकों को अवेयर करने के लिए रिजनल कॉन्क्लेव आयोजित किए जा रहे हैं। सीआईआई के निदेशक नितिन ने स्वागत करते हुए कार्यक्रम की जानकारी दी। सीआईआई के श्री प्रणव कुमार ने भी विचार रखे।
कॉन्क्लेव में चार सत्रों में इण्डियन नेशनल स्टेण्डर्ड स्ट्रेटेजी पर श्री सुधांशु पाण्डे, अनुपम कौल और श्री अनिल जौहरी, गुड््सःएग्रीकल्चर, फूड प्रोसेसिंग व डेयरी और टैक्सटाइल पर श्री एस के सक्सैना, टीएस विश्वनाथ, श्री विकास जायसवाल, श्री मुरली कुल्लुम्मल और श्री प्रमोद सीवाच, सेवा क्षेत्र के सत्र में श्री सुधांशु पाण्डे, संगीता सक्सैना, श्री संजय श्रीवास्तव, श्री हिमांशु गोयल, एक्रीडिएशन एण्ड इंटरनेशनल इक्विलेंस पर श्री अनिल जौहरी, शशी रेखा, डॉ. अपर्णा धवन और मेन्यूफेक्चरिंग सत्र में अनुपम कौल, अमित मुकर्जी, डी गोस्वामी, प्राची कुकरेती ने हिस्सा लिया।