• September 26, 2022

87 प्रतिशत विवाहित किशोर लड़कियां स्कूल से बाहर : यूनिसेफ

87 प्रतिशत विवाहित किशोर लड़कियां स्कूल से बाहर :  यूनिसेफ

बचपन में विवाहित लड़की को आजीवन परिणाम भुगतने पड़ते हैं। युवा विवाहित लड़कियों के स्कूल में रहने की संभावना बहुत कम होती है – नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, आश्चर्यजनक रूप से 87 प्रतिशत विवाहित किशोर लड़कियां स्कूल से बाहर हैं। जबकि लड़कियों को स्कूल में रखना बाल विवाह के खिलाफ सबसे अच्छी सुरक्षा में से एक के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है, नए डेटा से पता चलता है कि इस हानिकारक प्रथा को खत्म करने के प्रयासों में शिक्षा कितनी प्रभावशाली हो सकती है।

77वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रांसफॉर्मिंग एजुकेशन समिट के अवसर पर, यूनिसेफ ने “बाल विवाह को समाप्त करने के लिए शिक्षा की शक्ति” शीर्षक से नया विश्लेषण जारी किया।

प्रमुख निष्कर्षों में:

बाल वधू बनने का सबसे अधिक खतरा लड़कियों को कम या बिना शिक्षा वाली होती है। स्कूली शिक्षा का हर साल मायने रखता है, लेकिन माध्यमिक विद्यालय के माध्यम से आगे बढ़ना विशेष रूप से सुरक्षात्मक है।

यदि सभी लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय पूरा कर लिया जाता है, तो बाल विवाह के स्तर में दो तिहाई (66 प्रतिशत) की गिरावट आने की संभावना है। यदि सभी लड़कियां उच्च शिक्षा जारी रखती हैं, तो स्तर 80 प्रतिशत से अधिक गिर जाएगा।

बाल विवाह के लिए शीर्ष 3 देशों में, 5 प्रतिशत से अधिक लड़कियां माध्यमिक विद्यालय समाप्त नहीं करती हैं।

मार्क हियरवर्ड
मुख्य डेटा अधिकारी
डेटा डिवीजन, एनालिटिक्स,
योजना और निगरानी
यूनिसेफ
*****************
कुरनेलियुस विलियम्स
निदेशक, बाल संरक्षण
कार्यक्रम समूह
यूनिसेफ

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply