• June 21, 2024

74 वर्षों से‌ कार्यरत अंग्रेजी टीम सिर्फ 30 मिनट में खत्म

74 वर्षों से‌ कार्यरत अंग्रेजी टीम सिर्फ 30 मिनट में खत्म

रूद्रेश‌ कुमार शर्मा ——– *74 वर्षों से लगा हुआ कलंक सिर्फ 30 मिनट में हटाया*

जिसका नाम संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह है।

* UNMO *United Nations Military Observer*

*विदेश मंत्री एस• जयशंकर  ने इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केवल 30 मिनट में इस पूरी समिति को अगले दस दिनों के भीतर भारत छोडने का आदेश दे दिया गया !*

*संयुक्त राष्ट्र की एक समिति संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह को भारत ने भारत से बाहर का रास्ता दिखा दिया है!*

*यह कमेटी 1948 से भारत में काम कर रही थी और कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के रवैए खासकर खुद भारत के रवैए पर पैनी नजर रख रही थी!*

*काम करने, घूमने, रहने, खाने-पीने, उठने-बैठने का सारा खर्च भारत उठा रहा था !*

*इस कमेटी ने भारत के खिलाफ काफी कड़े बयान दिए थे। उन्होंने कश्मीर को द्विपक्षीय मामला न बनाकर त्रिपक्षीय घोषित करने की कोशिश की और साथ ही भारत पर गंभीर आरोप लगाए जैसे “भारत हमारे, भारत और पाकिस्तान के एक के काम में बाधा डाल रहा है ताकि समिति ठीक से काम न कर सके”।*

*समिति यहीं नहीं रुकी… उन्होंने आगे कहा “वह राशि जो भारत हमें देता है हमारे खर्चों को कवर नहीं करता है।*
*इसलिए भारत को हमारे भत्ते और खर्च बढ़ाने होंगे और भारत को इसका भुगतान करना होगा!”*

*ऐसा हुआ कि जिस कुत्ते को हमने पाल रखा था, वह हमारा खा रहा था और हम पर ही भौंक रहा था और तो अब काटने भी लगा था।*

*इस पर भारत सरकार ने उनसे इतना ही कहा: “तुम्हारे नाटक से हमने बहुत कुछ सहा है। अब तुम यहाँ से फौरन चले जाओ”। “तुम्हारे लिए भारत में कोई जगह नहीं बची है!”*

*केवल 30 मिनट में मोदी सरकार ने उनका वीजा रद्द कर दिया और उन्हें भारत छोडकर तुरंत अपने देश जाने के लिए कहा…*

*अगले 10 दिनों के भीतर!!!*

*पिछले 74 वर्षों से भारत इनमें से 40 से अधिक लोगों का खर्च वहन कर रहा था, जिन्हें अब निर्वासित कर दिया गया है!*

यह कमिटी ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ प्रथम प्रधान मंत्री “जवाहर लाल नेहरू” की‌ सहमति से गठित हुआ था।

* 99% जनता को तो इसकी जानकारी ही नहीं है कि अंग्रेजो की एक टीम आज तक भारत पर राज कर रहीं थीं ।

 

Related post

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

कल्पना पांडे————-इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड…
और सब बढ़िया…..!   अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

और सब बढ़िया…..! अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

अतुल मलिकराम ——– सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर…
भाग्यशाली मैं ….  – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

भाग्यशाली मैं …. – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

(व्यंग लेख ) अतुल मलिकराम  :-   आज कल जीवन जीने का ढंग किसी राजा महाराजा जैसा…

Leave a Reply