- July 4, 2019
729 हत्याएं, 803 बलात्कार, 60 डकैती, 799 लूट और 2682 अपहरण
उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद आदित्यनाथ योगी सरकार जिस मुद्दे पर सबसे ज़्यादा नाकाम रहने के आरोप झेल रही है, वह है- कानून व्यववस्था. पिछले दिनों सरकार ने ख़ुद इस बात को स्वीकारा है कि अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं.
विधानसभा में एक सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सरकार के गठन से लेकर 9 मई तक राज्य में कुल 729 हत्याएं, 803 बलात्कार, 60 डकैती, 799 लूट और 2682 अपहरण की घटनाएं हुई हैं.
हालांकि विपक्षी दल इसी दौरान पिछले सालों में हुए अपराध का तुलनात्मक ब्यौरा चाहते थे लेकिन सरकार के पास वो उपलब्ध नहीं थे. विपक्ष का दावा है कि बीते सालों की तुलना में अपराध में तीस फ़ीसदी से ज़्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है.
विधानसभा में बीएसपी के नेता लालजी वर्मा ने आंकड़े देकर यह बताया और समाजवादी पार्टी भी ऐसा ही मानती है.
सपा नेता राजेंद्र चौधरी कहते हैं, ”अखिलेश यादव के समय में देश के 18 राज्यों से ज़्यादा अच्छी कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश में थी. ये नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का आंकड़ा था. ”
योगी का इशारा
सरकार दो महीने में ही अपराध की इतनी बड़ी सूची भले ही पेश कर रही हो लेकिन अपराध के मामले बढ़ने की वजह कुछ ऐसा बता रही है कि विपक्षी दलों का ग़ुस्सा और बढ़ गया है.
ख़ुद मुख्यमंत्री योगी ने सदन में कहा कि अपराध बढ़े नहीं हैं बल्कि वो बढ़े हुए इसलिए दिख रहे हैं कि क्योंकि पहले अपराध दर्ज नहीं होते थे, जबकि अब अपराध दर्ज हो रहे हैं.
विधानसभा में ये बात कहते हुए योगी ने सीधे तौर पर बीएसपी और समाजवादी पार्टी की ओर इशारा किया. योगी ने यह भी कहा कि हत्या की घटनाओं में पिछले साल की तुलना में पांच फ़ीसदी की कमी आई है.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पुलिस और प्रशासन को सरकार इस बारे में निर्देशित करती है कि मामले दर्ज किए जाएं या नहीं.
योगी के ख़िलाफ़ नारे और हंगामे से शुरू हुआ सत्र
आपत्ति
उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक रह चुके प्रकाश सिंह कहते हैं, ”बिल्कुल ऐसा होता है. यूपी में तो एक मुख्यमंत्री ने बाक़ायदा अफ़सरों को निर्देश दिए थे कि अपराध में सत्तर फ़ीसदी तक कमी आनी चाहिए और अफ़सरों ने कमी लाकर दिखा भी दिया.”
उन्होंने कहा, ”अपराध जादू की छड़ी से नहीं रुकता. ज़ाहिर है, अपराध न दर्ज करके आंकड़ों में इसे कम दिखा दिया.”
हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता राजेंद्र चौधरी ने इस बात से इनकार किया और सीएम योगी के आरोपों पर आपत्ति भी जताई.
जानकारों का कहना है कि सरकार के आंकड़े कुछ भी कहें, लेकिन अपराध की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. ऐसा तब है जब ख़ुद राज्यपाल भी इस बाबत नाराज़गी ज़ाहिर कर चुके हैं.
(बीबीसी हिन्दी०