• October 12, 2015

66 आचार्य-आचार्याओं व 65 भामाशाह सम्मान : – शिक्षा राज्यमंत्री

66 आचार्य-आचार्याओं व 65 भामाशाह  सम्मान : – शिक्षा राज्यमंत्री

जयपुर – शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने शिक्षा, संस्कार और राष्ट्रीय चरित्र की भावना को सर्वोपरि बताया है और कहा है कि नई पीढ़ी में इनके संवहन पर अधिकाधिक जोर दिया जाना चाहिए।
शिक्षा राज्यमंत्री रविवार शाम उदयपुर में विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे।
यह अभिनंदन समारोह विद्या भारती संस्थान, उदयपुर द्वारा जिले में संचालित विद्या निकेतन विद्यालयों के बोर्ड कक्षा 10 तथा 12 में श्रेष्ठ परिणाम देने वाले आचार्य-आचार्याओं तथा संस्थान की योजना से विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले आचार्य-आचार्याओं तथा जिले में विभिन्न स्थानों पर चल रहे विद्यालयों में आर्थिक योगदान करने वाले दानदाताओं के सम्मान में आयोजित किया गया।
समारोह में शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी एवं अतिथियोंं द्वारा 66 आचार्य-आचार्याओं तथा 65 भामाशाहों को सम्मानित किया गया।
अपने संबोधन में शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि देश व समाज की प्रगति के लिए नई पीढ़ी के विकास हेतु विद्या निकेतन विद्यालय बहुआयामी शैक्षिक कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि राजकीय पाठ्यक्रम में भारत और राजस्थान के वीर महापुरुषों और वीरांगनाओं के चरित्र का समावेश होगा।
समारोह की अध्यक्षता राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह टांक ने की जबकि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी विशिष्ट अतिथि थे।
समारोह के मुख्य वक्ता विद्या भारती राजस्थान के संगठन मंत्री श्री शिव प्रसाद ने मूल्यों पर आधारित शिक्षा की जरूरत पर बल दिया और विद्या की उपादेयता व मर्म को रेखांकित करते हुए कहा कि ज्ञान वह है जो अकला को कला से जोड़ देता है। इस दृष्टि से आज की शिक्षा में मूल्यों के साथ ही सामाजिक संवेदना का समावेश होना जरूरी है।
उन्होंने विद्या भारती के उद्देश्यों और गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्र भक्ति एवं सुसंस्कारित शिक्षा के साथ ही अभिनव प्रयोग करने वाला संगठन है। विद्या निकेतन विद्यालयों में भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों पर आधारित शिक्षा दी जाती है।
अध्यक्षीय उद्बोधन श्री गोविन्द सिह टांक ने प्रदान किया। विद्या भारती संस्थान उदयपुर का प्रस्तावना प्रतिवेदन जिला मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह राव ने प्रस्तुत किया।

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