63वीं नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) की बैठक : कुल परियोजना लागत 5,000 करोड़ रुपये से अधिक

63वीं नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) की बैठक  : कुल परियोजना लागत 5,000 करोड़ रुपये से अधिक
PIB Delhi————–नई दिल्ली के  वाणिज्य भवन  में, विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्स), डीपीआईआईटी श्रीमती सुमिता डावरा की अध्यक्षता में 63वीं नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) की बैठक  आयोजित की गई थी।

इस बैठक में सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच), नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए), रेल मंत्रालय (एमओआर), पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्‍ल्‍यू), दूरसंचार मंत्रालय (डीओटी), नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई), विद्युत मंत्रालय (एमओपी), रक्षा मंत्रालय और नीति आयोग सहित प्रमुख मंत्रालयों और विभागों की सक्रिय भागीदारी रही।

बैठक के दौरान, एनपीजी ने एमओआर (1) और एमओआरटीएच (2) से संबंधित तीन परियोजनाओं पर चर्चा की, जिनकी कुल परियोजना लागत 5,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इन परियोजनाओं में ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों से गुजरने वाली एक नई रेलवे लाइन परियोजना भी शामिल है। यह परियोजना देश के उत्तरी/पश्चिमी हिस्से में कोयला खदानों से विभिन्न उद्योगों/थर्मल बिजली संयंत्रों तक कोयला परिवहन की सुविधा को सहजता प्रदान करेगी। परियोजना का क्षेत्र विभिन्‍न कोयला ब्लॉकों के अंतिम छोर तक फैला हुआ है, यह वर्तमान रेलवे मुख्य लाइन पर परिवहन अवरोध को कम करेगा, समग्र दक्षता को बढ़ाएगा, साथ ही तटीय शिपिंग मार्ग के लिए खदानों को पाराद्वीप बंदरगाह से भी जोड़ेगा। इस चर्चा में नियोजित मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क तक अपनी पहुंच स्‍थापित करने के लिए रेल लाइन की योजना बनाते समय परियोजना के प्रतिच्छेदन को कम करने के लिए जंगल, साथ ही सड़क कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने का ध्‍यान रखा गया।

इस चर्चा में यह स्‍वीकार किया गया कि गतिशक्ति योजना पहल का प्राथमिक उद्देश्य प्रमुख औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्रों के साथ लिंक स्थापित करके मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। साथ ही भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को कुशलतापूर्वक अलग करना है। बुनियादी ढांचे के विकास से परे, ये परियोजनाएं व्यावसायिक संभावनाओं का विस्तार करके और स्थानीय सामाजिक-आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ाते हुए एक प्रभावशाली तरंग प्रस्‍तुत करने की महत्‍वाकांक्षा रखती हैं।

एनपीजी द्वारा मिर्ज़ापुर-अयोध्या कॉरिडोर का परिक्षण भी गया था और इसमें घनी आबादी वाले क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण शहरों के लिए बाईपास सड़कों का निर्माण शामिल है। इस परियोजना का अपेक्षित प्रभाव यात्रा के समय में उल्लेखनीय न्‍यूनता के साथ, समग्र लॉजिस्टिक्स दक्षता पर पर्याप्त होगा। इससे बढ़कर, यह सड़क परियोजना वाराणसी मल्टी-मॉडल टर्मिनल से कनेक्टिविटी में सुधार करती है, जो संभावित रूप से पर्यावरण के अनुकूल और लागत प्रभावी अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के हित में एक मॉडल बदलाव को बढ़ावा देती है।

इन ग्रीनफील्ड संरेखणों के निर्माण के पश्‍चात्, पर्याप्त वाणिज्यिक यातायात मुख्य शहर क्षेत्र को अलग करेगा और यातायात की भीड़भाड़ को कम करेगा। यह गलियारा पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करने के लिए तैयार है, जिसमें नौकरी के अवसर सृजन करना, पर्यटन और धार्मिक स्थलों तक बेहतर पहुंच प्राप्‍त करना और मार्ग के साथ प्रमुख आर्थिक केंद्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और कृषि क्षेत्रों तक बेहतर सड़क कनेक्टिविटी शामिल है। यह क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, गोदामों, वितरण केंद्रों और लॉजिस्टिक्स केंद्रों जैसे सहायक बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करेगा।

एनपीजी बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना, आंध्र प्रदेश में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के विकास पर चर्चा की गई। यह परियोजना आस-पास के औद्योगिक समूहों के लिए एकत्रीकरण और पृथक्करण केंद्र के रूप में कार्य करते हुए, मल्टी-मॉडल रेल-सड़क कनेक्टिविटी में सुधार और लंबी दूरी के बल्‍क माल ढुलाई परिवहन के लिए रेल के पक्ष में मोडल बदलाव के माध्यम से लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने के लिए तैयार है। सामरिक दृष्टि से बेंगलुरु और चेन्नई के निकट स्थित, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (एमएमएलपी) वर्तमान रेलवे लाइन के भी नजदीक है। यह स्थापन प्रमुख आर्थिक केंद्रों तक सर्वोत्‍कृष्‍ट कनेक्टिविटी और पहुंच सुनिश्चित करता है।

विशेष सचिव ने इस बात पर बल दिया कि ये परियोजनाएं परिवहन के विभिन्न अत्‍याधुनिक रूपों को एकीकृत करती हैं और पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करती हैं और यह परियोजनाएं क्षेत्रों के समग्र विकास में योगदान प्रदान करेंगी।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने मंत्रालयों से परियोजना योजना में क्षेत्र विकास योजना दृष्टिकोण को शामिल करने और बुनियादी ढांचे की कमियों की पहचान करने और एकीकृत योजना को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों और मंत्रालयों सहित स्थानीय अधिकारियों के साथ सुदृढ़ समन्वय सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। परियोजना योजना में पीएम गतिशक्ति एनएमपी पोर्टल के उपयोग के लाभों को भी एनपीजी सदस्यों द्वारा स्‍वीकार किया गया।

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