6 बारहसिंगा को कान्हा टाइगर रिजर्व

6 बारहसिंगा को कान्हा टाइगर रिजर्व

वन विभाग द्वारा 6 बारहसिंगा को कान्हा टाइगर रिजर्व से वन्य-प्राणी चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों की निगरानी में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में पुनस्थापित किया गया है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बोरी अभयारण्य में मुख्य वन्य-प्राणी अभिरक्षक श्री रवि श्रीवास्तव के निर्देशन में विमुक्त किया गया।

बारहसिंगा की मध्य भारत में पायी जाने वाली यह प्रजाति, ”हार्डग्राऊंड बारहसिंगा” के नाम से जानी जाती है। यह प्रजाति केवल मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व तक ही सीमित रह गयी थी। वर्ष 1970 के दशक में कान्हा टाइगर रिजर्व में भी इनकी संख्या मात्र 66 रह गयी थी एवं इनके विलुप्त होने का खतरा बढ़ गया था। कान्हा टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अथक प्रयासों से अब उनकी संख्या लगभग 600 तक पहुँच चुकी है। इसके बावजूद किसी भी वन्य-जीव प्रजाति का केवल एक स्थल तक सीमित होना उसके अस्तित्व के लिए गंभीर संकट कभी भी बन सकता है।

इसी तथ्य को ध्यान में रखकर वर्ष 2010 में कान्हा टाइगर रिजर्व से 20 बारहसिंगा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व ले जाये जाने की अनुमति पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली से चाही गई थी। गत वर्ष 3 नर एवं 4 मादा सहित 7 बारहसिंगा कान्हा टाइगर रिजर्व से जनवरी, 2015 में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गये। इसके बाद मार्च, 2015 को 2 नर एवं 6 मादा सहित 8 बारहसिंगा कान्हा टाइगर रिजर्व से पकड़ कर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बोरी में स्थानांतरित किये गये। इसके बाद पुनः 8 बारहसिंगा 15 मार्च, 2015 को स्थानांतरित किये गये। इस तरह गत वर्ष 16 बारहसिंगा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़े गये थे। अभी छोड़े गये 6 बारहसिंगा सहित अब वहाँ 22बारहसिंगा पुनस्थापित किये जा चुके हैं।

कान्हा टाइगर रिजर्व से वन विहार में 7 एवं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 22, इस प्रकार कुल 29 बारहसिंगा पुनस्थापित किये जा चुके हैं।

बिन्दु सुनील

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