• August 12, 2020

5,024 करोड़ रूपये की 217 योजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास

5,024 करोड़ रूपये की 217 योजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास

पटना ———:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पथ निर्माण विभाग की 5024 करोड़ रूपये की 217 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। आज के इस उद्घाटन कार्य में 508.98 करोड़ रुपए की गंडक नदी के बंगराघाट पर उच्चस्तरीय पुल तथा एस0एच0-78 बिहटा-सरमेरा के 68.50 कि0मी0 डुमरी सरमेरा खंड का निर्माण प्रमुख हैं।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पथ निर्माण विभाग को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि वर्ष के शुरुआत से ही लगातार वर्षा और कोरोना संक्रमण के दौरान कार्य में आयी बाधाओं के बावजूद कई योजनाओं को पूर्ण किया है, जिसका आज उद्घाटन किया गया है। 3516 करोड़ की लागत से 119 योजनाओं का आज उद्घाटन हुआ है तथा 1508 करोड़ की लागत से 98 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 के पूर्व सड़कों के निर्माण की स्थिति क्या थी, ये सभी लोग जानते हैं। वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद हमलोगों ने हर क्षेत्र में काम किया है। कानून का राज कायम किया है। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्रों में काम करने के साथ सड़क, पुल-पुलियों का भी बड़ी संख्या में निर्माण कराया गया है। 15 वर्षों से लगातार विकास के काम किए जा रहे हैं। वर्ष 2005-10 में विकास के कार्य किये गये। वर्ष 2010-15 में और ज्यादा विकास के कार्य हुये तथा वर्ष 2015-20 में लगातार अधिक से अधिक विकास के कार्य हुये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006-07 से 2009-10 तक 6735 कि0मी0, वर्ष 2009-10 से 2014-15 तक 9913 कि0मी0, 2015-16 से 2019-20 तक 10287 कि0मी0 राज्य उच्च पथों एवं वृहत जिला पथों का निर्माण तथा उन्नयन कार्य किये गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद वर्ष 2005 से 1 लाख 15 हजार 228 कि0मी0 ग्रामीण सड़कों का भी निर्माण तेजी से कराया जा रहा है, जिसमें 96 हजार 417 कि0मी0 का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। जबकि वर्ष 2006 तक मात्र 835 कि0मी0 ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी क्वालिटी की सड़कें बन रही हैं, इनके मेंटनेंस पर भी निरंतर कार्य किया जा रहा है। हमलोग सड़क निर्माण ही नहीं करते हैं बल्कि अनुरक्षण नीति के तहत उसका मेंटेनेंस भी करते हैं। सड़कों और पुलों के निर्माण के साथ-साथ उनकी मेंटेनेंस की भी नीति बनायी गई है। ओ0पी0आर0एम0सी0 की अवधि अब 5 वर्ष से बढ़ाकर 7 वर्ष कर दी गई है। सड़कों के मेंटेनेंस को लोक शिकायत निवारण कानून के दायरे में लाया गया है। इससे लोगों की षिकायतों का शीघ्र समाधान हो सकेगा तथा दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती इलाके से सड़क मार्ग द्वारा 6 घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है और अब 5 घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है। किशनगंज, वाल्मिकीनगर के क्षेत्र से अगर पटना 5 घंटे में लोग पहुंच जाएंगे, यह साधारण बात नहीं है।

बांका से पटना आने में भी लोगों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि सड़कों का निर्माण, सड़कों का चैड़ीकरण, अनेक पुल-पुलियों के निर्माण के साथ-साथ एप्रोच सड़कों का निर्माण लगातार कराया जा रहा है। सड़कों एवं पुलों कीे उच्च गुणवत्ता के साथ ही निर्माण और उसका निरंतर मेंटेनेंस हमलोगों की महत्वपूर्ण नीति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आवागमन को आसान बनाने के लिए हर जिला मुख्यालय बाइपास से जोड़े जा रहे हैं इससे ग्रामीण इलाके के लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने में सुविधा होगी। अधिकांष जिला मुख्यालयों के लिए बाइपास निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, शेष 7 जिला मुख्यालयों के बाइपास निर्माण की स्वीकृति अभी बाकी है, जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार द्वारा कई जरुरी कदम उठाए जा रहे हैं।

कई जगहों पर आर0ओ0बी0 (रोड-ओवरब्रिज) का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। पहले यह कार्य प्त्ब्व्छ द्वारा किया जाता था परंतु अब विभाग की क्षमता विकसित हो जाने के कारण पुल निर्माण निगम तथा पथ विकास निगम डी0पी0आर0 बनाकर रोड ओवरब्रिज बनायेंगे। प्रथम चरण में राज्य सरकार द्वारा 34 आर0ओ0बी0 का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। 58 जगहों पर जहां रेलवे क्रॉसिंग हैं उन्हें चिन्हित कर पथ निर्माण विभाग के द्वारा आर0ओ0बी0 का निर्माण कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के बेहतर निर्माण से कृषि कार्य तथा व्यापार में भी बढ़ोतरी हुई है। किसानों को बाजारों तक अनाज पहुंचाने में सहूलियत हो रही है, जिससे उन्हें उचित दाम मिल रहा है। लोगों की आमदनी भी बढ़ी है।

सड़कों की अच्छी स्थिति से गाड़ियों की खरीददारी बढ़ी है। अच्छी सड़कों के साथ बिजली की उपलब्धता से लोगों को रात्रि में भी आवागमन में सुविधा हो रही है। उन्होंने कहा कि सात निश्चय के अंतर्गत कार्य पूर्ण किए जा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत मिशन मोड में काम किया जा रहा है। 09 अगस्त, 2020 तक 2 करोड़ 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन उस दिन तक लक्ष्य से अधिक 3 करोड़ 47 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी को पिछले 15 वर्षों में किए गए कार्यों के बारे में बताना जरुरी है। उसके पूर्व जो कार्य हुए हैं उसके बारे में भी लोगों को बताएं। वर्ष 2005 के पूर्व जो भी सड़कें थीं उनकी तस्वीर, उनकी स्थिति लोगों को दिखाएं और वर्ष 2005 के बाद जितने भी पथों, पुलों के उन्नयन और निर्माण के कार्य हुए हैं उनकी तस्वीर भी लोगों को दिखाएं।

पथ निर्माण विभाग के साथ-साथ सूचना एवं जनसंपर्क विभाग लोगों तक इसकी जानकारी उपलब्ध कराने का काम करें। यह सच है कि पिछले 15 वर्षों के विकास कार्यों को देखने के बाद लोगों के मन में और विकास की इच्छा बढ़ी है जो कि स्वाभाविक है। हमलोग जो भी घोषणा करते हैं, लोगों को वचन देते हैं, उसे पूर्ण करने का भरपूर प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि हमलोगों को अगर बिहार की जनता फिर से सेवा का मौका देगी तो उन्हें आश्वस्त करते हैं कि हरेक बिंदुओं पर और बारीकी से कार्य होंगे, लोगों के और ज्यादा विकास की इच्छाएं पूर्ण होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंडक नदी पर 16 जून 2020 को सत्तर घाट पुल का उद्घाटन किया गया था और उसी गंडक नदी के आज बंगराघाट पर पुल का उद्घाटन किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में धनहाघाट-रतवलघाट पुल का निर्माण किया गया था, जिसका नामकरण गौतमबुद्ध सेतु किया गया था क्योंकि भगवान बुद्ध अपने अंतिम समय में इसी पथ से होकर गुजरे थे। पथ निर्माण विभाग इस पुल के नामकरण को गौतमबुद्ध सेतु के रुप में प्रचारित करे।

उन्होंने कहा कि गंगा नदी पर कच्ची दरगाह-विदुपुर पुल, बख्तियारपुर-ताजपुर पुल, अगवानीघाट-सुल्तानगंज पुल का निर्माण राज्य सरकार के द्वारा कराया जा रहा है। गंगा नदी पर केंद्र सरकार के द्वारा भी पुलों का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहटा-सरमेरा पथ के तहत डुमरी-सरमेरा खंड का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। यह अपने आप में यूनिक पथ है, जिसमें कई अंडर पास बनाए गए हैं। इससे कृषि कार्य करने वाले लोगों को कृषि यंत्रों एवं अन्य सामग्रियों को खेतों तक ले जाने में भी सहुलियत होगी और वे सुरक्षित भी रहेंगे, यह जानकारी भी आमलोगों तक पहुंचाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पटना और इसके पास बनने वाला रिंग रोड भी अपने आप में आवागमन के लिए महत्वपूर्ण होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी ने विकास कार्यों में अच्छी सड़कों की महत्त्वपूर्ण भूमिका के संबंध में बहुत पहले कहा था। सड़कों को बेहतर बनाने के लिए हमलोगों के द्वारा काफी कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा पूरी दुनिया में बना हुआ है, इससे निपटने के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं।

लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए निरंतर जागरुक किया जा रहा है। कल प्रधानमंत्री जी के साथ भी इस संबंध में विस्तृत चर्चा हुई थी। हमलोग आपदा राहत के कार्य में भी हमेशा तत्पर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने न्याय के साथ विकास किया है। हर क्षेत्र और हर तबके के विकास के लिए काम किया है।

कार्यक्रम के दौरान गंडक नदी के बंगरा घाट पर निर्मित उच्चस्तरीय पुल पर आधारित तथा बिहटा-सरमेरा पथ (एस0एच0-78) के डुमरी सरमेरा खंड के निर्माण कार्य पर आधारित लघु फिल्म दिखायी गई।

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री श्री नंदकिशोर यादव, अपर मुख्य सचिव, पथ निर्माण विभाग श्री अमृत लाल मीणा ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे। जबकि वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय, नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री सुरेश शर्मा, समाज कल्याण मंत्री श्री रामसेवक सिंह, सांसद श्री राजीव प्रताप रुढ़ी, सांसद श्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, सांसद श्री आलोक कुमार सुमन सहित विधायकगण, विधान पार्षदगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष श्री जितेंद्र श्रीवास्तव, बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री संजय कुमार अग्रवाल, छपरा, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर एवं नालंदा के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित पथ निर्माण विभाग के वरीय पदाधिकारीगण, अभियंतागण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुए थे।

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