5000 करोड़ के अल्पावधि ऋण मध्यकालीन ऋण में परिवर्तित

5000 करोड़ के अल्पावधि ऋण मध्यकालीन ऋण में परिवर्तित

मनोज पाठक——————प्राकृतिक आपदा से वर्ष 2015 में क्षतिग्रस्त खरीफ फसलों के प्रभावित किसानों के लिये सरकार द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण फैसले से 5000 करोड़ के अल्पावधि ऋण को मध्यकालीन ऋण में बदला गया है। इससे 10 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं।

संकट की घड़ी में हमेशा किसानों के साथ रहने वाली मध्यप्रदेश सरकार ने इस महत्वपूर्ण फैसले के जरिये किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है। उल्लेखनीय यह है कि अल्पावधि से मध्यकालीन ऋणों में किये गये परिवर्तन में भी किसानों को कोई ब्याज नहीं देना पड़ेगा। यह ऋण भी उन्हें जीरो प्रतिशत की दर से ही दिया जायेगा।

जिन किसानों की फसल 33 से 50 प्रतिशत के बीच खराब हुई है, उनके ऋण चुकाने की अवधि 2 साल नियत की गयी है। इसी तरह 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होने वाली फसल पर यह अवधि 3 साल रहेगी। राज्य शासन के इस निर्णय से प्रदेश के 10 लाख 43 हजार 398 किसान लाभान्वित होंगे। इनमें जबलपुर के 8,444, कटनी के 9,749, मण्डला के 1,101, बालाघाट के 11 हजार 69, छिन्दवाड़ा के 22 हजार 521, सिवनी के 31 हजार 265, नरसिंहपुर के 5,954, सागर के 23 हजार 711, दमोह के 16 हजार 294, पन्ना के 5,819, टीकमगढ़ के 9,771, छतरपुर के 46 हजार 424, रीवा के 22 हजार 583, सतना के 18 हजार 906, सीधी के 3,052, सिंगरोली के 2,657, शहडोल के 9,773, अनूपपुर के 5,151, उमरिया के 5,725, डिण्डोरी के 6,307, इंदौर के 37 हजार 558, धार के 24 हजार 279, झाबुआ के 14 हजार 180, बड़वानी के 10 हजार 18, खण्डवा के 39 हजार 53, सीहोर के 66 हजार 827, रायसेन के 29 हजार 449, विदिशा के 53 हजार 53, राजगढ़ के 39 हजार 71, बैतूल के 39 हजार 25, हरदा के 13 हजार 315, होशंगाबाद के 17 हजार 616, उज्जैन के 45 हजार 700, रतलाम के 39 हजार 413, मंदसौर के 82 हजार 395, नीमच के 44 हजार 596, देवास के 72 हजार 456, शाजापुर के 42 हजार 664, आगर-मालवा के 27 हजार 339, ग्वालियर के 2,786, शिवपुरी के 6,798, गुना के 8,995, दतिया के 335, भिण्ड के 4,274, मुरैना के 145, श्योपुरकला के 496 और भोपाल के 15 हजार 286 किसान शामिल हैं।

Related post

राहुल गांधी : अमेठी, वायनाड, अब रायबरेली  या  विरासत के सहारे जीत की तलाश

राहुल गांधी : अमेठी, वायनाड, अब रायबरेली या विरासत के सहारे जीत की तलाश

राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ भी नहीं कहा जा सकता। कांग्रेस की स्थिति कमोवेश…
सेबी से तिमाही आधार पर परिपत्र जारी करने का भी आह्वान  : श्री पी के रुस्तगी, अध्यक्ष, कॉर्पोरेट मामलों की समिति

सेबी से तिमाही आधार पर परिपत्र जारी करने का भी आह्वान : श्री पी के रुस्तगी,…

नई दिल्ली——अच्छी तरह से विनियमित पूंजी बाजार सकारात्मक आर्थिक गतिविधियों के लिए एक अच्छा चक्र बनाने…
अमित गुप्ता बनाम भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड : पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

अमित गुप्ता बनाम भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड : पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

नई दिल्ली    —एनसीएलटी  और पीएचडीसीसीआई की आईबीसी समिति ने माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले पर…

Leave a Reply