- December 23, 2021
50 मामले विचाराधीन—- कदाचार के दोषी पाये गये अधिवक्ताओं के विरुद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी है —- इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ ने कदाचार के दोषी पाए गए वकीलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की स्थिति के संबंध में बार काउंसिल ऑफ यूपी से जानकारी मांगी है।
जस्टिस राकेश श्रीवास्तव और जस्टिस शमीम अहमद की डिवीजन बेंच ने यूपी बार काउंसिल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया:
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अधिवक्ता यह सूचित करेंगे कि कदाचार के दोषी पाये गये अधिवक्ताओं के विरुद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी है। हम जानना चाहते हैं कि पिछले पांच वर्षों में कितने अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है और साथ ही वे किन जिलों से संबंधित हैं।
बेंच ने आपराधिक कार्यवाही के लंबित रहने के संबंध में जिला न्यायाधीश लखनऊ और पुलिस आयुक्त लखनऊ द्वारा दायर रिपोर्ट का भी संज्ञान लिया।
हाई कोर्ट ने कहा:
राम मनोहर नारायण मिश्रा, जिला न्यायाधीश, लखनऊ द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट दिनांक 11.12.2021 का अवलोकन किया गया, जिसमें 50 मामले लखनऊ जजशिप में अधिवक्ताओं के खिलाफ विचाराधीन हैं, जिनमें से 36 मामले मजिस्ट्रेट के पास और 14 मामले सत्र न्यायाधीश के समक्ष लंबित हैं।
आपराधिक मामले में बरी होने पर स्वतः अनुशासनात्मक जांच
हालांकि श्री डी.के. ठाकुर, पुलिस आयुक्त ने 74 मामलों में चार्जशीट दाखिल की है, जबकि जिला जज ने सिर्फ 50 मामलों का हवाला दिया है।
इसलिए कोर्ट ने जिला जज को स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय कर सभी 74 मामलों की स्थिति विस्तृत चार्ट में देने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा अदालत ने पुलिस आयुक्त को जांच का जल्द से जल्द निष्कर्ष सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। पुलिस आयुक्त यह भी सुनिश्चित करेंगे कि जिन 74 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया गया है या अधिकारियों द्वारा उनका अनुपालन किया गया है, उन पर प्रक्रिया जारी है।
चूंकि पुलिस आयुक्त ने अंतिम रिपोर्ट पर फिर से विचार करने के लिए कुछ समय के लिए प्रार्थना की, अदालत ने उन्हें प्रत्येक मामले की सावधानीपूर्वक जांच करने और अगली तारीख तक अपनी रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया।
मामले में अगली सुनवाई 10 जनवरी 2022 को होगी।