• September 2, 2016

5 विधेयक पारित // वेतन और भत्तों में वृद्धि // भाजपा व कांग्रेस विधायकों में भिड़ंत

5 विधेयक  पारित //  वेतन और भत्तों में वृद्धि // भाजपा व कांग्रेस विधायकों में भिड़ंत

चंडीगढ़,कमलजीत अविनाशी ————- हरियाणा विधानसभा में आज 5 विधेयक पारित किये गए, जिनमें हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2016, हरियाणा मोटर यान कराधान विधेयक, 2016, स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, करनाल, विधेयक, 2016, हरियाणा सुख-साधन कर (संशोधन) विधेयक, 2016 और हरियाणा विधानसभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन) संशोधन विधेयक, 2016 शामिल हैं।

हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2016, हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम 1975 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2016 को आज विधानसभा में पारित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य कोलोनाईजरों को परियोजनाओं को लागू करने हेतु वित्तीय लचीलापन देने के लिए सरकार द्वारा आंतरिक विकास कार्यों व बाह्य विकास शुल्क के लिए बैंक गारंटी देने के स्थान पर लाइसेंस प्राप्त भूमि को गिरवी रखने का विकल्प दिया गया है।

हरियाणा मोटर यान कराधान विधेयक, 2016 राज्य में मोटर यानों पर कर के उद्ग्रहण से संबंधित विधि को समेकित व विनियमित करने के लिए और उनसे संबंधित या उनसे आनुषंगिक मामलों के लिए उपबंध करने के लिए इस विधेयक को पारित किया गया। इस विधेयक का उद्देशय कर संग्रहण की प्रक्रिया को सरल तथा युक्तिसंगत बनाकर कर अनुपालन में सुधार करना है। मौजूदा प्रावधानों को मजबूत बनाकर तथा अतिरिक्त प्रावधानों को शामिल करते हुए मौजूदा कानून को और अधिक प्रभावी बनाने का ईरादा है।

स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, करनाल, विधेयक, 2016— अध्यापन तथा संबंधन के प्रयोजनों, आधुनिक चिकित्सा पद्धति व भारतीय चिकित्सा पद्धति में उचित व सु-व्यवस्थिकरण शिक्षण, प्रशिक्षण व अनुसंधान सुनिश्चित करने के साथ-साथ कल्पना चावला राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, करनाल के प्रशासन के लिए और उससे संबंधित या उससे आनुषंगिक मामलों के लिए करनाल में स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय स्थापित व निगमित करने के लिए स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, करनाल, विधेयक, 2016 विधेयक पारित किया गया।

हरियाणा सुख-साधन कर (संशोधन) विधेयक, 2016— हरियाणा सुख-साधन कर अधिनियम 2007 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा सुख-साधन कर (संशोधन) विधेयक, 2016 पारित किया गया है। अधिनियम को प्रभावशाली तरीके से लागू करने के लिए धारा 8 तथा धारा 9 की उप-धारा (1) के परंतुक को अलोप करने का प्रस्ताव है। कर के स्थान पर एकमुश्त राशि के प्रावधान के लिए एक नई धारा 10-क डालने का प्रस्ताव है। समिति की सिफारिशों को लागू करने हेतु धारा 11 की उप-धारा (7), (8) तथा (9) जिनमें पंजीकरण प्रमाणपत्र में संशोधन तथा रद्दकरण का प्रावधान है, को प्रतिस्थापित करने का प्रस्ताव है।

हरियाणा विधानसभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन) संशोधन विधेयक, 2016– हरियाणा विधानसभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन), 1975 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा विधानसभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन) संशोधन विधेयक, 2016 पारित किया गया। जीवन उपयोगी वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए विधानसभा के सदस्यों का वेतन 30,000 प्रतिमास से बढ़ाकर 40,000 रुपये प्रतिमास, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 30,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये प्रतिमास और कार्यालय भत्ता 10,000 रुपये प्रतिमास से बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रतिमास की गई है। सत्कार भत्ता 5000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रतिमास किया गया है। दैनिक भत्ता 1500 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर एक महीने में अधिकतम 15 दिनों के लिए 2000 रुपये प्रतिदिन, नि:शुल्क यात्रा सुविधा दो लाख रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर तीन लाख रुपये प्रतिवर्ष किया गया। इसके अतिरिक्त, निवास पर एक टेलीफोन के लिए टेलीफोन भत्ता 15,000 रुपये प्रतिमास से बदलकर आवास पर एक टेलीफोन और एक मोबाइल फोन कर दिया जाएगा। यह भी प्रस्तावित है कि उक्त अधिनियम की धारा 7क की उप-धारा 4(ख) को लोप किया जाए।

विधायकों के वेतन और भत्तों में वृद्धि- —-हरियाणा में विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ गए हैं। राज्य विधानसभा में इस बारे में संशोधन विधेयक को पारित कर दिया गया।यह मामला काफी समय से लंबित था। विधायकों के वेतन में 10 हजार रुपये और भत्ते में करीब 42500 रुपये मासिक की वृद्धि की गई है। इसके अतिरिक्त अन्य सुविधाओं में भी बढ़ोत्तरी की गई है।

राज्य के संसदीय कार्य मंत्री रामबिलास शर्मा ने बताया कि विधायकों के वेतन में 10 हजार रुपये की वृद्धि की गई है। अब हर विधायक को वेतन के मद में 30,000 रुपये की जगह 40,000 रुपये मिलेंगे। इसके अतिरिक्त कार्यालय भत्ता 10,000 की जगह 25,000 रुपये और अन्य खर्च भत्ता 5000 रुपये की जगह 10,000 रुपये मिलेंगे। विधायकों के दैनिक भत्ते को 1500 रुपये से 2000 रुपये प्रति दिन की दिया गया है। यह दैनिक भत्ता में अधिकतम 15 दिन का मिलेगा।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त विधायकों को टेलीफोन खर्च के रूप में 15000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इसेे अलावा विधायकों को मिलने वाले मुफ्त यात्रा सुविधा की राशि को दो लाख रुपये प्रति वष्र से बढ़ा कर तीन लाख रुपसे कर दिया गया है।

विधानसभा में हंगामा, भाजपा व कांग्रेस विधायकों में भिड़ंत- हरियाणा विधानशसभा में मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्य में कानून-व्यवस्था और जाट आरक्षण के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में तीखी नोकझोंक हुई। कांग्रेस और इनेलो विधायकों की भाजपा के मंत्रियों और विधायकों से तीखी बहस हुई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मेवात के तावडू में दो लड़कियों से रेप और हत्या मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाने का ऐलान किया।

विधानसभा में क़ानून व्यवस्था पर बहस के दौरान सत्ता पक्ष भाजपा और विपक्ष के बीच खूब भिड़ंत हुई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कानून-व्यवस्था पर चर्चा के दौरान ग्रीन ब्रिगेड का जिक्र किया तो इनेलो विधायकों ने विरोध में जबरदस्त हंगामा किया। ग्रीन ब्रिगेड इनेलो का संगठन था और इस पर उस समय काफी विवाद हुआ था।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार करते हुए कहा कि पहले जो हुआ वह हुआ पर अब हम ऐसी व्यवस्था बना कर जाएंगे की आगे से कोई भी सरकार आए किसी तरह की धांधली ना कर सके। हम भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने की व्यवस्था बनाने में लगे हैं।

इसके बाद विधानसभा में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस की गीता भुक्कल ने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने जाट आंदोलन के दौरान झज्जर में हुई आगजनी के घटनाक्रम को लेकर मनोहर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिसका घर जलता है जिसका हलका जलता है और जिसके घर में मौत होती है उसका दर्द वही जानता है। सरकार यह बताए कि यह आंदोलन उग्र क्यों हुआ। क्या यही गुजरात मॉडल है ।

इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। सत्तापक्ष भाजप और कांग्रेस के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंंक शुरू हो गई।

गीता भुक्कल ने कहा, जब मेरा क्षेत्र जल रहा था उस समय मैंने मुख्यमंत्री को कई बार फ़ोन कर स्थिति के बारे में बताया और मदद की गुहार लगाई। मैंने एडीजीपी (सीआईडी ) को भी सूचना दी, डीजीपी को भी हालात के बारे में बताया लेकिन किसी भी तरफ से कोई मदद नहीं मिली।

इसके बाद कैप्टन अभिमन्यू ने गीता भुक्कल और कांग्रेस पर पटलवार किया। उन्होंने कहा कि आज जो दर्द इस सदन में छलका है लेकिन यह पहले सामने क्यों नहीं आया। उन्होंने सवाल उठाया, क्या कांग्रेसी विधायकों ने उन लोगों की कभी निंदा की जो इस षड्यंत्र में शामिल थे, क्या उन्होंने प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह से कोई जवाब मांगा और कोई निंदा की? वे तब चुप क्यों थे।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, जाट आंदोलन के दौरान पूरे हरियाणा में जो घटनाक्रम हुआ वह काफी दुखदाई है। मैं सीबीआइ जांच का स्वागत करता हूं। अगर इस पूरे घटनाक्रम में मेरा या मेरे परिवार का थोड़ा भी दोष निकले तो मुझे फांसी चढ़ा देना, मैं उफ़ तक नहीं करूंगा। हुड्डा ने कहा कि वह इस सदन में सरकार से मांग करते हैं कि इस पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज से करवाई जाए।

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