400 अरब डॉलर का उत्पाद निर्यात लक्ष्य हमारी नजर में

400 अरब डॉलर का उत्पाद निर्यात लक्ष्य हमारी नजर में

PIB Delhi—– वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 650 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। श्री गोयल ने सभी प्रमुख निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि 400 अरब डॉलर का उत्पाद निर्यात लक्ष्य हमारी नजर में है और सेवा क्षेत्र को 250 अरब डॉलर के निर्यात के लिए प्रयास करना चाहिए।

श्री गोयल ने इस बात पर संतोष व्यक्त करते हुए कि भारत ने चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल से दिसंबर, 2022) के दौरान 300 अरब डॉलर के उत्पाद निर्यात को हासिल किया है। उन्‍होंने ईपीसी को आश्‍वस्‍त किया कि उनका मंत्रालय ईपीसी को हरसंभव मदद करेगा और उनकी समस्‍याओं को निपटाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा ताकि अगले वित्त वर्ष में कहीं अधिक बड़े निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सके।

श्री गोयल ने कहा कि हम इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में वस्तुओं के निर्यात के लिए कहीं अधिक लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा, ‘ओमिक्रोन संबंधी चिंता के बावजूद केवल दिसंबर में ही हमने 37 अरब डॉलर के वस्तु निर्यात लक्ष्य को छुआ। इस महीने 15 जनवरी तक तक के 15 दिनों में हम 16 अरब डॉलर के निर्यात तक पहुंच चुके हैं।’

श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्वयं ‘वृद्धिशील विकास’ के बजाय ‘परिवर्तनकारी परिणाम’ निर्धारित करते हुए गति निर्धारित की है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने ईपीसी और उद्यमियों से आग्रह किया कि वे कारोबारी सुगमता की दिशा में सरकार की पहल जैसे राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली के जरिये मंजूरी आदि का लाभ उठाएं। उन्होंने उद्योग प्रतिनिधियों को आश्‍वस्‍त किया कि विभिन्न एफटीए वार्ताओं के दौरान उनकी मांगों को आगे बढ़ाया जाएगा।

जीवन की सुगमता और कारोबारी सुगमता में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में बताते हुए श्री गोयल ने कहा कि अब 25,000 से अधिक अनुपालन कम कर दिए गए हैं।

मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार नए आइडिया पर गौर करने, हर स्तर पर उद्योग के साथ जुड़ने और एक सुविधाप्रदाता एवं भागीदार के रूप में काम करने के लिए तैयार है।

Related post

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…
जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

लखनउ (निशांत सक्सेना) : वर्तमान में दुनिया जिन संकटों का सामना कर रही है—जैसे जैव विविधता का…
मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

पेरिस/मोरोनी, (रायटर) – एक वरिष्ठ स्थानीय फ्रांसीसी अधिकारी ने  कहा फ्रांसीसी हिंद महासागर के द्वीपसमूह मायोट…

Leave a Reply