• March 20, 2018

32 वाँ वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत –9119 परिवादों में से 5107 परिवादों का निस्तारण– -लोकायुक्त

32 वाँ वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत –9119 परिवादों में से  5107 परिवादों का निस्तारण– -लोकायुक्त

जयपुर ———- राज्यपाल श्री कल्याण सिंह को लोकायुक्त जस्टिस श्री एस0एस0 कोठारी ने राजभवन में राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम की धारा 12(4) के अन्तर्गत 32 वाँ वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया ।
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राज्यपाल श्री सिहं को श्री कोठारी ने बताया कि गत 1 अप्रैल 2017 को उनके समक्ष 4312 परिवाद लम्बित थे तथा इस कालावधि में 4807 नवीन परिवाद प्राप्त हुए। इस प्रकार कुल 9119 परिवादों में से 5107 परिवादों का निस्तारण किया गया।

इससे पूर्व वर्ष 2016-17 में 5973, वर्ष 2015-16 में 4990, वर्ष 2014-15 में 3756 व 2013-14 में 3928 परिवादों का निस्तारण किया गया।

प्रतिवेदन की प्रति भेंट करते हुए राज्यपाल को लोकायुक्त ने बताया कि 28 फरवरी,.2018 तक लोकायुक्त संस्था के इतिहास में सर्वाधिक कुल 23982 परिवाद प्राप्त हुए और कुल 23754 परिवादों का निस्तारण किया गया।

राज्यपाल को लोकायुक्त ने बताया कि पूर्व वर्ष की भांति इस कालावधि में सर्वाधिक 885 शिकायतें राजस्व विभाग के विरूद्ध, 860 शिकायतें नगरीय विकास/स्वायत्त शासन विभाग के विरूद्ध, 814 शिकायतें पुलिस विभाग एवं 755 शिकायतें ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के विरूद्ध प्राप्त हुईं।

राज्यपाल श्री सिंह को श्री कोठारी ने बताया कि उनके कार्यकाल में 28 फरवरी, 2018 तक सर्वाधिक 4142 शिकायतें नगरीय विकास/स्वायत्त शासन विभाग के विरुद्ध, 3928 शिकायतें राजस्व विभाग के विरूद्ध, 3820 शिकायतें पुलिस विभाग के विरूद्ध एवं 3066 शिकायतें ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के विरूद्ध प्राप्त हुईं।

राज्यपाल को श्री कोठारी ने बताया कि इस प्रतिवेदन की कालावधि में समाचारपत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर जनहित के 27 प्रकरणों में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर कार्यवाही प्रारम्भ की गयी व सम्पूर्ण कार्यकाल में कुल 158 प्रकरणों में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर कार्यवाही प्रारम्भ की गयी।

राज्यपाल श्री सिंह को श्री कोठारी ने बताया कि इस प्रतिवेदन की कालावधि में लोकायुक्त सचिवालय के स्तर पर की गयी कार्यवाही के पश्चात् 791 प्रकरणाें में परिवादीगण को अनुतोष दिलाया गया। अनुतोष प्रकरणों की यह संख्या संस्था के इतिहास में सर्वाधिक है। इनमें माथुर आयोग से प्राप्त पत्रावलियां के 150 प्रकरण, राजस्व विभाग के 128, नगरीय विकास/स्वायत्त शासन विभाग के 122, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के 114 तथा पुलिस विभाग के 61 प्रकरणों में परिवादीगण को अनुतोष दिलाया गया। इसी प्रकार उनके कार्यकाल में 28 फरवरी, 2018 तक कुल 2315 प्रकरणों में परिवादीगण को अनुतोष दिलवाया गया जो संस्था के इतिहास में सर्वाधिक है। इनमें राजस्व विभाग के 444, नगरीय विकास/स्वायत्त शासन विभाग के 418, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के 319, माथुर आयोग से प्राप्त पत्रावलियों के 287 एवं पुलिस विभाग के 148 प्रकरणों में परिवादीगण को अनुतोष दिलवाया गया।

राज्यपाल को श्री कोठारी ने बताया कि इस प्रतिवेदन की कालावधि में लोकायुक्त सचिवालय की कार्यवाही पर विभिन्न प्रकरणों में 407 लोकसेवकों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाहियां प्रारम्भ/निर्णीत की गईं। इनमें से ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के 122, नगरीय विकास/स्वायत्त शासन विभाग के 78, खान एवं भू-विज्ञान विभाग के 46, पुलिस विभाग के 38, राजस्व विभाग के 32 एवं शेष अन्य विभागों के लोकसेवक हैं ।

लोकायुक्त सचिवालय की कार्यवाहियों का उल्लेख करते हुए राज्यपाल को लोकायुक्त श्री कोठारी ने बताया कि उनके कार्यकाल में 28 फरवरी,.2018 तक पर विभिन्न प्रकरणों में 1239 लोकसेवकों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाहियां प्रारम्भ/निर्णीत की गईं। इनमें से ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के 327, नगरीय विकास/स्वायत्त शासन विभाग के 225, राजस्व विभाग के 169, पुलिस विभाग के 104, खान एवं भू-विज्ञान विभाग के 48 एवं शेष अन्य विभागों के लोकसेवकगण हैं।

राज्यपाल को श्री कोठारी ने बताया कि इस प्रतिवेदन की कालावधि में कुल 768 अन्वेषण प्रकरणों में से 445 प्रकरणों का निस्तारण किया गया जिनमें से 222 अन्वेषणों में राज्य सरकार को लोकसेवकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की सिफारिश की गई। इसी प्रकार उनके सम्पूर्ण कार्यकाल में 28 फरवरी, 2018 तक कुल 836 में से 513 अन्वेषणों का निस्तारण किया गया जिनमें से 253 अन्वेषणों में राज्य सरकार को लोकसेवकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की सिफारिश की गई।

राज्यपाल श्री सिंह को श्री कोठारी ने बताया कि उनके कार्यकाल में माथुर आयोग से प्राप्त 1800 प्रकरणों का निस्तारण करके 31 जनवरी 2018 को माननीय राज्यपाल महोदय को समेकित जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

श्री सिहं को श्री कोठारी ने बताया कि उनकेे आदेश से खान आवंटन प्रक्रिया में की गई अनियमितताओं की जांच में 15 जिलों के कुल 185 प्रकरणों में अन्वेषण के उपरान्त दोषी पाये गये 32 लोकसेवकगण के विरूद्ध राज्य सरकार को अनुशासनात्मक कार्यवाही की सिफारिश की गई तथा 5 जिलों के कुल 80 प्रकरणों में प्रारम्भिक जांच के उपरान्त प्रथमदृष्टया दोषी पाये गये लोकसेवकों के विरूद्ध अन्वेषण प्रारम्भ किया जा चुका है।

श्री सिहं को लोकायुक्त ने बताया कि नियमित जांच कार्य के अतिरिक्त माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश की पालना में माथुर आयोग से प्राप्त प्रकरणों तथा उनके आदेश से 1 नवम्बर, 2014 से 12 जनवरी, 2015 की कालावधि में खान आवंटन प्रक्रिया में की गई अनियमितताओं की जांच का कार्य भी किया गया। लोकायुक्त संस्था के इतिहास में नियमित कार्य के अलावा दो अतिरिक्त विशेष जांचों का कार्य पहली बार हुआ है।

इस अवसर पर लोकायुक्त सचिवालय के प्रमुख सचिव डॉ. पदम कुमार जैन, राज्यपाल के सचिव श्री देवाशीष पृष्टि और राज्यपाल के विशेषाधिकारी डॉ. अजय शंकर पाण्डेय उपस्थित थे।

‘‘प्रेय से श्रेय की ओर. ’’ पुस्तक की प्रति भेंट – राज्यपाल श्री कल्याण सिंह को लोकायुक्त श्री एस.एस. कोठारी ने मंगलवार को यहां राजभवन में अपनी माता श्रीमती मदन कुमारी और पिता श्री धर्म सिंह कोठारी को समर्पित पुस्तक ‘‘प्रेय से श्रेय की ओर…..’’ की प्रति भेंट की ।

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