300 सौर दिवस की उपलब्धता

300 सौर दिवस की उपलब्धता

मध्यप्रदेश में सालभर के दौरान 300 सौर दिवस की उपलब्धता है। इस दौरान प्रतिदिन की सौर किरणें सौर परियोजनाओं की स्थापना के लिये आकर्षक वातावरण निर्माण करती हैं। राज्य में बहुतायत में उपलब्ध गैर-कृषि योग्य भूमि सौर परियोजना की स्थापना के लिये सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी गयी है।

प्रदेश में वर्ष 2013-14 के दौरान देशभर में सबसे ज्यादा 300 मेगावॉट क्षमता की सौर परियोजना स्थापित की गयी है। प्रदेश न केवल अब सबसे तेजी से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के मामले में आगे बढ़ रहा है, बल्कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में गुजरात और राजस्थान के साथ देश में 3 शीर्ष राज्य में से एक है। प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिये आकर्षक नीति बनायी गयी है। केन्द्रीय नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने जवाहरलाल नेहरू सोलर मिशन के द्वितीय चरण में 750 मेगावॉट क्षमता में से 220 मेगावॉट क्षमता की 7 परियोजना मध्यप्रदेश में स्थापित किये जाने को मंजूरी दी है।

रीवा जिले में राज्य शासन एवं सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा संयुक्त उपक्रम बनाकर 750 मेगावॉट क्षमता की अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना को भी मंजूरी दी गयी है। यह विश्व की सबसे बड़ी क्षमता वाली परियोजना है। सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिये प्रदेश में 20 हजार हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गयी है। मार्च, 2012 में जहाँ प्रदेश में सौर ऊर्जा की क्षमता 2 मेगावॉट थी, वह नवम्बर, 2014 में बढ़कर 354 मेगावॉट और मार्च, 2015 में प्रदेश में बढ़कर 466 मेगावॉट हो गयी है। प्रदेश में 31 मार्च, 2017 तक सौर ऊर्जा की क्षमता बढ़कर 2000 मेगावॉट होने का अनुमान है।

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