• January 23, 2016

30 दिसंबर 1943 को अंडेमान निकोबार पर तिरंगा : धनखड़

30 दिसंबर 1943 को अंडेमान निकोबार पर तिरंगा : धनखड़
30 दिसंबर 1943 को नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने फहराया था अंडेमान निकोबार पर तिरंगा : धनखड़
- नेता जी ने अंडेमान-निकोबार का नाम बदलकर रखा स्वराज और शहीद 
- झज्जर में नेता जी की 119वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री धनखड़ पहुंचे मुख्यातिथि 
झज्जर, 23 जनवरी  नेता जी सुभाष चंद्र बोस के 119वीं जयंती के अवसर पर शहर के पटवार भवन परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में हरियाणा सरकार के कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए। कार्यक्रम में भिवानी से सांसद धर्मबीर सिंह व पानीपत (ग्रामीण)से विधायक महीपाल ढांडा ने विशेष रूप से उपस्थित होते हुए नेता जी के दिखाए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। कृषि मंत्री श्री धनखड़ ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और उसके उपरांत रक्तदान शिविर का शुभारंभ करते हुए रक्तदाताओं को बैज लगाकर प्रोत्साहित भी किया। 23 AM @ Jhajjar03
नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री धनखड़ ने कहा कि देश को आजादी विधिवत रूप से भले ही 15 अगस्त 1947 को मिली किंतु यह नेता जी का संघर्ष और उनके प्रयास ही रहे कि आजाद हिंद फौज के सेनापति रहते हुए उन्होंनेे 30 दिसंबर 1943 को अंडेमान-निकोबार पर देश का तिरंगा फहराते हुए अंडेमान निकोबार का नाम बदलते हुए स्वराज और शहीद नाम रखा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए नेता जी अहम भूमिका निभाते हुए आगे बढ़े और अंग्रेजों को देश से बाहर करते हुए आजादी बुलंद की। उन्होंने कहा कि ऐसी महान विभुति को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
श्री धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस पार्टी आजादी के इतिहास को छिपाते हुए अपने परिवारवाद का महिमा मंडल करते रहे हैं। नेता जी के परिजनों को भी गुमराह करने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया है। भारतीय जनता पार्टी देश पर बलिदान होने वाले और आजादी के संघर्ष में सक्रिय भूमिका निभाने वाली हर शख्सियत का सम्मान करती है। यही कारण है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों को उनसे जुड़ी फाइलेें दिखाते हुए उन्हें सार्वजनिक करने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं अब भाजपा ऐसे लोगों के नाम भी सार्वजनिक करने का प्रयास करेगी जिन्होंने आजादी के दौरान देशभक्ति का जज्बा दिखाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।
उन्होंने इजराइल का उदाहरण देते हुए बताया कि जिस प्रकार इजराइल में यहूदियों के त्याग और बलिदान का उल्लेख करते हुए होलोकासट का म्यूजियम बना है और वहां पर यहूदियों के संघर्ष का परिचय नाम सहित किया गया है, ठीक उसी प्रकार अब भारत में भी भाजपा भारत देश के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करने का पूरा प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि देशभक्ति के तीर्थ स्थलों को उनका खोया मान-सम्मान वापस दिलाएं और बलिदानियों की पवित्र भूमि युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बने।

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