26.70 लाख प्रविष्टि की जाँच में मात्र 8,797 नाम दोहरे पाये गये

26.70 लाख प्रविष्टि की जाँच में मात्र 8,797 नाम दोहरे पाये गये

भोपाल : (प्रलय श्रीवास्तव)————मध्यप्रदेश की वोटर-लिस्ट के संबंध में एक राजनैतिक दल द्वारा विगत 3 जून को की गई शिकायत जाँच और भौतिक सत्यापन के बाद प्रमाणित नहीं पाई गई।

शिकायत की जाँच के संबंध में संबंधित जिला कलेक्टरों से 26 लाख 76 हजार 231 प्रकरणों की जानकारी प्राप्त हुई है। ये सभी प्रकरण 34 जिलों की 91 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित थे।

शिकायत वाले सभी 34 जिलों की वोटर लिस्ट में एक-एक मतदाता का भौतिक सत्यापन बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर करवाया गया।

कुल 22 लाख 60 हजार 158 मतदाताओं के सत्यापन में 20 लाख 34 हजार 172 मतदाता घरों में उपस्थित मिले। भौतिक सत्यापन में एक लाख 76 हजार 564 मतदाता के नाम वोटर लिस्ट में पूर्व से ही दर्ज नहीं पाये गये।

जाँच में कुल 49 हजार 422 (ASDR) मतदाता विलोपन (डिलीट) करने के योग्य पाये गये हैं, जिसमें से 28 हजार 909 अनुपस्थित, 11 हजार 716 मृत एवं 8 हजार 797 दोहरी प्रविष्टि वाले है।

इनके संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती सलीना सिंह ने आज यहाँ दी।

श्रीमती सलीना सिंह के अनुसार जिलों में हुए भौतिक सत्यापन और विस्तृत जाँच में 90 प्रतिशत मतदाता संबंधित विधानसभा क्षेत्र में निवासरत होना पाये गये। इसी तरह 7.81 प्रतिशत मतदाता पहले से ही वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं होना पाये गये।

मात्र 2.19 प्रतिशत मतदाता ही विलोपन (डिलीट) करने योग्य पाये गये हैं, जो अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत अथवा दोहरी प्रविष्टि (ASDR) वाले है। इस प्रकार मात्र 2 या 3 मानकों पर आधारित शिकायत भौतिक सत्यापन में प्रमाणित नहीं पाई गई है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि शिकायत में प्राप्त सभी सीडी को संबंधित जिलों को भेजकर पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ जाँच एवं भौतिक सत्यापन करवाया गया है। पिछले एक पखवाड़े के दौरान जिलों में पूरा निर्वाचन अमला इस कार्य में जुटा रहा।

शिकायत में उल्लेखित मतदाताओं के भौतिक सत्यापन के लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों ने विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों से लेकर बीएलओ/बीएलओ सुपरवाईजर से मतदान केन्द्रवार जाँच करवाई। भौतिक सत्यापन में मतदाताओं के हस्ताक्षर एवं मोबाइल नंबर भी लिए गये हैं।

भौतिक सत्यापन में मतदाताओं की पहचान वोटर आईडी, आधार कार्ड या अन्य आईडी प्रूफ के द्वारा करवाई गई है। ऐसे मतदाता जो उपस्थित नहीं मिले, उनके संबंध में परिवार के मुखिया या सदस्य अथवा स्थानीय निवासियों से सत्यापन करवाकर जानकारी एकत्रित की गई है।

श्रीमती सलीना सिंह ने बताया कि उक्त शिकायत विगत जनवरी 2018 में प्रकाशित फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली के डाटा के आधार पर की गई, जबकि प्रदेश में जनवरी से ही निरंतर अद्यतन की कार्यवाही की जा रही है।

वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण अभियान के दौरान जनवरी से मई माह तक कुल 10 लाख 31 हजार 812 अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत एवं दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाताओं के नाम हटाने का कार्य किया जा चुका है। यह कार्य अभी भी सतत जारी है।

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