255 करोड़ 64 लाख रुपये की लागत से 2 योजनाओं का कार्यारंभ एवं 4 योजनाओं का शिलान्यास

255 करोड़ 64 लाख रुपये की लागत से 2 योजनाओं का कार्यारंभ एवं 4 योजनाओं का शिलान्यास

पटना——-:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कैमूर जिले के दुर्गावती प्रखंड स्थित इन्टरस्तरीय उच्च विद्यालय, धनेछा प्रांगण में आयोजित समारोह में 255 करोड़ 64 लाख रुपये की लागत वाली जल संसाधन विभागान्तर्गत 2 योजनाओं का कार्यारंभ एवं 4 योजनाओं का शिलान्यास रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर किया।

इस अवसर पर स्कूल प्रांगण में लगी प्रदर्शनी का रिबन काटकर उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने इसका अवलोकन किया। प्रदर्शनी के अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र, श्रम संसाधन विभाग, परिवहन विभाग, जिला उद्योग केंद्र, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, जिला स्वास्थ्य समिति एवं बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति के तहत चलायी जा रही लोक कल्याणकारी योजनाओं की वर्तमान स्थिति से अवगत हुए।

इस दौरान कुशल युवा कार्यक्रम के तहत (लर्निंग फेसिलिटेटर के पद हेतु) नियुक्ति प्रमाण-पत्र, प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र, आर्थिक हल युवाओं का बल के अन्तर्गत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना, मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना और सतत् जीविकोपार्जन योजना के लाभुकों के बीच मुख्यमंत्री ने चेक एवं प्रमाण पत्र वितरित किये। जनसभा को लेकर बने मंच पर जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण ने मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया।

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन दो योजनाओं का कार्यारंभ एवं 4 योजनाओं का शिलान्यास हुआ है, इससे मुझे बेहद खुशी हुई है और मैं इसके लिए जल संसाधन विभाग को बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम के माध्यम से कर्मनाशा मुख्य नहर विस्तार का कार्यारम्भ हुआ है, जिसे जून 2020 तक पूर्ण करने का लक्ष्य जल संसाधन विभाग ने निर्धारित किया है इसलिए मुझे पूरा भरोसा है कि काम समय पर पूर्ण होगा।

उन्होंने कहा कि योजनाओं को लक्ष्य के अनुरूप निर्धारित समय सीमा के अंदर अवष्य पूरा करें। उन्होंने कहा कि हम हमेशा कहते रहे हैं कि अगर समय पर काम पूरा नहीं करना हो तो हमें कार्यक्रम में आमंत्रित नही करें। उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है और प्रारंभ से ही इस बात को ध्यान में रखते हुए हम शिक्षा, स्वास्थ्य, पथ निर्माण, समाज कल्याण, बिजली सहित हर क्षेत्र में विकास का काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार में सड़कों की जो स्थिति थी, उससे आप सभी अवगत हैं। उत्तर प्रदेश और झारखंड में तो बड़े आराम से लोग चलते थे लेकिन जैसे ही उनकी गाड़ी खड़खड़ाती थी तो वे समझ जाते थे कि उनकी गाड़ी बिहार में प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने कहा कि पहले बिहार के दूरदराज के इलाकों से पटना पहुंचने के लिए 6 घंटे का लक्ष्य निर्धारित था उसे हासिल कर लेने के बाद अब 5 घंटे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए नए सड़कों का निर्माण, पुरानी सड़कों का चैड़ीकरण, पुल-पुलियों का निर्माण और जहाँ भी सड़क पार करने की आवश्यकता है, वहां अंडरपास एवं एलिवेटेड सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पटना से बक्सर के बीच बनने वाले 4 लेन और पुल का निरीक्षण करते हुए आज हम करकटगढ़ पहुंचे, जहां जाकर हमने जल प्रपात को देखा। इसके पूर्व नवादा जिले के विख्यात जल प्रपात (ककोलत) को देखने के बाद उसे ईको टूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए कई चीजें हमने तय कर दी। उन्होंने कहा कि करकटगढ़ बहुत ही वंडरफुल जगह है और वहां जाकर अद्भुत दृश्य देखने के बाद हमने वन एवं पर्यावरण विभाग को इसे भी ईको टूरिज्म के रूप में विकसित करने का निर्देश दे दिया है।

करकटगढ़ के बगल में आदिवासी समाज का जो गाँव है, वहां के लोगों को भी इसमें (ईको टूरिज्म) शामिल करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हम तो समझते थे कि केवल बाल्मीकिनगर में हीं टाइगर प्रोजेक्ट है लेकिन यहां आकर पता चला कि यहां भी दो बाघ हंै। यह काफी अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि रोहतास और कैमूर का ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्व है। उन्होंने कहा कि रोहतासगढ़ के पहाड़ पर ऑफ ग्रिड के माध्यम से उपलब्ध कराई गई बिजली को जाकर हमने देखा है। कैमूर में पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दो नदियों का यहां उद्गम स्थल है, जिसे देखने के लिए इस महीने के अंत मंे या फरवरी के प्रथम सप्ताह में हम पुनः यहां आएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के 22 जिले बाढ़ प्रभावित होने के कारण अधिकांश विभागीय अधिकारी उसी में लगे रहते थे, जिसके कारण सिंचाई परियोजनाएं लम्बित पड़ी रहती थीं और 100 करोड़ की परियोजना 1000 करोड़ तक पहुंच जाती थी। दुर्गावती परियोजना को पूरा करने में 800 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े है। उन्होंने कहा कि अब सिंचाई विभाग को दो हिस्से में बांटकर बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई का काम अलग-अलग सौंप दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप वर्षों से लम्बित पड़ी सिंचाई परियोजनाएं पूरी हुई हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़कों के निर्माण के बाद सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ी हंै, जिसे देखते हुए फुट ओवरब्रिज और अंडरपास बनाये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर इच्छुक परिवार तक 25 अक्टूबर 2018 तक बिजली पहुंचाने के बाद इस साल के 31 दिसम्बर तक कृषि फीडर के माध्यम से सिंचाई हेतु हर इच्छुक किसानों को बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराने के साथ-साथ जर्जर बिजली के तारों को बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जर्जर तारों को बदलने के लिए राज्य सरकार ने योजना को मंजूरी देकर पैसे का आवंटन भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोग ढिबरी और लालटेन से ही काम चलाते थे, जिससे रात में बच्चों को पढ़ने में परेशानी होती थी।

अंधेरे में बच्चा घर से बाहर नहीं निकले इसलिए भूत का भय दिखाकर परिवार के लोग बच्चों को घर के अंदर रखते थे लेकिन अब बिहार के हर घर में बिजली पहुंचने से भूत भाग गया और लालटेन भी खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि काम करने में ही हमारी दिलचस्पी है और काम के सहारे ही हमलोग जनता की सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की ऐतिहासिक भूमिका रही है और हम इस क्षेत्र को कृषि के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी आगे बढ़ाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंटर के बाद आगे की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या बिहार में काफी कम थी, जिसके कारण बिहार का ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 13.9 प्रतिषत था, जबकि देश का औसत 24 प्रतिशत है। हमने ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो को राष्ट्रीय औसत से भी आगे 30 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है, इसके लिए हमने सात निश्चय योजना की शुरुआत कर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से इंटर से आगे की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए 4 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण का प्रावधान किया है। जनसभा में शामिल लोगों से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अपने बच्चों को पढ़ाइये।

बच्चों को पढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने लोगों को सूर्य के समक्ष हाथ उठाकर संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से मिलने वाले ऋण को 82 किश्तों में भुगतान करना है और अगर उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी रोजगार नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में उन्हें ऋण लौटाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाज में प्रेम, शांति, सद्भाव कायम रहेगा, तभी विकास का लाभ मिलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनसभा में मौजूद लोगों को नववर्ष एवं मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम में जिलाधिकारी एवं सिंचाई (सृजन) के अभियंता प्रमुख श्री राम पुकार सिंह ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंट किया।

जनसभा को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, जल संसाधन मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पथ निर्माण मंत्री श्री नंदकिशोर यादव, परिवहन मंत्री श्री संतोष निराला एवं विधायक श्री अशोक कुमार सिंह ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर विधायक श्री निरंजन राम, विधायक श्रीमती रिंकी रानी पाण्डेय, विधान पार्षद श्री संतोष कुमार सिंह, पूर्व सांसद श्री महाबली सिंह कुशवाहा, जदयू जिलाध्यक्ष श्री प्रमोद कुमार सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री जितेंद्र पाण्डेय, लोजपा जिलाध्यक्ष श्री रामयश कुशवाहा, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, प्रधान सचिव पथ निर्माण श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, पुलिस महानिरीक्षक श्री बच्चू सिंह मीणा, जिलाधिकारी श्री नवल किशोर चैधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारीगण, जल संसाधन विभाग के अभियंतागण एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

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