• September 8, 2015

243 सीटों पर चुनाव : अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की रिश्तेदारी अलग है और राजनीति अलग – समाजवादी पार्टी

243 सीटों पर चुनाव : अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की रिश्तेदारी अलग है और राजनीति अलग – समाजवादी पार्टी

बिहार –    (हिंदुस्तान) –   समाजवादी पार्टी(सपा)के बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने और वाम दलों के एक साथ चुनावी समर में जाने के फैसले से बिहार का चुनावी दंगल बहुकोणीय होना तय है।

सपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष रामचन्द्र यादव ने आज यहां बिहार की सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की रिश्तेदारी अलग है और राजनीति अलग।

सीटों का बंटवारा हो रहा था तो श्री लालू प्रसाद यादव ने क्यों नहीं कहा कि सपा को इतनी कम सीटें देना ठीक नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पहले तो मुलायम सिंह यादव के लिए महागठबंधन के नेता कसीदे पढ़ रहे थे लेकिन जब मुख्यमंत्री पद के लिए श्री नीतीश कुमार के उम्मीदवारी की घोषणा हो गयी तो राजद सुप्रीमो उनके गुणगान में लग गये।

यादव ने कहा कि उनकी पार्टी वाम दल और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश कर रही है, यदि यह प्रयास सफल हुआ तो ठीक, नहीं तो पार्टी सपा चुनाव में अकेले उतरेगी। उन्होंने कहा कि श्रीनीतीश कुमार ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर धोखा किया है।

नेता चुने जाने के बाद श्री कुमार ‘राहुल चालीसा’ और ‘सोनिया चालीसा’ पढ़ने लगे। उन्होंने कहा कि सपा सुप्रीमो ने ही श्री कुमार को गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनवाया लेकिन उसके बनने के बाद श्री कुमार ने उन्हें धोखा दिया।

छह वाम दलों ने आज यहां फैसला किया है कि वे बिहार विधानसभा चुनाव में किसी अन्य दल के गठबंधन किये बगैर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर चुनाव लडेंगे।

सपा और वाम दलों की घोषणा से जदयू के नेतृत्व वाले महागठबंधन की मुश्किलें बढ़नी तय हैं क्योंकि अब भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन राजग और सत्तारूढ़ जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन के बीच होने वाला सीधा मुकाबला बहुकोणीय हो गया है।

सपा की इस घोषणा से एक बात तो स्पष्ट हो गयी है कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अब उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ यह पार्टी राज्य में महागठबंधन का हिस्सा नहीं होगी, जो महागठबंधन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होने वाली। इसके साथ ही श्री मुलायम सिंह यादव को मनाने और महागठबंधन में सपा के फिर से वापस लाने की सभी कोशिशें विफल हो गई हैं।

गठबंधन में वापस आने से सपा के इनकार के बाद श्री लालू प्रसाद यादव और श्री नीतीश कुमार की परेशानी बढ़ गई है। सीटों के विवाद के चलते राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पहले ही महागठबंधन से अलग हो चुकी है। विधानसभा चुनाव में भाजपानीत राजग के खिलाफ वोटों के बिखराव को रोकने के लिए लालू-नीतीश ने महागठबंधन बनाया था, लेकिन चुनाव से पहले सपा और राकांपा अलग हो गए जो महागठबंधन के लिए अच्छी खबर नहीं है।

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