- April 23, 2016
24 अप्रैल राष्ट्रीय पंचायती दिवस : जमशेदपुर,झारखंड में पंचायती राज सम्मेलन :- प्रधानमंत्री
इस सम्मेलन में देश भर से 3,000 से अधिक पंचायत प्रतिनिधि भाग लेंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन को देश की सभी ग्राम सभाओं में लाइव दिखाया जाएगा। देश के गांवों में लोग प्रधानमंत्री को सुनने के लिए एकत्रित होंगे।
पंचायती राज मंत्रालय 2010 से 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मना रहा है। 1993 में 24 अप्रैल को ही 73वां संविधान संशोधन अधिनियम लागू हुआ था। अभी तक राष्ट्रीय पंचाय़ती राज सम्मेलन समारोह दिल्ली में ही होता था लेकिन इस वर्ष से ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस देश की सभी ग्राम पंचायतों( चुनाव वाले राज्यों की पंचायतों को छोड़कर) में मनाया जाएगा क्योंकि 21-24 अप्रैल, 2016 के बीच ग्राम सभाएं होंगी।
3000 से अधिक प्रतिनिधियों वाले इस सम्मेलन को ग्रामीण विकास , पेयजल तथा स्वच्छता और पंचायती राज मंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री संबोधित करेंगे। देश के सभी गांवों में लोग एकत्रित होकर प्रधानमंत्री के संबोधन को सुनेंगे । इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री इस अवसर पर प्रतिष्ठित पुरस्कार भी देंगे
- संचयी विकेंद्रीकरण सूचकांक पुरस्कार अधिकतम शक्ति विकेंद्रित करने वाले राज्य- केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा सिक्किम।
- वृद्धि परक विकेंद्रीकरण सूचकांक पुरस्कार पिछले तीन वर्षों में अधिकतम शक्ति विकेंद्रित करने वाले राज्य आंध्र प्रदेश, सिक्किम तथा ओडिशा।
- अपने पंचायत विस्तार कानूनों को अधिसूचित क्षेत्र अधिनियम 1996 से जोड़ने में अधिक प्रगति करने वाले राज्यों की श्रेणी में पहली बार मध्य प्रदेश और गुजरात का चयन।
- पंचायतों को ई- सहज बनाने में सर्वाधिक प्रयास करने वाले राज्य – कर्नाटक , केरल , पश्चिम बंगाल तथा असम हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री विकेंद्रीकरण सूचकांक रिपोर्ट के साथ पंचायती राज मंत्रालय के नए शासनादेश को भी जारी करेंगे।
केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा पेयजल और स्वच्छता मंत्री चौधरी बिरेन्दर सिंह श्रेष्ठ कार्य करने वाली पंचायतों और ग्राम सभाओं को पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार और राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार देंगे। ये पुरस्कार 183 पंचायतों को दिए जाएंगे। इनमें 21 जिला पंचायतें , 39 ब्लाक और मझोली पंचायतें तथा 123 ग्राम पंचायतें शामिल हैं।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मद्देनजर देश भर में (जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, उन्हें छोड़कर) 21 से 24 अप्रैल, 2016 के बीच ग्राम सभा की बैठकें हो रही हैं। गांवो में प्रभातफेरियां (या मोर्निंग वाक) आयोजित की जा रही हैं। स्वच्छता पर कार्यक्रम हो रहे हैं। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ कई तरह के खेल कार्यक्रम भी चल रहे हैं। ग्राम सभाएं इन मुद्दों पर चर्चा कर रही हैं : –
- स्थानीय आर्थिक विकास के लिए ग्राम पंचायत विकास योजनाएं
- पंचायती राज संस्थाओं के पास उपलब्ध धन का उपयुक्त उपयोग,
- स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता
- गांवों और ग्रामीण विकास में महिलाओं की भूमिका
- सामाजिक समावेश
जागरूकता बढ़ाने के लिए ग्राम सभाओं में विभिन्न तरह की सामाजिक-आर्थिक योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों व किसानों के साथ साझा की जा रही है। राज्य पूरे उत्साह के साथ इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। केंद्र सरकार के लगभग 300 अधिकारी ‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’ के कार्यक्रमों में शिरकत करने के लिए विभिन्न जिलों में जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और पंचायतों के साथ मिलकर ‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’ शुरू किया है। यह अभियान डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल, 2016 को शुरू हुआ और 24 अप्रैल, 2016 को पंचायती राज दिवस के साथ इसका समापन होगा। हालांकि कुछ राज्यों, जैसे कि मध्य प्रदेश, ने यह अभियान 45 दिन और आगे बढ़ा दिया है।
इस अभियान में देश भर में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। इसके माध्यम से गांवों में सामाजिक सद्भाव को बढ़ाने, ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने,और किसान कल्याण एवं गरीबों की आजीविका संबंधी कार्यों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल, 2016 को ‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’का उद्घाटन किया था। 14 अप्रैल से 16 अप्रैल, 2016 तक सभी ग्राम पंचायतों में एक ‘सामाजिक सद्भाव कार्यक्रम’ आयोजित किया गया। इसके बाद 17 अप्रैल से 20 अप्रैल, 2016 के बीच ग्राम पंचायतों में ग्राम किसान सभाओं को आयोजन किया गया। अनुसूची पांच में शामिल 10 राज्यों से आईं आदिवासी महिला ग्राम पंचायत की अध्यक्षों की राष्ट्रीय बैठक 19 अप्रैल,2016 को विजयवाड़ा में आयोजित हुई। इस राष्ट्रीय बैठक का विषय था – अनुसूची पांच संबंधी क्षेत्रों के विकास में महिला ग्राम पंचायतों की भूमिका’।