- February 6, 2024
2021 और 2031 के लिए औसत वार्षिक प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता क्रमशः 1486 घन मीटर और 1367 घन मीटर
‘जल’ राज्य का विषय होने के कारण, जल संसाधनों के संवर्धन, संरक्षण और कुशल प्रबंधन के लिए कदम, जो प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता के मुद्दे पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं, मुख्य रूप से संबंधित राज्य सरकारों द्वारा उठाए जाते हैं। राज्य सरकारों के प्रयासों को पूरा करने के लिए, केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
भारत सरकार, राज्य के साथ साझेदारी में, 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में नल के जल की आपूर्ति का प्रावधान करने के लिए जल जीवन मिशन (जेजेएम) लागू कर रही है।
भारत सरकार ने जल आपूर्ति की सार्वभौमिक कवरेज सुनिश्चित करने और शहरों को ‘जल सुरक्षित’ बनाने के लिए देश के सभी वैधानिक कस्बों को कवर करते हुए 1 अक्टूबर, 2021 को अमृत 2.0 लॉन्च किया है।
जल का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार 2015- 16 से प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) लागू कर रही है। पीएमकेएसवाई-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) के तहत, राज्यों के परामर्श से 2016-17 के दौरान 99 चालू प्रमुख/मध्यम सिंचाई परियोजनाओं और 7 चरणों को प्राथमिकता दी गई थी, जिनमें से 58 प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के एआईबीपी कार्यों को वर्तमान तिथि तक पूरा होने की सूचना दी गई है। 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए पीएमकेएसवाई के विस्तार को भारत सरकार द्वारा 93,068.56 करोड़ रुपये के समग्र परिव्यय के साथ मंजूरी दे दी गई है।
कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट (सीएडीडब्ल्यूएम) प्रोग्राम को 2015- 16 से पीएमकेएसवाई – हर खेत को जल – के तहत लाया गया है। सीएडी कार्यों को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य निर्मित सिंचाई क्षमता के उपयोग को बढ़ाना और सहभागी सिंचाई प्रबंधन (पीआईएम) के माध्यम से स्थायी आधार पर कृषि उत्पादन में सुधार करना है।
सिंचाई, औद्योगिक और घरेलू क्षेत्र में जल के कुशल उपयोग को बढ़ावा देने, विनियमन और नियंत्रण के लिए जल उपयोग दक्षता ब्यूरो (बीडब्ल्यूयूई) की स्थापना की गई है। ब्यूरो देश में सिंचाई, पेयजल आपूर्ति, बिजली उत्पादन, उद्योग आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में जल उपयोग दक्षता में सुधार को बढ़ावा देने के लिए एक सुविधा प्रदाता होगा।
“सही फसल” अभियान पानी की कमी वाले क्षेत्रों में किसानों को ऐसी फसलें उगाने के लिए प्रेरित करने के लिए शुरू किया गया था जो जल की अधिक खपत नहीं करती हैं लेकिन जल का बहुत कुशलता से उपयोग करती हैं; और आर्थिक रूप से लाभकारी हैं; स्वस्थ और पौष्टिक हैं; क्षेत्र की कृषि – जलवायु-हाइड्रो विशेषताओं के अनुकूल हैं; और पर्यावरण के अनुकूल हैं।
मिशन अमृत सरोवर को भविष्य के लिए जल संरक्षण के उद्देश्य से आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के एक भाग के रूप में 24 अप्रैल, 2022 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर लॉन्च किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है।
जल शक्ति अभियान : कैच द रेन”( जेएसए : सीटीआर) – 2023 अभियान, जेएसए की श्रृंखला में चौथा, माननीय राष्ट्रपति द्वारा 04.03.2023 को देश भर के सभी जिलों (ग्रामीण और साथ ही शहरी क्षेत्रों) में 04 मार्च 2023 से 30 नवंबर 2023 तक मॉनसून – पूर्व और मानसून अवधि में कार्यान्वयन के लिए शुरू किया गया था। यह अभियान देश भर में मुख्य थीम “पेयजल के लिए स्रोत स्थिरता” के साथ लागू किया गया था। अभियान की केंद्रित युक्तियों में (1) जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन (2) सभी जल निकायों की गणना, जियो-टैगिंग और सूची बनाना ; इसके आधार पर जल संरक्षण के लिए वैज्ञानिक योजनाएं तैयार करना (3) सभी जिलों में जल शक्ति केंद्रों की स्थापना (4) सघन वनीकरण और (5) जागरूकता पैदा करना शामिल है। ।
जल की कमी को नियंत्रित करने और वर्षा जल संचयन/ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए अन्य महत्वपूर्ण कदम यूआरएल पर उपलब्ध हैं :
https://cdnbbsr.s3waas.gov.in/s3a70dc40477bc2adceef4d2c90f47eb82/uploads/2023/02/2023021742.pdf
यह जानकारी जल शक्ति राज्य मंत्री श्री विश्वेश्वर टुडु ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।