- August 12, 2018
202 करोड़ रुपये की परियोजना के साथ करनाल पैड पर मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री 202 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत पश्चिमी यमुना नहर पर बन रहे हैड रेगूलेटर के निर्माण कार्य का करेंगे निरीक्षण, योजना के तहत पश्चिमी यमुना नहर की क्षमता को 8500 क्यूसिक से बढ़ाकर किया 10000 क्यूसिक, इस योजना के तहत सरकार का उद्देश्य दक्षिणी हरियाणा की टेल तक पानी पहुंचाना
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करनाल————– मुख्यमंत्री मनोहर लाल 13 अगस्त को दोपहर 1 बजे पश्चिमी यमुना नहर करनाल लेक के पास बन रहे हैड रेगूलेटर पर चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण करेंगे। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग हरियाणा द्वारा पश्चिमी यमुना नहर मेन ब्रांच इन्द्री हैड से लेकर मुनक हैड तक आर.डी. 0 से 154500 (47.10 कि.मी.) पर पुराने हैड रेगूलेटर, क्रॉस रेगुलेटर व पुलों का पुन: निर्माण एवं पेवर पद्धति से कन्करीट की साईड लाईनिंग का कार्य करवाया जा रहा है।
इस परियोजना पर अनुमानित लागत करीब 202 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह कार्य जून, 2019 तक पूरा होने की संभावना है। इस परियोजना के तहत करीब 63 करोड़ रुपये की लागत से 4 पुलों का निर्माण कार्य व कंकरीट लाईनिंग का कार्य पूरा हो चुका है। इन कार्यों के पूरा होने से पश्चिमी यमुना नहर मेन ब्रांच की क्षमता को 10 हजार क्यूसिक तक बढ़ाया जा चुका है जिसके कारण पिछले वर्षों की अपेक्षा लगभग 1500 क्यूसिक अधिक पानी इस नहर द्वारा दिया जा रहा है।
यह जानकारी सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता राजेश टांक ने दी। उन्होंने बताया कि पश्चिमी यमुना नहर का निर्माण ब्रिटिश काल में करवाया गया था। यमुना नदी के पानी को पूर्ण रूप से इस्तेमाल में लाने के लिए इस नहर की प्रारम्भिक क्षमता 11500 क्यूसिक है, परन्तु पूर्ण रूप से जर्जर हो चुके पुराने हैड रेगूलेटर, क्रॉस रेगूलेटर एंव पुलों के कारण इस नहर की क्षमता घट कर केवल 8500 क्यूसिक रह गई थी।
इस समस्या के समाधान के लिए तथा पश्चिमी यमुना नहर की क्षमता को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में चल रही वर्तमान हरियाणा सरकार द्वारा इन्द्री हैड से लेकर मुनक हैड तक आर.डी. 0 से 154500 (47.10 कि.मी.) तक के पुराने व जर्जर हो चुके ढांचों का पुन: निर्माण एवं साईड कन्करीट लाईनिंग करने एवं इसकी क्षमता को 11500 क्यूसिक से 13300 क्यूसिक तक बढ़ाने का एक प्रोजेक्ट बनाया गया। तत्पश्चात सरकार द्वारा 202 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दिसम्बर 2017 में प्रदान की गई।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा फरवरी 2018 में पश्चिमी यमुना नहर की आर.डी. 0 पर हैड रेगूलेटर व पुल सिरसा ब्रांच व चतंग फीडर का हैड रेगूलेटर एवं कंकरीट लाईनिंग का निर्माण कार्य, आर.डी. 17800 पर पुल एवं कंकरीट लाईनिंग का निर्माण कार्य, बुर्जी संख्यसा 59500 पर क्रॉस रेगूलेटर व पुल एवं जुंडला हैड का रेगूलेटर व कंकरीट लाईनिंग का निर्माण कार्य तथा आर.डी. 75000 पर फाल एवं कंकरीट लाईनिंग का निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था।
इन सभी कार्यों को विभाग द्वारा खरीफ सीजन 2018 से पहले पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया ताकि अधिकाधिक यमुना का पानी मुनक हैड से होते हुए दक्षिणी हरियाणा व एन.सी.आर एरिया को जल आपूर्ति हेतु दिया जा सके।
विभाग द्वारा इस लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए दिन रात कार्य करवाया गया एवं उपरोक्त कार्यों का मुख्य लक्ष्य पूर्ण कर लिया गया तथा पश्चिमी यमुना नहर मैन ब्रांच की क्षमता को 10000 क्यूसिक तक बढ़ाया जा चुका है। इसके कारण पिछले वर्षों की अपेक्षा लगभग 1500 क्यूसिक अधिक पानी इस नहर द्वारा दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत पुराने डी.आर. ब्रिज, क्रॉस ड्रैनेज, ऐस्केप, साईफन के पुन: निर्माण के कार्य करवाये जाने हैं जोकि अक्तूबर माह 2018 से लेकर जून 2019 तक पूर्ण करवा लिए जाएंगे। जिसके उपरान्त इस नहर की क्षमता 8500 क्यूसिक से बढक़र 13300 क्यूसिक कर दिया जायेगा एवं लगभग 4800 क्यूसिक अधिक पानी मूनक हैड से उपलब्ध करवाया जाएगा जिसके कारण दक्षिणी हरियाणा के अन्तिम छोरों तक पानी की आूपर्ति होगी। इसके द्वारा सिंचाई एवं पेय जलापूर्ति के लिए अधिक मात्रा में पानी उपलब्ध करना सुनिश्चित करवाया जा सकेगा।