2019 में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के आरंभ होने के बाद से 5.5 करोड़ से अधिक घरों को नल जल आपूर्ति –मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण

2019 में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के आरंभ होने के बाद से 5.5 करोड़ से अधिक घरों को नल जल आपूर्ति –मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण

पीआईबी (दिल्ली)—– केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2021-22 पेश करते हुए कहा कि अगस्‍त, 2019 में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के आरंभ होने के बाद से 5.5 करोड़ से अधिक घरों को नल जल आपूर्ति उपलब्ध कराई गई है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन (जेजेएम) ने 2024 तक ग्रामीण भारत में घरों को व्‍यक्तिगत घरेलू नल कनेक्‍शन के माध्‍यम से पर्याप्‍त सुरक्षित पेय जल उपलब्‍ध कराने की कल्‍पना की है और इससे 19 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों या 90 करोड़ से अधिक ग्रामीण आबादी को लाभ पहुंचेगा।

विस्‍तृत विवरण प्रस्‍तुत करते हुए, समीक्षा में कहा गया है कि 2019 में ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 18.93 करोड़ परिवारों में से लगभग 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों के पास उनके घरों में नल जल कनेक्‍शन थे। दिनांक 02 जनवरी, 2022 तक 5,51,93,885 घरों को मिशन की शुरुआत के बाद से नल जल आपूर्ति प्रदान की गई। छह राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों, अर्थात गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पुद्दुचेरी, दादरा नगर हवेली और दमन दीव तथा हरियाणा ने नल जल आपूर्ति के साथ 100 प्रतिशत घरों की प्रतिष्ठित स्थिति हासिल की है। इसी तरह, 83 जिलों, 1016 ब्‍लॉकों, 62,749 पंचायतों और 1,28,893 गांवों ने 100 प्रतिशत घरों में नल जल आपूर्ति की स्थिति हासिल कर ली है। 19.01.2022 तक जल जीवन मिशन के तहत 8,39,443 स्‍कूलों को जल आपूर्ति उपलब्‍ध कराई जा चुकी है।

जेजेएम के तहत स्‍कूलों, आंगनवाड़ी केन्‍द्रों, जीपी भवनों, स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों, कल्‍याण केन्‍द्रों और सामुदायिक भवनों को कार्यात्‍मक नल कनेक्‍शन प्रदान करने के लिए गुणवत्‍ता प्रभावित क्षेत्रों, सूखाग्रस्‍त एवं रेगिस्‍तानी क्षेत्रों के गांवों, सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गांवों के लिए प्राथमिकता है। मिशन के लिए कुल परिव्‍यय 3.60 लाख करोड़ रुपये है।

जेजेएम पारदर्शिता एवं जवाबदेही के लिए प्रौद्योगिकीय युक्तियों का उपयोग करेगा जिनमें (i) प्राकृतिक एवं वित्‍तीय प्रगति अधिकृत करने के लिए आइएमआईएस; (ii) ‘डैशबोर्ड’; (iii) ‘मोबाइल ऐप’; (iv) वास्‍तविक समय आधारित गांवों में मात्रा, गुणवत्‍ता एवं नियमितता के लिए जलापूर्ति की माप तथा निगरानी के लिए सेंसर आधारित आईओटी समाधान; (v) प्रत्‍येक सृजित परिसंपत्ति की जियो-टैंगिंग; (vi) नल कनेक्‍शन को ‘आधार संख्‍या’ से जोड़ना; (vii) सार्वजनिक वित्‍त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्‍यम से लेनदेन शामिल हैं।

स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) (एसबीएम-जी)

दिनांक 2 अक्‍टूबर 2014 को एसबीएम-जी की स्‍थापना के बाद से ग्रामीण स्‍वच्‍छता ने अत्‍यधिक प्रगति की है। इसकी स्‍थापना के बाद से दिनांक 28.12.2021 तक, ग्रामीण भारत में 10.86 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए।

एसबीएम (जी) के दूसरे चरण के तहत, खुले में शौच-मुक्‍त (ओडीएफ)-प्‍लस वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक सभी गांवों को खुले में शौच-मुक्‍त (ओडीएफ) बनाने के लक्ष्‍य के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है। वर्ष 2021-22 के दौरान (25.10.2021 तक) नए घरों के लिए कुल 7.16 लाख व्‍यक्तिगत घरेलू शौचालय तथा 19,061 सामुदायिक स्‍वच्‍छता परिसरों का निर्माण किया गया। साथ ही 2,194 गांवों को ओडीएफ प्‍लस घोषित किया गया है।

राष्‍ट्रीय परिवार स्‍वास्‍थ्‍य सर्वेक्षण 2019-21 (एनएफएचएस-5) के पांचवें दौर के हाल ही में जारी निष्‍कर्षों के अनुसार, बेहतर स्‍वच्‍छता सुविधा का उपयोग करने वाले घरों में रहने वाली आबादी वर्ष 2015-16 में 48.5 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2019-21 में 70.2 प्रतिशत हो गई।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply