2018-19 के बजट से 12 प्रतिशत अधिक — 4,79,701 करोड़ रुपए

2018-19  के  बजट  से  12  प्रतिशत  अधिक — 4,79,701  करोड़  रुपए

लखनऊ :——– उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विधान सभा में प्रस्तुत वर्ष 2019-20 का बजट प्रदेश के अब तक के इतिहास का सबसे बडा़ बजट है। 4,79,701 करोड़ रुपए के आकार का यह बजट विगत वर्ष 2018-19 के बजट से 12 प्रतिशत अधिक है।

गांव, गरीब, मजदूर, किसान, महिला, नौजवान, व्यापारी आदि सभी तबके
का ध्यान रखते हुए एक विकासोन्मुखी बजट प्रस्तुत करने के लिए वित्त मंत्री एवं वित्त विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रस्तुत बजट प्रधानमंत्री की ‘सबका साथ-सबका विकास’ की अवधारणा को चरित्रार्थ करने वाला है। प्रस्तुत बजट में एफ0आर0बी0एम0 की सीमा को ध्यान में रखा गया है। वर्ष 2016-17 के सापेक्ष वर्ष 2017-18 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय में लगभग 5.5 हजार रुपए की वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वास जताया कि वर्ष 2019-20 के बजट से प्रदेश का सर्वांगीण विकास होगा और प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आएगी।

मुख्यमंत्री जी, वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल के द्वारा प्रदेश विधान सभा में वर्ष 2019-20 का बजट प्रस्तुत करने के उपरान्त आज यहां विधान भवन स्थित तिलक हाॅल में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने से पूर्व गिने-चुने जनपदों को ही विद्युत आपूर्ति होती थी। विगत दो वर्षां में बड़े पैमाने पर विद्युत संयोजन उपलब्ध कराने के साथ ही, डेढ़ लाख मजरों को विद्युतीकृत किया गया है।

हमारी सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों के लिए एक समान विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की। विद्युत व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए प्रस्तुत बजट में फीडर सुदृढ़ीकरण सहित अन्य आवश्यक नये कार्यों के लिए विद्युत विभाग के बजट में वृद्धि की गई है। बेहतर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था से प्रदेशवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि के लिए कनेक्टिविटी सर्वाधिक आवश्यक है। इसके दृष्टिगत राज्य
में ग्रामीण स्तर से लेकर अन्तर्राज्यीय स्तर तक की सड़कों सुदृढ़ीकरण का कार्य संचालित है।

प्रधानमंत्री का वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने पर विशेष बल है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई तकनीक के प्रयोग तथा सिंचाई की बेहतर व्यवस्था के लिए सरकार काम कर रही है। वर्षों से लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूर्ण किया जा रहा है।

योजना आयोग द्वारा वर्ष 1973 में तैयार की गई एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा वर्ष 1978 में शिलान्यास की गई बाणसागर परियोजना को वर्तमान सरकार ने पूरा कराया जिसे विगत वर्ष 15 जुलाई को प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्र को समर्पित किया। इससे प्रदेश के कृषि सिंचित क्षेत्र में 1.5 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है एवं 1.70 लाख किसान इससे लाभान्वित हुए हैं।

वर्षों से लम्बित सरयू नहर परियोजना, मध्य गंगा नहर परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना आदि परियोजनाओं को वर्ष 2019 में पूर्ण कराने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। इन परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने से प्रदेश की सिंचन क्षमता में 30 लाख हेक्टेयर से अधिक की वृद्धि होगी।

कृषकों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक मूल्य दिया जा रहा है। फलस्वरूप विगत वर्ष और इस वर्ष गेहूं और धान की खरीद में बड़ी मात्रा में वृद्धि हुई है। किसानों को पहली बार लागत से डेढ़ गुना दाम दिए जाने की व्यवस्था हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से ही पुलिस आधुनिकीकरण और अवस्थापना पर कार्य किए जाने की आवश्यकता थी। राज्य सरकार ने पहली बार इस पर फोकस करते हुए पुलिस विभाग के बजट में 42.24 प्रतिशत की वृद्धि की है। इससे पुलिस विभाग में विभिन्न सुविधाओं का विकास सम्भव होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज विभाग के माध्यम से गांव को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। इस विभाग के अंतर्गत संचालित ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत प्रदेश में विगत दो वर्षों में कुल 2.49 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया गया है।

यह निर्माण बेस लाइन सर्वे के अनुसार कराया गया है। इसके बावजूद प्रदेश की लगभग 44 लाख की आबादी छूटी हुई है। नारी गरिमा और आमजन जनजीवन में परिवर्तन के दृष्टिगत ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के अंतर्गत 6,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रदेश ने सर्वाधिक प्रगति की है। इसके अंतर्गत 20 लाख से अधिक गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत गरीब परिवारों के लिए आवास की व्यवस्था की गई है।

एस0ई0सी0सी0 से छूटे वनटांगिया गांव, मुसहर, थारू, कोल आदि परिवारों पर फोकस कर मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत बजट प्रस्ताव किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य में वर्ष 1947 से 2016 तक 13 राजकीय मेडिकल काॅलेज थे। वर्ष 2016 में 05 नये मेडिकल काॅलेज का निर्माण प्रारम्भ हुआ है। इनमें प्रवेश की प्रक्रिया भी इस सत्र में प्रारम्भ हो जाएगी। इसके अलावा, 08 मेडिकल काॅलेज और 02
एम्स की स्थापना हेतु कार्यवाही संचालित है। इस प्रकार प्रदेश में 15 नये मेडिकल काॅलेज बन रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की पात्रता हेतु आय सीमा को 02 लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया गया है। इससे लाभान्वित होने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़कर 25 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत लाभार्थी को प्रदान की जाने
वाली धनराशि को 35 हजार रुपए से बढा़ कर 51 हजार किया गया है। इस योजना में जाति, मत, मजहब आदि का कोई भेद नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन की धनराशि को 400 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिमाह किया गया है। इस योजना से अभी तक 37 लाख लाभार्थी लाभान्वित हो रहे थे। राज्य सरकार ने अभियान चलाकर छूटे हुए 09 लाख लाभार्थियों को योजना का लाभ उपलब्ध कराया है।

प्रदेश सरकार द्वारा विधवा पेंशन योजना की पात्रता की शर्तों से आयु सीमा को हटा दिया गया है। इस योजना से भी छूटे हुए 02 लाख 63 हजार लोगों को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग पेंशन की धनराशि को भी 300 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए किया गया है। इस पेंशन योजना से भी 38 हजार नये दिव्यांगजन लाभान्वित हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अंदर 03 नये विश्वविद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालय, आयुष विश्वविद्यालय तथा सहारनपुर में एक विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु बजट में धनराशि का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में निवेश और अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसके दृष्टिगत निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालयों की स्थापना हेतु नीति तैयार की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एस0डी0आर0एफ0 की तीन यूनिट पहले से ही गठित है। तीन नई इकाइयों के गठन का प्रस्ताव है। पी0ए0सी0 की समाप्त 54 बटालियन का पुनर्गठन किया जा रहा है। प्रदेश के 06 जनपदों में पुलिस लाइन के निर्माण का प्रस्ताव है। दिल्ली-मेरठ काॅरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए धनराशि प्रस्तावित है।

कानपुर, आगरा में मेट्रो तथा प्रयागराज, झांसी, गोरखपुर, वाराणसी आदि शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सुदृढ़ करने हेतु धनराशि प्रस्तावित है। इण्टरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट, कुशीनगर बनकर तैयार हो रहा है। जेवर और अयोध्या में हवाई अड्डों के निर्माण के लिए धनराशि प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 18 मण्डल मुख्यालयों पर आवासीय विद्यालयों की स्थापना का प्रस्ताव
है। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ से प्रदेश के 1.18 करोड़ परिवार लाभान्वित होने जा रहे हैं। ‘आयुष्मान भारत’ की सुविधा से वंचित पात्र लाभार्थियों के लिए ‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान’ हेतु 111 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। प्रदेश स्तर पर यह सबसे बड़ी बीमा योजना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्याओं के लिए ‘कन्या सुमंगला योजना’ प्रस्तावित की गई है। इसके अंतर्गत बेटी के जन्म, प्रथम स्कूल प्रवेश, कक्षा 06, कक्षा 09, स्नातक में प्रवेश पर उसके खाते में धनराशि जमा करने की व्यवस्था है। इससे बेटियों के विवाह के समय एक अच्छी धनराशि एकत्रित हो जाएगी। इस योजना से समाज में बालिकाओं की स्थिति बेहतर होगी।

राज्य सरकार ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के अंतर्गत 250 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया है। ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ एवं माटी कला बोर्ड के लिए भी धनराशि का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत बीमा योजना की धनराशि को 05 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए किए जाने का प्रस्ताव किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। इससे प्रदेश का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक वैभव लोगों के सामने आएगा। अयोध्या, मथुरा, वृन्दावन आदि के समग्र विकास के लिए धनराशि प्रस्तावित है। काशी विश्वनाथ हेरिटेज जोन विकसित किया जा रहा है।

वाराणसी में लहरतारा तालाब, कबीर स्थल, गुरु रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धनपुर, बहराइच में महाराजा सुहेल देव की विजय भूमि पर स्मारक और म्यूजियम का विकास किया जाना प्रस्तावित है। बजट में नैमिषारण्य, विन्ध्य क्षेत्र, देवीपाटन आदि आध्यात्मिक स्थलों तथा बौद्ध परिपथ के विकास का भी प्रस्ताव है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेंस काॅरिडोर विकसित किए जाने के लिए धनराशि का प्रस्ताव किया गया है। बुन्देलखण्ड, विन्ध्य क्षेत्र तथा आर्सेनिक फ्लोराइड से प्रभावित क्षेत्रों में पाइप पेयजल की सुविधा के स्थापना के लिए भी धनराशि प्रस्तावित है।

संस्कृत भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में व्यवस्था की गई है। संस्कृत संस्थानों को प्रोत्साहित करने के साथ ही सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए भी बजट प्रस्तावित है।

आंगनबाड़ी कर्मियों, ग्राम प्रहरी, प्रान्तीय रक्षक दल, मिड-डे-मील के रसोइए, आशा कार्यकर्ताओं आदि के मानदेय में वृद्धि के लिए बजट में धनराशि का प्रस्ताव है।
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