2018 तक प्रदेश की 50 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित

2018 तक प्रदेश की 50 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वर्ष 2018 तक प्रदेश की 50 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित बनाया जायेगा। वर्तमान में 36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि किसानों को फसल क्षति की पूरी भरपाई के लिये नई बीमा योजना बनाने पर 15-16 जून को देशभर के विषय-विशेषज्ञों के साथ भोपाल में विचार-विमर्श किया जायेगा। श्री चौहान आज रीवा में कृषि महोत्सव के दौरान राज्य-स्तरीय कृषि उद्यानिकी मेले का शुभारंभ कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि महोत्सव किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक से जोड़ने और प्रेरित करने का अभियान है। उन्होंने कहा कि इसका लाभ लेकर किसान फसल का पेटर्न बदलकर खेती को लाभ का धंधा बना सकेंगे।

उन्होंने कहा कि कृषि के साथ उद्यानिकी और संरक्षित खेती को अपनाना होगा। पशु-पालन, मत्स्य-पालन भी करना होगा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकेगी। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि रीवा क्षेत्र में गेहूँ उत्पादन में न केवल वृद्धि हुई है, बल्कि यहाँ का गेहूँ देश-विदेश में भी जाने लगा है।

श्री चौहान ने कहा कि किसानों को दिये जाने वाले बोनस से उन्हें एक बेहतर विकल्प दिया गया है, जिसमें किसान को 100 रुपये की खेती सामग्री लेने पर 90 रुपये लौटाने होंगे। उन्होंने इस बात पर गर्व किया कि आज प्रदेश के किसानों की मेहनत की बदौलत हमारी कृषि विकास दर 24 प्रतिशत हो चुकी है, जो देश में सबसे ज्यादा है।

उन्होंने किसानों से रबी फसल के लिये खाद-बीज का अग्रिम भण्डारण करने का आग्रह किया। श्री चौहान ने कहा कि बरगी बाँध के पानी को सतना जिले में और बाणसागर के पानी को सीधी जिले के किसानों को उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जायेगा।

समारोह को कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, जनसंपर्क एवं ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, उद्यानिकी, खाद्य प्र-संस्करण तथा पशुपालन मंत्री सुश्री कुसुम महदेले ने भी संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने मेले में लगायी गयी कृषि, ग्रामीण विकास, पशु-पालन, मत्स्य-पालन, उद्यानिकी और स्वास्थ्य विभाग की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उन्होंने समारोह में स्वाइल हेल्थ-कार्ड, बलराम तालाब का अनुदान, उद्यानिकी फसल के लिये रोटावेटर और ई-लाड़ली लक्ष्मी के चेक हितग्राहियों को वितरित किये।

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