• January 3, 2018

2018 के आखिर तक प्रदेश खुले में शौच से मुक्त—-राज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़

2018 के आखिर तक प्रदेश खुले में शौच से मुक्त—-राज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़

जयपुर——— ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि 2018 के आखिर तक प्रदेश के सभी गांव खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब तक 8 हजार 513 ग्राम पंचायतें ओडीएफ घोषित हो चुकी हैं और जल्द ही पूरा प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो जाएगा।

श्री राठौड़ बुधवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन और मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान जैसी योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांवों के विकास के लिए पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। यही वजह है कि ग्रामीण विकास के लिए राज्य सरकार ने 48 हजार 660 करोड़ रुपए व्यय किए हैं। इतनी धन राशि खर्च कर गांवों का विकास करना अपने आप में एक मिसाल है।

उन्होंंने कहा कि खुले में शौच मुक्त की धारणा अब आमजन को रास आने लगी है और वे भी बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सेदारी दिखा रहे हैं। यही वजह है कि राजस्थान ख्ुाले में शौच से मुक्ति में नंबर एक पायदान पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि ओडीएफ घोषित होेने से प्रदेश के केवल 12 जिले बचे हैं। ये भी मार्च महीने तक खुले में शौच से मुक्त करवा दिए जाएंगे।

श्री राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में 82.10 लाख शौचालय विहीन परिवारों में से 76.32 लाख यानी 95.30 प्रतिशत परिवारों द्वारा शौचालय का निर्माण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य की कुल 9891 ग्राम पंचायतों में से 8513 (86.07 प्रतिशत) ग्राम पंचायते खुले में शौच से मुक्त हो चुकी है एवं राज्य के 6 जिले (बीकानेर, अजमेर, चूरु, पाली, झुन्झुनू, व चित्तोड़गढ)़ खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुके है।

उन्होंने कहा कि 15 जिले (गंगानगर, हनुमानगढ, जैसलमेर, नागौर, सीकर, सवाई माधोपुर, डूंगरपुर , प्रतापगढ, बांरा , जयपुर, झालावाड़, राजसमन्द, बून्दी, सिरोही एवं धोलपुर) भी खुले में शौच से मुक्त हो चुके है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुदर्शन सेठी ने बताया कि विगत 2 वषोर्ं में प्रधान मंत्री आवास योजना में 4.73 लाख लक्ष्यों के विरुद्ध 4.65 लाख आवासों की स्वीकृति जारी कर अब तक 1.33 आवासों को पूर्ण कर लिया गया है और 3.05 लाख आवासों की द्वितीय किस्त जारी की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान की विशेष प्रगति को देखते हुए राज्य को 1.43 लाख अतिरिक्त आवासों का वित्तीय लक्ष्य प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वीकृत सभी आवासों को मार्च 2018 तक पूर्ण करा लिया जाएगा।

श्री राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के दोनों चरणों के ऎतिहासिक नतीजों के बाद तीसरा चरण जनवरी के तीसरे सप्ताह में शुरू किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश में एक लाख 60 हजार से ज्यादा ढांचे बनाए जाएंगे वहीं 80 लाख पौधे लगाने का भी लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि एमजेएसए का ही परिणाम है कि हजारों गांवों का जल स्तर पहले की तुलना में बढ़ गया वहीं जल परिवहन का खर्चा भी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण का काम 30 जून तक पूरा किया जाएगा। इस अवसर पर राजस्थान की स्वच्छता यात्रा 2011-2017 की पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।

बैठक में रिवर बेसिन ऑथेरिटी के अध्यक्ष श्री श्रीराम वेदिरे, पंचायती राज विभाग के सचिव श्री नवीन महाजन, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) सचिव श्रीमती आरुषि मलिक सहित विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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