- September 7, 2018
2006 से अभी तक पौने पाँच लाख बेटियों के हाथ पीले
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में मुख्यमंत्री कन्यादान और निकाह योजना वरदान सिद्ध हुई है। योजना में वर्ष 2006 से अभी तक लगभग पौने पाँच लाख बेटियों के हाथ पीले करने में सरकार ने मदद की है। इन परिवारों को 838 करोड़ 62 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
मंत्री श्री भार्गव ने बताया कि गरीब परिवारों की अविवाहित, तलाकशुदा, परित्यक्ता, विधवा बेटियों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिये वर्ष 2006 से प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना प्रारम्भ की गई। लोगों की माँग और उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री की पहल पर वर्ष 2012 से मुस्लिम बेटियों के लिये पृथक से मुख्यमंत्री निकाह योजना प्रारंभ की गई।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत अभी तक 4 लाख 59 हजार 336 परिवारों को 814 करोड़ 38 लाख 17 हजार रुपये तथा मुख्यमंत्री निकाह योजना के तहत 12 हजार 452 परिवारों को 24 करोड़ 24 लाख 76 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
आयुक्त सामाजिक न्याय ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में वर्ष 2006 में 13 हजार 438 परिवारों को 13 करोड़ 27 लाख रुपये, वर्ष 2007 में 33 हजार 321 परिवारों को 13 करोड़ 62 लाख रुपये, वर्ष 2008 में 43 हजार 737 परिवारों को 43 करोड़ 29 लाख, वर्ष 2009 में 19 हजार 597 परिवारों को 24 करोड़ 85 लाख रुपये, वर्ष 2010 में 39 हजार 647 परिवारों को 39 करोड़ 64 लाख, वर्ष 2011 में 36 हजार 651 परिवारों को 41 करोड़ 56 लाख, वर्ष 2012 में 45 हजार 252 परिवारों को 67 करोड़ 87 लाख, वर्ष 2013 में 55 हजार 334 परिवारों को 104 करोड़ 52 लाख रुपये, वर्ष 2014 में 20 हजार 77 परिवारों को 60 करोड़ 74 लाख, वर्ष 2015 में 44 हजार 835 परिवारों को 117 करोड़ 75 लाख, वर्ष 2016 में 44 हजार 818 परिवारों को 112 करोड़ 5 लाख, वर्ष 2017 में 34 हजार 446 परिवारों को 96 करोड़ 44 लाख तथा वर्ष 2018 में जुलाई माह तक 28 हजार 123 परिवारों को 78 करोड़ 74 लाख की सहायता राशि मुहैया करवाई गई है।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री निकाह योजना के अंतर्गत वर्ष 2012 में 1766 परिवारों को 2 करोड़ 61 लाख, वर्ष 2013 में 2579 परिवारों को 4 करोड़ 74 लाख, वर्ष 2014 में 1248 परिवारों को एक करोड़ 23 लाख, वर्ष 2015 में 2139 परिवारों को 3 करोड़ 81 लाख, वर्ष 2016 में 1681 परिवारों को 4 करोड़ 70 लाख तथा वर्ष 2018 में जुलाई माह तक 1373 परिवारों को 3 करोड़ 85 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई।