• November 29, 2014

18वीं सार्क शिखर बैठक: काठमांडू घोषणापत्र ::शांति और समृद्धि के लिए घनिष्‍ठ एकता

18वीं सार्क शिखर बैठक:  काठमांडू घोषणापत्र ::शांति और समृद्धि के लिए घनिष्‍ठ एकता
शांति और समृद्धि के लिए घनिष्‍ठ एकता

अफगानिस्‍तान इस्‍लामी गणराज्‍य के राष्‍ट्रपति महामहिम मोहम्‍मद अशरफ गनी; बांग्‍लादेश गणराज्‍य की प्रधानमंत्री माननीया शेख हसीना; भूटान के प्रधानमंत्री महामहिम शेरिंग टोब्‍गे; भारत के प्रधानमंत्री महामहिम नरेन्‍द्र मोदी; मालदीव गणराज्‍य के राष्‍ट्रपति महामहिम अब्‍दुल्‍ला यामीन अब्‍दुल गयूम; नेपाल के प्रधानमंत्री माननीय सुशील कोइराला; पाकिस्‍तान इस्‍लामी गणराज्‍य के प्रधानमंत्री महामहिम मोहम्‍मद नवाज शरीफ; और श्रीलंका लोकतांत्रिक समाजवादी गणराज्‍य के राष्‍ट्रपति महामहिम महिन्‍दा राजपक्ष;

नेपाल में काठमांडू में 26 और 27 नवंबर 2000 को दक्षिण एशियाई सहयोग संघ, दक्षेस (एसएएआरसी) की 18वीं शिखर बैठक में मिले;

दक्षिण एशिया के लोगों का कल्‍याण और जीवन की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिए सार्क के सिद्धांतों और उद्देश्‍यों में अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए;

इस संगठन के लगभग 30 वर्ष के अस्तित्‍व के बाद दक्षेस के क्षेत्रीय सहयोग को पुनर्जीवित करने और दक्षिण एशिया के लोगों की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए द‍क्षेस को प्रभावी मंच बनाने का यही समय होना स्‍वीकार करते हुए;

संकल्‍प किया कि आपसी विश्‍वास, मैत्री, समझबूझ, सहयोग और भागीदारी को बढ़ावा देकर शांति और समृद्धि के लिए क्षेत्रीय एकता घनिष्‍ठ बनाई जाएगी।

निम्‍नलिखित रूप में घोषणा की गई:

क्षेत्रीय सहयोग

1.      सदस्‍य देशों के शासनाध्‍यक्षों या राष्‍ट्राध्‍यक्षों ने व्‍यापार, निवेश, वित्‍त, ऊर्जा, सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, संपर्क और संस्‍कृति; और प्राथमिकता के आधार पर, परिणामोन्‍मुख और समयबद्ध तरीके से परियोजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों को क्रियान्वित करते हुए दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए क्षेत्रीय एकता को घनिष्‍ठ बनाने का अपना दृढ़ संकल्‍प व्‍यक्‍त किया।

दक्षिण एशियाई आर्थिक संघ (एसएईयू)

2.     नेताओं ने मुक्‍त व्‍यापार क्षेत्र, तटकर संघ, साझा बाजार और साझे आर्थिक तथा मौद्रिक संघ के जरिए चरणबद्ध और योजनाबद्ध तरीके से दक्षिण एशियाई आर्थिक संघ को मूर्तरूप देने के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई।

3.    नेताओं ने स्‍वीकार किया कि सार्क सदस्‍य देश, विशेषतौर पर अल्‍पविकसित और चारों ओर भू-भाग से घिरे देशों को अपनी भौगोलिक स्थिति से संबंधित मजबूरियों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिसके फलस्‍वरूप उनकी उत्‍पादक क्षमता क्षीण हो जाती है और जिससे अधिक व्‍यापार और पारगमन लागत के अलावा अन्‍य कारणों से विदेशी व्‍यापार में उनकी प्रतिस्‍पर्धा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्‍होंने मुक्‍त व्‍यापार प्रबंधों के समान लाभ सुनिश्चित किए जाने के मद्देनजर भू-भाग से घिरे और अल्‍पविकसित देशों को उनके विकास प्रयासों में सहायता बढ़ाने की वचनबद्धता व्‍यक्‍त की। इस संदर्भ में वे सॉफ्टा (एसएएफटीए) और साटिस (एसएटीआईएस) के अंतर्गत मौजूदा प्राथमिकता वाली सुविधाओं को कारगर तरीके से अमल में लाने पर सहमत हुए।

साफ्टा और व्‍यापार सुविधा

4.     साफ्टा मंत्रिस्‍तरीय परिषद और साफ्टा विशेषज्ञ समिति को सरल और पारदर्शी मौलिक नियमों को लागू करने; व्‍यापार सुविधा उपायों के क्रियान्‍वयन; व्‍यापार की तकनीकी बाधाओं से संबंधित मानकों और स्‍वच्‍छता और इससे संबंधित उपायों के  सामंजस्‍य; तटकर कार्यप्रणाली और सुचारू और सरल बनाने; गैर-शुल्‍क और अर्द्ध-शुल्‍क बाधाएं दूर करने; और सुचारू तथा कुशल पारगमन और परिवहन सुविधाओं के जरिए क्षेत्र में वस्‍तु और सेवाओं के मुक्‍त व्‍यापार की गति बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्‍होंने वचनबद्धताओं के कार्यक्रम को अंतिम रूप देकर साटिस (एसएटीआईएस) को शीघ्र संचालित करने का आग्रह भी किया।

5.  उन्‍होंने अल्‍पविकसित, भू-भाग से घिरे और छोटे द्वीपीय विकासशील देशों (एसआईडीएस) की आवश्‍यकताओं को संवेदनशील और समावेशी बनाने के लिए वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था और आर्थिक ढांचे के समय पर व्‍यापक सुधार का आग्रह किया।

6.     उन्‍होंने फिर संकल्‍प व्‍यक्‍त किया कि सिड्स (एसआईडीएस) को इन देशों की अनूठी परिस्थितियों और विशेषतौर पर सतत विकास प्राप्‍त करने में आ रही कमजोरियों के मद्देनजर उन पर विशेष ध्‍यान केंद्रित किए जाने की आवश्‍यकता है।

सार्क विकास कोष

7.     वे क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्‍वयन के लिए सार्क विकास कोष (एसडीएफ) की सामाजिक विंडो को मजबूत बनाने और शीघ्र से शीघ्र आर्थिक विंडो और बुनियादी ढांचा विंडो को चालू करने पर सहमत हुए। इस संदर्भ में उन्‍होंने क्षेत्र के लोगों की आजीविका के मुद्दों के समाधान के लिए एसडीएफ के अंतर्गत विकास परियोजनाओं में तेजी लाने पर बल दिया। वे सदस्‍य देशों के नेशनल फोकल प्‍वांइट के प्रतिनिधि को शामिल कर एसडीएफ के शासी बोर्ड के विस्‍तार पर भी सहमत हुए।

संपर्क

8.     सदस्‍य देशों के शासनाध्‍यक्षों या राष्‍ट्राध्‍यक्षों ने सार्क मोटर वाहन समझौते और सार्क क्षेत्रीय रेलवे समझौते को अंतिम रूप देने में हुई महत्‍वपूर्ण प्रगति का स्‍वागत किया और अनुमति के लिए समझौतों को अंतिम रूप देने के उद्देश्‍य से तीन महीने के भीतर परिवहन मंत्रियों की बैठक आयोजित करने पर भी सहम‍त हुए। उन्‍होंने सड़क निर्माण और सड़कों को उन्‍नत बनाने, रेलवे, जलमार्ग बुनियादी ढांचे, ऊर्जा ग्रिड, संचार और वायु संपर्क के जरिए निर्बाध तरीके से क्षेत्रीय संपर्क में काफी विस्‍तार करने की अपनी वचनबद्धता दोहराई ताकि वस्‍तुओं, सेवाओं, पूंजी, प्रौद्योगिकी और जनता का सुचारू रूप से सीमा पार प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके। नेताओं ने दक्षिण एशिया को संपर्क के सभी माध्‍यमों से मध्‍य एशिया समेत निकट के क्षेत्रों और उससे आगे जोड़े जाने की आवश्‍यकता पर बल दिया और सम्‍बद्ध अधिकारियों को राष्‍ट्रीय, क्षेत्रीय और उपक्षेत्रीय उपाय और आवश्‍यक प्रबंध की पहल करने का निर्देश दिया।

ऊर्जा

9.     नेताओं ने विद्युत उत्‍पादन, पारेषण और जल विद्युत, प्राकृतिक गैस, सौर, पवन और जैव ईंधन समेत विद्युत के व्‍यापार के क्षेत्र में क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय परियोजनाओ की पहचान करने और क्षेत्र में विद्युत की बढ़ती मांग पूरी करने के मद्देनजर प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित करने के संबंधित सार्क संस्‍थाओं और तंत्रों को निर्देश दिए। नेताओं ने सार्क ऊर्जा सहयोग ढांचा समझौता (बिजली) पर हस्‍ताक्षर किये जाने का स्‍वागत भी किया।

गरीबी उन्‍मूलन

10.  नेताओं ने दक्षिण एशिया को निर्धनता के शिकंजे से मुक्‍त कराने के प्रति अपनी दृढ़  वचनबद्धता दोहराते हुए गरीबी उन्‍मूलन पर मंत्रिस्‍तरीय और सचिव स्‍तर तंत्रों को इस दिशा में की गई प्रगति की समीक्षा करने और सार्क कार्य योजना पर फिर विचार करने तथा इसे प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के साथ 2015 के पश्‍चात के विकास एजेंडे को ध्‍यान में रखने का निर्देश दिया।

11.  उन्‍होंने समावेशी, व्‍यापक आधार की ओर सतत आर्थिक वृद्धि और विकास हासिल करने में सहकारिताओं की क्षमता स्‍वीकार की और इस क्षेत्र में अनुभव, विशेषज्ञता और श्रेष्‍ठ कार्यप्रणालियों को साझा करने का आग्रह किया।

2015 के बाद के विकास लक्ष्‍य

 12.   नेताओं ने स्‍वीकार किया कि संयुक्‍त्‍ राष्‍ट्र द्वारा स्‍वीकृत किए जाने के बाद 2015 के बाद का विकास एजेंडा सतत विकास पर राष्‍ट्रीय और क्षेत्रीय प्रयासों को फलीभूत करने के अवसर उपलब्‍ध कराएगा। उन्‍होंने राष्‍ट्रीय स्‍तर पर समुचित तरीके से सतत विकास लक्ष्‍यों को संदर्भित करने के लिए अंतर सरकारी प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए।

 कृषि एवं खाद्य सुरक्षा

 13.   सदस्‍य देशों के शासनाध्‍यक्ष या राष्‍ट्रध्‍यक्ष क्षेत्र में खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्‍पादकता बढ़ाने हेतु कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने, तकनीकी सहयोग को सुविधाजनक बनाने और नवीन, समुचित तथा विश्‍वसनीय प्रौद्योगिकयों को लागू करने पर सहमत हुए। उन्‍होंने सतत कृषि को बढ़ावा देने के महत्‍व को भी रेखांकित किया। नेताओं ने सदस्‍य देशों को आपात स्थिति और सामान्‍य समय की खाद्य किल्‍लत दोनों स्थितियों के दौरान अनाज प्राप्‍त करने में सक्षम बनाने के लिए सार्क खाद्य समझौते से सीमांत मानदंड समाप्‍त करने के निर्देश दिए। नेताओं ने सार्क बीज बैंक समझौते के शीघ्र पुष्टि करने का आग्रह किया और सभी सदस्‍यों द्वारा पुष्टि पूरी होने तक बीज बैंक बोर्ड गठित करने के निर्देश दिए। नेताओं ने सार्क संस्‍थाओं को क्षेत्रीय वैक्‍सीन बैंक और क्षेत्रीय पशुधन जीन बैंक स्‍थापित करने को अंतिम रूप देने के भी निर्देश दिए।

पर्यावरण

14. उन्‍होंने राष्‍ट्रीय आपदा त्‍वरित कार्रवाई, कुछ सार्क सदस्‍य देशों को जलवायु परिवर्तन से उत्‍पन्‍न मौजूदा चुनौतियों को ध्‍यान में रखते हुए पर्यावरण पर सहयोग की संधि और जलवायु परिवर्तन पर थिंपू वक्‍तव्‍य को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के संबंधित संगठनों/तंत्रों को निर्देश दिए। उन्‍होंने सार्क पर्यावरण और आपदा प्रबंधन केंद्र स्‍थापित किए जाने के फैसले का स्‍वागत किया। नेताओं ने यूएनएफसीसीसी के अंतर्गत साझा लेकिन अलग-अलग जिम्‍मेदारी (सीबीडीआर), संबंधित सक्षमताओं और समानता के सिद्धांतों पर आधारित 2015 के अंत तक सभी पर लागू कोई संधि, अन्‍य कानूनी दस्‍तावेज या कोई सहमति प्राप्‍त निष्‍कर्ष वैश्विक समुदाय द्वारा तैयार करने की शीघ्रता को रेखांकित किया।

नीली (मत्‍स्‍य) अर्थव्‍यवस्‍था  

15.   उन्‍होंने सार्क क्षेत्र में समुद्र आधारित नीली अर्थव्‍यवस्‍था का गई गुना योगदान स्‍वीकार किया और इस क्षेत्र में सहयोग और भागीदारी की जरूरत पर बल दिया।

स्‍वास्‍थ्‍य

16.   नेताओं ने सबके लिए स्‍वास्‍थ्‍य की कवरेज (यूएचसी) का लक्ष्‍य हासिल करने, स्‍वास्‍थ्‍य विनियमन प्रणालियों में सुधार लाने, उभरती और फिर से उभरती बीमारियों के लिए तैयारी और एंटी-माइक्रोबिएल प्रतिरोध और गैर संचारी रोगों द्वारा उत्‍पन्‍न चुनौतियों कि लिए तैयार रहने के महत्‍व को स्‍वीकार किया। उन्‍होंने सार्क देशों के स्‍वास्‍थय मंत्रियों की चौथी बैठक में स्‍वीकार किए गए क्षेत्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मुद्दों पर मालदीव के प्रस्‍ताव की पुष्टि की। उन्‍होंने क्षेत्र में 2030 तक एड्स महामारी समाप्‍त करने के उद्देश्‍य से पिछले दशक में एड्स पर काबू पाने के लिए सार्क देशों में की गई प्रगति को जारी रखने का आग्रह किया। उन्‍होंने सार्क टीबी और एचवाईवी/एड्स केंद्र (एसटीएसी) काठमांडू में स्थित सार्क टीबी रेफ्रेंस प्रयोगशाला को एसडीएफ से आवश्‍यक कोष प्राप्‍त कर सुपरा-नेशनल प्रयोगशाला में उन्‍नत बनाने के लिए सभी आवश्‍यक प्रक्रियाएं पूरी करने का भी निर्देश दिया।

शिक्षा

17.   राष्‍ट्राध्‍यक्षों या शासनाध्‍यक्षों ने सबके लिए शिक्षा के वैश्विक लक्ष्‍य के अनुरूप क्षेत्र में साक्षरता उन्‍मूलन और वास्‍तविक, तकनीकी और अन्‍य सुविधाओं की पर्याप्‍त मदद से पाठद्यक्रम, पढ़ाई के तरीकों एवं मूल्‍यांकन प्रणालियों में सुधार के जरिए सभी संस्‍थानों में गुणवत्‍ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने का अपना संकल्‍प व्‍यक्‍त किया। नेता व्‍यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमत हुए। उन्‍होंने क्षेत्र में युवकों के बेहतर उपयोगी साबित होने के लिए दक्षिण एशिया के शिक्षा संस्‍थानों के स्‍तर को बढ़ाने हेतु शिक्षा की गुणवत्‍ता सुधारने के लिए क्षेत्रीय नीति विकसित करने का शिक्षा मंत्रियों को निर्देश दिया। नेताओं ने दक्षिण एशियाई विश्‍वविद्यालय के बारे में हुई प्रगति का स्‍वागत किया।

युवा

18.  उन्‍होंने विशेषतौर पर उत्‍पादक स्‍वरोजगार अवसरों के जरिए आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए युवकों के कौशल के सदुपयोग की समुचित राष्‍ट्रीय नीतियों और कार्यक्रमों को स्‍वीकार किए जाने की आवश्‍यकता पर बल दिया। नेताओं ने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 69वें सत्र में 15 जुलाई को विश्‍व युवा कौशल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा का स्‍वागत किया और दक्षेस द्वारा समुचित तौर पर इसे मनाने पर सहमति व्‍यक्‍त की।

महिला एवं बाल

19.   उन्‍होंने महिलाओं और बच्‍चों की तस्‍करी और उनके शोषण को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

सामाजिक संरक्षण

20.  नेताओं ने वृद्धजनों, महिलाओं, बच्‍चों, विभिन्‍न निशक्‍तजनों, बेरोजगारों और खतरनाक स्‍थानों पर काम करने वालों व्‍यक्तियों के लिए विशेष आवश्‍यक्‍ताओं को स्‍वीकार किया और उनके लिए सामाजिक संरक्षण को विकसित और मजबूत बनाने तथा इस बारे में श्रेष्‍ठ कार्य प्रणालियों को साझा करने पर सहमति व्‍यक्‍त की।

 प्रवासन

21.   वे क्षेत्र के बाहर गंतव्‍य देशों में प्रवासी कामगारों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्‍याण सुनिश्चित करने के लिए दक्षिण एशिया से श्रमिकों के प्रवासन के सुरक्षित, व्‍यवस्थित और जिम्‍मेदारीपूर्ण प्रबंधन में सहयोग और सहायता देने पर भी सहमत हुए।

 विज्ञान और प्रौद्योगिकी

22.  नेता सदस्‍य देशों के बीच अनुभव साझा करने के जरिए लोगों के कल्‍याण और सामाजिक आर्थिक विकास के लिए सदस्‍य देशों की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग की क्षमता विकसित करने पर सहमत हुए।

दूरसंचार

23.  नेताओं ने सदस्‍य देशों में क्षेत्र के लोगों के बीच बेहतर संपर्क सुविधाजनक बनाने के‍ लिए टेलीफोन की दरों में कमी लाने और दरों के ढांचे को तर्कसंगत बनाने के लिए सार्वजनिक अधिकारियों और निजीपक्षों के बीच सहयोग किए जाने का निर्देश दिया।

पर्यटन

24.  नेताओं ने दक्षिण एशिया को निरंतर आकर्षक साझा गंतव्‍य बनाने का अपना संकल्‍प व्‍यक्‍त किया। उन्‍होंने विशेष रूप से समुचित सरकारी और निजी सहयोग शुरू करने के जरिए सार्क पर्यटन कार्ययोजना 2006 प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने के लिए संबंधित संस्‍थाओं को निर्देश दिए। उन्‍होंने सार्क सदस्‍य देशों के नागरिकों से पुरातत्‍व और धरोहर के महत्‍वपर्णू स्‍थलों में उनके अपने देश में लागू शुल्‍क को ही लिए जाने के अपने वर्तमान निर्णय को पूरी तरह प्रभावी रूप से क्रियान्वित किए जाने का आग्रह किया।

  संस्‍कृति  

 25.  उन्‍होंने सार्क एजेंडे को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए और दक्षिण एशियाई सांस्‍कृतिक संपत्ति के संरक्षण और उनकी बहाली के उपाय करने और प्रचालन दिशा-निर्देशों समेत सार्क धरोहर सूची तैयार करने के निर्देश दिए। उन्‍होंने वर्ष 2016 को सार्क सांस्‍कृतिक धरोहर वर्ष घोषित किया और संबंधित संस्‍थाओं को इसे कामयाब बनाने के लिए कार्ययोजना विकसित करने का काम आवंटित किया। वे क्षेत्र में प्रमुख बौद्ध ऐतिहासिक स्‍थलों को जोड़ कर सांस्‍कृतिक यात्रा विकसित करने पर भी सहमत हुए। नेताओं ने दक्षिण एशिया में इस्‍लाम, हिंदू धर्म, ईसाई धर्म और अन्‍य सभी प्रमुख धर्मों के धार्मिक और प्रमुखस्‍थलों की यात्रा करने वाले व्‍यक्तियों की पहुंच को सुविधाजनक बनाने पर भी सहमत हुए।

 मीडिया

26.  नेताओं ने मीडिया की पहुंच और प्रभाव को स्‍वीकारते हुए सार्वजनिक और निजी मीडिया दोनों से सार्क सदस्‍य देशों और वहां के लोगों की समझबूझ और घनिष्‍ठता को बढ़ावा देने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जिम्‍मेदारी साझा करने का अनुरोध किया।

आतंकवाद और सीमा-पार अपराधों पर काबू पाना

27.  नेताओं ने स्‍पष्‍ट रूप से हर प्रकार और स्‍वरूप के आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की निंदा की और इन पर काबू पाने के लिए सदस्‍य देशों के बीच प्रभावी सहयोग की आवश्‍यकता को रेखांकित किया। उन्‍होंने आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कानून बनाने के माध्‍यम समेत सार्क क्षेत्रीय आतंकवाद दमन संधि और इससे संबंधित संधि को पूरी तरह से प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्‍होंने अंतर्रार्ष्‍टीय आतंकवाद पर संयुक्‍त राष्‍ट्र की व्‍यापक संधि को जल्‍द तैयार करने और स्‍वीकृत करने का अपना आग्रह दोहराया। वे नशीले पदार्थों आदि की अवैध तस्‍करी, शस्‍त्रों की तस्‍करी, बेहिसाबी धन को सही बनाने, नकली मुद्रा और अन्‍य सीमा-पार अपराधों पर काबू पाने के लिए प्रभावी उपाय करने पर भी सहमत हुए। वे साइबर अपराध निगरानी डेस्‍क स्‍थापित करने पर भी सहमत हुए।

शासन

28.  उन्‍होंने जवाबदेयता, पारदर्शिता, कानून और शासन के सभी स्‍तरों पर जनता की भागीदारी को बढ़ावा देकर सुशासन का सतत विकास सुनिश्चित करने की अपनी दृढ़  वचनबद्धता दोहराई।

29.  नेताओं ने दक्षिण एशिया में लोकतंत्रीकरण प्रक्रिया की तेज प्रगति पर संतोष व्‍यक्‍त करते हुए दक्षिण एशिया के लोगों की साझा आकांक्षाओं के रूप में शांति स्थिरता, लोकतंत्र और विकास को और बढ़ावा देने और संस्‍थागत बनाने का अपना संकल्‍प व्‍यक्‍त किया। इस संदर्भ में सार्क वे देशों के बीच समान हित के मुद्दों और सदस्‍य देशों की चिंता को लेकर सहयोग और सहायता की आवश्‍यकता पर भी सहमत हुए।

 सार्क कार्यप्रणालियों को मजबूत बनाना

30. सदस्‍य देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों या शासनाध्‍यक्षों ने आपसी हित के मुद्दों पर साझा पक्ष लेने और विभिन्‍न बहुपक्षीय संस्‍थाओं में सामूहिक मान्‍यता प्राप्‍त करने के जरिए अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर सार्क की दृश्‍यता और रूतबे को बढ़ाने की आवश्‍यकता स्‍वीकार की।

31.   नेताओं ने मंत्रिपरिषदों, सेक्‍टर स्‍तर पर मंत्रिस्‍तरीय इकाइयों, अन्‍य संस्‍थानों और संस्‍थाओं समेत सभी सार्क संगठनों को परिणामोन्‍मुख नीतियों, कार्यक्रमों, परियोजनाओं और गतिविधियों को विकसित करने का निर्देश दिया। नेताओं ने सार्क तंत्र के कार्य को तर्कसंगत बनाने का भी निर्देश दिया जिसकी स्‍थाई समिति के नियमित सत्र में प्रत्‍येक तीन वर्ष में अंतर सरकारी स्‍तर पर समीक्षा की जा सकती है ताकि कार्य प्रदर्शन, उपलब्धियों और कठिनाइयों का आकलन किया जा सके।

32.  नेता सार्क के उद्देश्‍यों, इसके सहयोग के क्षेत्रों और विगत में लिए गए फैसलों और किए गए समझौतों के अनुरूप सार्क सचिवालय की भूमिका बढ़ाने पर सहमत हुए। उन्‍होंने उभरती वास्‍तविकताओं के अनुरूप सार्क सचिवालय की संस्‍थागत क्षमता बढ़ाने की वचनबद्धता व्‍यक्‍त की ताकि सौंपी गई अपनी जिम्‍मेदारियों को वह प्रभावी और कुशल तरीके से पूरा कर सके।

33.  नेताओं ने चयनित विलय और बंद करने के जरिए सार्क क्षेत्रीय केंद्रों की गतिविधियों और संख्‍या को तर्कसंगत बनाने के फैसले पर संतोष व्‍यक्‍त किया। उन्‍होंने शेष सार्क क्षेत्रीय केंद्रों और विशेष संस्‍थानों को कुशल प्रभावी और परिणामोन्‍मुख बनाने के अपने संकल्‍प को दोहराया और इन संस्‍थाओं को ऐसे कार्यक्रम और परियोजनाएं शुरू करने का निर्देश दिया जिनसे ठोस परिणाम मिल सकें।

34. वे आने वाले समय में सार्क शिखर बैठक प्रत्‍येक दो वर्ष में, और आवश्‍यकता पड़ने पर इससे पहले, मंत्रिपरिषद की बैठक वर्ष में एक बार, स्‍थाई समिति की बैठक कम से कम वर्ष में एक बार और कार्यक्रम समिति की एक वर्ष में दो बार बुलाने पर सहमत हुए। वे कार्यक्रम समिति को सार्क की चार्टर समिति बनाने पर भी सहमत हुए।

 सार्क पर्यवेक्षक

 35.  उन्‍होंने शिखर बैठक में आस्‍ट्रेलिया, चीन गणराज्‍य, ईरान इस्‍लामी गणराज्‍य, जापान, कोरिया गणराज्‍य, मारीशस, म्‍यांमा, अमरीका और यूरोपीय संघ के पर्यवेक्षकों के शामिल होने का स्‍वागत किया। क्षेत्र के बाहर के देशों के साथ परामर्श भागीदारी स्‍थापित करने के पहले के फैसले के अनुरूप नेताओं ने सार्क सचिवालय द्वारा परामर्श भागीदारी स्‍थापित करने के लिए वर्तमान पर्यवेक्षकों के साथ विचारविमर्श और विश्‍लेषण की समीक्षा किए जाने की सराहना की। नेताओं ने कार्यक्रम समिति को सार्क के पर्यवेक्षकों को सदस्‍य देशों द्वारा चयनित प्राथमिकता के क्षेत्रों में उत्‍पादक, मांग पर आधारित और लक्ष्‍य परियोजना आधारित सहयोग में शामिल करने का निर्देश दिया।

 19वीं शिखर बैठक

36. नेताओं ने पाकिस्‍तान इस्‍लामी गणराज्‍य सरकार द्वारा सार्क की 19वीं शिखर बैठक की मेजबानी करने की पेशकश का स्‍वागत किया।

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