- November 28, 2020
पटना — बिहार में बढ़ रहे सड़क हादसों के पीछे की सबसे बड़ी वजह यातायात नियमों का उल्लंघन है।
नाबालिग वाहन चालक, नशे में गाड़ी लेकर सड़क पर निकल पड़ना, हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाना और सड़कों पर बेतरतीब तरीके से गाडि़यां खड़ी कर देने से ज्यादातर हादसे होते हैं।
बिहार में पिछले साल भर में ही सीट बेल्ट नहीं बांधने पर 49 लोगों की जान चली गई, जबकि गलत दिशा में गाड़ी चलाने की वजह से 142 हादसों में 68 लोगों की मौत हो गई।
अनियंत्रित ड्राइविंग ने 40 लोगों की जान ली। नियमों के उल्लंघन पर होने वाले हादसों में हर वर्ष नए-नए कारण सामने आए हैं। आबादी के साथ-साथ साल दर साल सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही है।
प्रयास जारी, परिणाम संतोषजनक नहीं
सरकार की ओर से प्रति वर्ष ऐसी दुश्वारियों को तलाशने और सुधार के प्रयास जारी हैं लेकिन परिणाम संतोष जनक नहीं हैं।
परिवहन विभाग और पुलिस वाहन चालकों को न्यूनतम गति से वाहन चलाने को लेकर भी जागरूक करती है, फिर भी साल दर साल हादसों की संख्या में बढ़ती जा रही है।
वाहनों के लिए अनिवार्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हैं। गाडिय़ों की सर्विसिंग समय पर नहीं कराने, हवा की समय-समय पर जांच की अनदेखी और वाहन चलाते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते भी सैड़कों लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं।
परिवहन विभाग और पुलिस के तमाम अंकुश व जुर्माना लगाने के बावजूद गाडिय़ों की फिटनेस को लोग तवज्जो नहीं देते हैं। वाहनों के अनियंत्रित रफ्तार कारण भी बड़ी दुर्घटनाएं घटती हैं।
ये लापरवाही हैं हादसे का कारण
दोपहिया वाहन की सवारी के दौरान हेलमेट न पहनना तो चौपहिया में सीट बेल्ट न लगाने के कारण गंभीर चोटों से हादसे में लोग बड़ी संख्या में काल ग्रास बन जाते हैं। यातायात नियमों के उल्लंघन में सड़क पर चलते हुए लेन तोडऩा, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, शराब पीकर या ड्रग्स का सेवन करके ड्राइविंग भी अहम वजह है।
रेड लाइट को नजअंदाज करना और अन्य दूसरे मामले शामिल हैं। वाहन मालिक और ड्राइवर में जागरूकता की कमी के कारण कहें या फिर अज्ञानता के कारण फॉग लाइट, हेड लाइट, बैक लाइट, पार्किंग लाइट, कलर रिफ्लेक्टर का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
पिछले वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में अहम मौतों का कारण गाड़ी चलाते हुए मोबाइल फोन के उपयोग को माना गया है।
वर्ष वार दुर्घटना और मौत के आंकड़े
वर्ष———-2016———-2017 ———-2018———-2019
हादसे———8222 ———8855———-9600———-10,007
मौतें——— 4901 ———5554———-6729———- 7205