17 लाख से अधिक श्रमिकों को मनरेगा से रोजगार—प्रदेश में रिकवरी रेट 48 %

17 लाख से अधिक श्रमिकों को मनरेगा से रोजगार—प्रदेश में रिकवरी रेट 48 %

भोपाल : —– मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के लिये दीर्घ अवधि और अल्प अवधि की योजनाओं पर कार्य किया जायेगा। लॉकडाउन की अवधि में राज्य में आर्थिक गतिविधियाँ हों, पर्याप्त सावधानी भी बरती जाये, श्रमिकों को रोजगार भी मिले इसका पूरा ध्यान रखा जायेगा।

वर्तमान में प्रदेश में मनरेगा कार्यो से 17 लाख से अधिक मजदूरों को काम मिला है और उनके लिये रोजी-रोटी की पुख्ता व्यवस्था हुई है। गत वर्ष करीब 11 लाख श्रमिकों को ही कार्य मिला था । इस तरह कोरोना संकट के समय 6 लाख से अधिक जरूरतमंदों को कार्यों से जोड़ा गया है।

आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में निरंतर प्रयास होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय से वीडियो काँफ्रेंसिंग द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मीडिया से प्राप्त सुझाव महत्वपूर्ण हैं, जो कोरोना नियंत्रण में उपयोगी सिद्ध होंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का आधार स्तम्भ है। इस नाते सदैव से अलग स्थान मीडिया का रहा है। जब कोई ऐसी चुनौती देश प्रदेश, आम जनता के सामने हो उससे निपटने में मीडिया के सुझाव हमेशा सहयोगी साबित होते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस पर नियंत्रण प्रभावी तरीके से हो रहा है।

प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़ रहा है जो बढ़कर 48 प्रतिशत हो गया है। प्रदेश में एग्रेसिव सेम्पलिंग शुरू की गई है। कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन एक मात्र तरीका है। प्रधानमंत्री जी ने तीन बार लॉकडाउन घोषित किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि निश्चित ही इस दौर में मीडिया की भूमिका के लिये विशेष रूप से आभार मानता हूँ, क्योंकि मीडिया ने जनता को जागरूक किया और इसे अपना सामाजिक दायित्व माना। अब लॉकडाउन-4 के संबंध में बात हो रही है। यह प्रधानमंत्री जी ने राज्यों पर छोड़ा है। इसलिये मुझे लगा कि मीडिया के मित्रों से विचार विमर्श करूँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं आश्वस्त हूँ कि आपके सहयोग और समाज के सहयोग से कारगर रणनीति पर अमल हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि राज्य में उपचार के बेहतर प्रबंध किये गये हैं। प्रदेश में बेड संख्या निरंतर बढ़ी है। शीघ्र ही एक लाख तक बेड तैयार हो जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह वास्तविकता है कि कोरोना पर पूर्ण अंकुश के लिये कोई वेक्सीन नहीं बनी है इसलिये कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। समाज को जागरूक करना होगा।

जन-जागरण के लिये आपका सहयोग आवश्यक है। प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं। दूसरे प्रदेशों के श्रमिकों के लिये भी मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखा गया है। समाज में निराशा के भाव न आयें। प्रारंभ में डेथ रेट ज्यादा थी। अब हमारी रिकवरी रेट ज्यादा है। इलाज समय पर होगा तो मरीज ठीक हो जायेगा। समाज का उत्साह व आत्मविश्वास बना रहे। ये भाव मीडिया पैदा कर सकता है।

क्राइसिस मेनेजमेंट ग्रुप बने हैं। राजनेताओं से और समाज के प्रमुख लोगों से भी चर्चा की है। इसी क्रम में मीडिया के सुझाव भी ठीक दिशा में ले जाने में सहयोगी होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मीडिया के सभी साथियों को हृदय से धन्यवाद देते हुये कहा कि आप सभी ने कोरोना और लॉकडाउन पर जो सुझाव दिये हैं, उसके अनुरूप आगे की रणनीति तय करने में मदद मिलेगी।

वीडियो काँफ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव जनसम्पर्क श्री अनुपम राजन, आयुक्त जनसम्पर्क श्री सुदाम खाड़े और संचालक जनसम्पर्क एवं अपर सचिव मुख्यमंत्री श्री ओम प्रकाश श्रीवास्तव उपस्थित थे।

मीडिया प्रतिनिधियों से प्राप्त प्रमुख सुझाव

श्री गिरिजा शंकर – कोरोना के साथ जीने की आदत सभी को डालनी है। ग्रीन जोन में सामान्य जनजीवन बहाल होना चाहिए। पुलिस बल द्वारा ऐसे क्षेत्रों में अत्याधिक चेकिंग न हो।

श्री विजय चौधरी-डॉक्टरों के दवाखाने खुलें। स्कूल, कॉलेज और धर्म स्थल अभी नहीं खुलना चाहिए। अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों का विशेष ध्यान रखा जाये।

श्री राजीव मोहन गुप्त – प्रदेश में 31 मई तक लॉकडाउन सख्ती से लागू हो। गाँवों की विशेष चिंता करने की आवश्यकता है। जिलों में अस्पतालों में आवश्यक प्रबंध भी सुनिश्चित हों।

श्री अक्षत शर्मा- सरकार ने लॉकडाउन में जरूरी व्यवस्थाओं का ध्यान पूर्व से ही रखा है। ग्रीन जोन में भी वैसी सावधानियाँ रखी जाना चाहिए, जो रेड या औरेंज जोन में रखी जाती हैं।

श्री प्रमोद भारद्वाज – इन्दौर से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार के लिए जाने वाले व्यक्तियों को इन्दौर के कुछ मकान मालिकों द्वारा मकान खाली करने को कहा जा रहा है। इसके लिये निर्देश दिये जायें, जिससे किरायदारों को असुविधा न हो। निजी अस्पतालों में उपचार महंगा नहीं होना चाहिए।

श्री राजेन्द्र शर्मा – ऐसे युवक जो छोटा-मोटा कार्य करते हैं, उन्हें सोशल डिस्टेंसिग के साथ अपना कार्य करने की आवश्यकता है, इस बात को उन्हें भूलना नहीं चाहिए। इसका ध्यान न रखने पर कोरोना केरियर भी सभी क्षेत्रों में जायेंगे जो उचित नहीं हैं। सीमित समयावधि के लिए मार्केट खोले जायें।

श्री नितेन्द्र शर्मा- ऐसे ऑरेंज जोन जो रेड हो रहे हैं, वहां ज्यादा सख्ती की आवश्यकता है। आगामी 31 मई तक वस्त्र की दुकानें नहीं खुलना चाहिए। वायरस नियंत्रण के लिए यह आवश्यक है कि पूरी सावधानियाँ रखी जाएं। आज व्यक्ति ही व्यक्ति से डरने लगा है। मनोचिकित्सकों को भी परामर्श देना चाहिए।

श्री ब्रजेश राजपूत- कोरोना के साथ जीना सीखना होगा, मुख्यमंत्री श्री चौहान की इस बात से सहमत हूँ। आईसोलेशन के साथ परस्पर सहयोग भी आवश्यक है। स्कूलों द्वारा फीस नहीं ली जानी चाहिए।

श्री रविश पाल- मध्यप्रदेश में कोरोना की स्थिति में सुधार तो हो रहा है, लेकिन आगे भी पूर्ण सावधानी आवश्यक है। स्कूल प्रारंभ करने के मुद्दे पर सख्त गाइड लाइन की आवश्यकता है। अभी तक किया गया परिश्रम बेकार नहीं जाना चाहिए।

श्री अनुराग द्ववारी – श्रमिकों के बच्चों के लिए ट्रांजिट स्थल पर दूध की व्यवस्था होना चाहिए। गाँव और कस्बों में मेडिकल ग्रुप बनाये जायें। लम्बे समय तक लोग असुविधा में न रहें।

श्री गोविन्द गुर्जर- बच्चों की शिक्षा के लिए जरूरी व्यवस्था और सावधानी आवश्यक है। ऐसी गतिविधियाँ न हों जिनसे वायरस फैलने की आशंका हो।

श्री सुनील शर्मा – निचले तबके को ज्यादा राहत की आवश्यकता है। गैस सिलेण्डर घरों तक पहुँचाने वाले और राशन दुकान वाले कर्मचारियों को स्वयं का और अन्य का ध्यान रखते हुए कार्य करना है। सोशल डिस्टेंसिंग होना ही चाहिए। ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में लोग यह न समझें कि कोरोना खत्म हो रहा है। इस संबंध में जागरूकता बहुत आवश्यक है।

श्री हरीश दिवेकर – ग्रामों में रोजगार के अवसर बढाये जायें। आगामी महीनों में अपराध वृद्धि की आशंका के मद्देनजर सतर्क रहने की जरूरत है। शिक्षा में तकनीकी का उपयोग बढ़ाया जाये।

श्री प्रवीण दुबे – ऐसे सेवा प्रदाता जिनका कार्य बहुत आवश्यक है, उनके लिए गाइड लाइन निर्धारित हो। शर्तों और एहतियात के साथ गतिविधियाँ होना चाहिए।

श्री वत्सल श्रीवास्तव- रेड जोन में संक्रमण न फैले इसके लिये सख्ती होना चाहिए। गाँव में पहुँचने वाले श्रमिकों को आवश्यकतानुसार क्वारेंटाइन किया जाना चाहिए।

श्री नवीन पुरोहित- पूर्ण एहतियात की आवश्यकता है। रेड जोन में पूरी सख्ती आवश्यक है।

श्री प्रशांत जैन – रेड जोन में दुकानें नहीं खुलना चाहिए। इन क्षेत्रों में तो सख्ती लागू रहना चाहिए।

श्री सत्यविजय सिंह- अगला लॉकडाउन मिलाजुला होना चाहिए। बड़े मार्केट बिल्कुल नहीं खुलना चाहिए। श्रमिक भी काम के लिए बाहर न जायें। स्क्रीनिंग की व्यवस्था बेहतर हो।

श्री मकरंद काले – श्रमिकों के लिए ट्रांजिट स्थल पर फूड पैकेट और सत्तू जैसा पौष्टिक आहार दिया जाये। स्वैच्छिक संगठन श्रमिकों को जूते-चप्पल भी उपलब्ध करवा सकते हैं।

श्री राकेश अग्निहोत्री – दूरदर्शी उपाय के रूप में अगले 20-30 साल के लिये रोजगार नीति और स्वास्थ्य नीति का निर्माण हो। नया मध्यप्रदेश गढ़ा जाये।

श्री राजेश शर्मा – देश में दो लाख पीपीई किट बनने लगी हैं। डयूटी पर तैनात सफाई कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों को ये किट मिलना चाहिए। अच्छी व्यवस्थाओं से जनता में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है।

श्री शरद द्विवेदी- एलोपैथी के साथ ही अन्य चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े विशेषज्ञों और अनुसंधान कर्ताओं को प्रोत्साहित किया जाये। इस समय यह आवश्यक है।

श्री मृगेन्द्र सिंह- रेड जोन में लॉकडाउन बहुत सख्ती से लागू होना चाहिए। हाईवे के पास की ग्राम पंचायतों को श्रमिकों की भोजन व्यवस्था के लिए अलग बजट दिया जाये।

श्री पंकज श्रीवास्तव- जो पुलिस जवान डयूटी कर थक गये हैं, उनके स्थान पर अन्य स्टाफ लगाया जाये। सरकार को कोरोना नियंत्रण के लिए रेड जोन में निरंतर सख्ती बरतनी होगी। सर्वे की दिक्कतें भी दूर की जायें।

(संपर्क — जन संपर्क विभाग , भोपाल)

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