15 दिनों के लिए लॉकडाउन करने की मांग–डाक्टर्स संगठन

15 दिनों के लिए लॉकडाउन करने की मांग–डाक्टर्स संगठन

पटना — IMA बिहार से जुड़े डॉक्टरों ने प्रदेश में 15 दिन की पाबंदी मांगी है। डॉक्टरों के संगठन का कहना है कि अगर लॉकडाउन नहीं हुआ तो कोरोना की बढ़ती रफ्तार काफी भयावह होगी जिसे रोका नहीं जा सकेगा। डॉक्टरों ने तत्काल 15 दिनों के लिए लॉकडाउन करने की मांग सरकार के सामने रखी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद ने तो 15 दिन पहले ही देश में पूर्ण बंदी की मांग की थी लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया और आज हालात सबके सामने है।

IMA ने स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों की बात

IMA ने बिहार के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों से भी राय ली है और सभी का कहना है कि अगर कोरोना को हराना है तो देश में पूर्ण लॉकडाउन करना होगा। बिहार में 15 दिनों की पूर्ण बंदी का सभी समर्थन कर रहे हैं। ऐसा करने से ही लोगों को कोरोना से राहत मिल पाएगी। विशेष चिकित्सा संस्थानों के प्रभारियों ने IMA से कहा है कि उनका तर्क जायज है, बंदी होनी चाहिए।

डॉक्टरों ने दिया बंदी के पीछे का तर्क

IMA ने बिहार के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों और स्वास्थ्य प्रशासन से बात की, जिसमें IGIMS के निदेशक डॉ. NR विश्वास ने कहा कि बिहार में कुल लॉकडाउन आवश्यक है। इसे कम से कम दो सप्ताह के लिए लागू किया जाना चाहिए और इसी से ही कोरोना का नेटवर्क टूटेगा। पटना AIIMS डॉ. PK सिंह ने भी कहा कि लॉकडाउन ही कोरोना की रफ्तार को रोकने का विकल्प है। पटना मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विद्यापति चौधरी भी लॉकडाउन के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लगाया गया सरल प्रतिबंध भी अच्छे परिणाम दे रहा है और लॉकडाउन निश्चित रूप से स्थिति को काफी हद तक कम कर देगा।

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि लॉकडाउन पहले लागू किया जाना चाहिए था। इससे स्थिति नियंत्रण में हो सकती है। NSMCH बिहटा सुपरिटेंडेंट डॉ. उदय कुमार भी तत्काल लॉक डाउन के पक्ष में हैं। IMA BIHAR अब शुरू होने वाले लॉकडाउन के लिए प्रयास कर रहा है जिससे कोरोना के प्रभाव को पूरी तरह से कम किया जा सके। IMA इसे अभियान के रूप में चलाने जा रहा है जिससे लॉक डाउन कर कोरोना पर काबू पाया जा सके।

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