14 नवीन आश्रय स्थलों के निर्माण के लिए 3 करोड़ 50 लाख आवंटित

14 नवीन आश्रय स्थलों के निर्माण के लिए 3 करोड़ 50 लाख आवंटित

भोपाल : ——–नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने जानकारी दी है कि 14 शहरों में आश्रय स्थलों के निर्माण के लिए 3 करोड़ 50 लाख रूपये स्वीकृत किये गए हैं। प्रति आश्रय स्थल 25 लाख रूपये स्वीकृत किये गए हैं। इसके साथ ही वर्तमान में संचालित 119 आश्रय स्थलों के संचालन एवं संधारण के लिए 89 लाख 94 हजार रूपये आवंटित किये गए हैं।

वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य के 51 जिला मुख्यालयों और एक लाख से अधिक आबादी वाले 4 नगरीय निकाय डबरा, इटारसी, नागदा एवं पीथमपुर में 119 आश्रय स्थल संचालित हैं।

आश्रय स्थल में गरीबों को बुनियादी सुविधाओं जैसे हवादार कमरे, पलंग, गद्दा, तकिया, चादर, स्वच्छ पेयजल, पर्सनल लॉकर और मनोरंजन के लिए टी.वी., अखबार और पुस्तकें उपलब्ध हैं। इसके साथ ही प्राथमिक उपचार किट, स्नानागार एवं शौचालय की सुविधा के साथ गर्मी के मौसम में बेघरों की सुविधा के लिए कूलर व वाटर कूलर की भी व्यवस्था की जाती है।

शीत ऋतु में ठंड में बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था एवं सुरक्षा की दृष्टि से सी.सी.टी.वी. कैमरे भी लगाये जाते हैं।

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के घटक शहरी बेघरों के लिये आश्रय अंतर्गत आश्रय स्थल का निर्माण एक लाख से अधिक आबादी वाले शहर और पर्यटन, ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहरों में किया जाना है।

Related post

दवा निर्माता : स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर (एसपीओ), स्टॉप टेस्टिंग ऑर्डर (एसटीओ), लाइसेंस निलंबन/रद्दीकरण, चेतावनी पत्र और शोकेस नोटिस

दवा निर्माता : स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर (एसपीओ), स्टॉप टेस्टिंग ऑर्डर (एसटीओ), लाइसेंस निलंबन/रद्दीकरण, चेतावनी पत्र और…

पीआईबी दिल्ली —– स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कुछ समाचार रिपोर्टों के बाद तत्काल और निर्णायक…
सिक्किम की नदियाँ खतरे में !

सिक्किम की नदियाँ खतरे में !

लखनउ (निशांत सक्सेना) —— तीस्ता -III परियोजना पर वैज्ञानिक पुनर्मूल्यांकन और लोकतांत्रिक निर्णय की माँग जब भी…
हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

पीआईबी : (नई दिल्ली)  उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़  ने अवैध प्रवास पर गंभीर चिंता व्यक्त…

Leave a Reply