- January 15, 2017
विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अहम उपलब्धियाँ अर्जित
कोण्डागांव—– अगर हम कोण्डागांव जिले के समग्र विकास की बात करें तो विद्युतीकरण के उल्लेख आवश्यक हो जाता हैं। जिला बनने के उपरांत कोण्डागांव जिले में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अहम उपलब्धियाँ अर्जित की गई हैं।
विद्युतीकरण विकास की वह धूरी है, जिस पर परोक्ष और अपरोक्ष रुप में समस्त आधारभूत संरचनाएं टिकी रहती हैं। जिले में बीते कुछ वर्षो में सघन विद्युतीकरण के चलते लो-वोल्टेज एवं पावरकट जैसे समस्याएं अब न के बराबर हैं, इसके साथ ही प्रति व्यक्ति विद्युत उपभोग की क्षमता बढ़ी हैं।
देश के एकमात्र जीरो पॉवरकट राज्य छत्तीसगढ़ का कोण्डागांव जिला विद्युत विकास तथा विद्युत उपभोग की दृष्टि से सर्वाधिक उन्नतशील जिला हैं। विगत वर्ष 2015-16 की तुलना में विद्युत मांग में 5 प्रतिशत एवं राजस्व में 30 प्रतिशत की वृद्धि की गई हैं। विद्युत मांग में दर्ज तीव्रगामी वृद्धि को ध्यान में रखकर विद्युत प्रदाय व्यवस्था की क्षमता उन्नयन, नए उच्चदाब उपकेन्द्र स्थापना के काम जिले में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किए गए हैं।
प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह के मंशानुरुप दूर-दराज के क्षेत्रों में बेहतर एवं निर्बाध विद्युतीकरण करने के संकल्प राज्य शासन द्वारा किया गया हैं, यह उसी का परिणाम हैं। इसी कड़ी में जिले में भी बिजली की मजबूत अधोसरंचना विकसित की जा रही हैं, ताकि आने वाले समय में बिजली उपभोक्ताओं की मांग पर पूरी तरह से खरा उतरा जा सके।
जिले में पहले निम्न दाब लाईन 1768 कि.मी. थी जो आज बढकर 2607 कि.मी. हो गई हैं। इसके अलावा वर्ष 2013 में पहली बार जिले के ग्राम मसोरा में 132/33 के0व्ही0 विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना की गई। इससे आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय के लिए स्थापित 33/11 के0व्ही0 उपकेन्द्रों को 33 के0व्ही0 लाईन के माध्यम से विद्युत की आपूर्ति किया जाना संभव हुआ।
जहां एक ओर इस उपकेन्द्र की स्थापना से जिले में लो-वोल्टेज की समस्या का निदान हुआ है, वहीं अनेक छोटे-बड़े उपकेन्द्र का निर्माण भी हो पाया है और विद्युत आपूर्ति संभव हो सकी हैं।
इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अभियंता नवीन पोयाम ने बताया कि बीते वर्षो में जब कोण्डागांव जिले का निर्माण नहीं हुआा था तब यहां केवल 3 उपकेन्द्र विद्यमान थे, जिसकी क्षमता 22.6 एम0व्ही0ए0 थी। जिससे विद्युत आपूर्ति करने में कठिनाई होती थी। कोण्डागांव जिले के गठन के बाद आज तक कुल 11 उपकेन्द्र का निर्माण किया गया और क्षमता बढ़कर 68.85 एम0व्ही0ए0 हो चुकी हैं।
जिला कोण्डागांव में आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल 7 नये उपकेन्द्र विभिन्न योजना अंतर्गत निर्माण किये जाने का लक्ष्य रखा गया हैं। जिससे जिले में विद्युत प्रदाय व्यवस्था में गुणात्मक सुधार आने के साथ-साथ विद्युत उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता के साथ विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम माना जा सकता हैं।
राज्य शासन की मंशानुरुप घरेलू उपभोक्ताओं को कम दर पर बिजली आपूर्ति के अलावा उद्योगो को भी अन्य राज्यों की तुलना में कम दर पर बिजली उपलब्ध कराकर जिले को विकास की गति प्रदान करने में विद्युत वितरण कंपनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। शासन द्वारा योजनाबद्ध तरीके से उद्योग, व्यापार के साथ ही किसानों के खेतो तक बिजली पहुंचाने का कार्य तेजी से किया जा रहा हैं।
जिले के गठन के बाद 498 ग्रामों में बिजली थी वह अब बढ़कर 537 हो गए, वहीं 132/33 के0व्ही0 उपकेन्द्रो की संख्या 0 से बढ़कर अब 1 हो गई है वहीं 33/11 के0व्ही0 उपकेन्द्रो की संख्या 3 से बढ़कर 14 हो गई हैं। इसी तरह 11/0.4 के0व्ही0 के वितरण ट्रांसफार्मर की संख्या 922 से बढ़कर 2904 हो गई हैं।
निम्न दाब के कनेक्शनों की संख्या 26200 से बढ़कर 104457 हो गई हैं। इसके अलावा एकलबत्ती कनेक्शन धारियों की संख्या जो कि जिला गठन के समय 12377 थी वह अब बढ़कर 61820 हो गई हैं। इसके साथ ही किसानों के खेत-खलिहानों तक विद्युत पहुंचाने का कार्य भी जिले में तेजी से किया जा रहा हैं। कोण्डागांव जिले में कृषि उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्तायुक्त एवं सतत् विद्युत प्रदाय करने के लिये उच्च दाब विद्युत वितरण प्रणाली के तहत छोटे वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना की जा रही हैं।
इस प्रकार कृषि उपभोक्ताओं की संख्या जिला गठन के समय 423 से बढ़कर 6246 हो गई हैं। इस तरह कोण्डागांव जिले के सर्वांगीण विकास में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उल्लेखनीय योगदान दिया गया हैं। इससे आमजन, किसान एवं निम्न आय वर्ग के व्यक्ति परिवार लाभान्वित हुए हैं।