- February 28, 2018
12039 टन मछली का उत्पादन–मत्स्य पालन को बढावा दें -किसान : गोयल
झज्जर, 28 फरवरी। मछली पालन का व्यवसाय आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में काफी सहयोगी है। उपायुक्त सोनल गोयल ने कहा कि ग्रामीण परंपरागत खेती के साथ-साथ मछली पालन का व्यवसाय अपनाकर सरकार की ओर से दी जाने वाली अनुदान राशि से लाभांवित हों। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मत्स्य पालन को रोजगार के साथ जोड़ा गया है ताकि युवाओं को स्वरोजगार शुरू करने का अवसर मिल सके।
उपायुक्त श्रीमती गोयल ने कहा कि मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को अनुदान राशि जाती है। उन्होंने जिला मत्स्य विभाग की ओर से चलाई जाने वाली स्कीमों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विभाग द्वारा चालू वित्त वर्ष के फरवरी मास तक लगभग 71 लाख 89 हजार 118 रूपए का अनुदान दिया गया है।
उपायुक्त सोनल गोयल ने जिले के बेरोजगार लोगों विशेषकर युवाओं का आह्वïान किया है कि वे मत्स्य पालन व्यवसाय शुरू करके स्वयं का रोजगार स्थापित करें तथा अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएं।
मत्स्य पालन का व्यवसाय आर्थिक समृद्धि का बेहतर जरिया है। युवाओं को मछली पालन की ओर अधिक ध्यान देते हुए स्वरोजगार की ओर अग्रसर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीली क्रांति के नाम से ज्ञात मछली पालन कार्य को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं।
उन्होंने मछली पालन विभाग की प्रगति रिपोर्ट का ब्यौरा देते हुए बताया कि विभाग द्वारा अब तक जिला में 12039 टन मत्स्य उत्पादन हुआ जबकि इस कार्य से 256 लोगों को स्वरोजगार प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा जिले के 466 तालाबों के 973 हैक्टेयर क्षेत्र में 86.72 लाख मछली बीज का स्टाक किया गया।
जिले में 38 हैक्टेयर क्षेत्र के पंचायती तालाब मत्स्य पालकों को पट्टा पर दिलवाए गए। उन्होंने बताया कि मछली पालन के लिए मत्स्य पालन विभाग द्वारा प्रशिक्षण मुहैया कराने के साथ-साथ बैंकों से सस्ती दरों पर ऋण व अनुदान सुविधा भी सहजता से उपलब्ध कराई जा रही है।