12 साल बाद गवर्निंग काउन्सिल की पहली बैठक
जयपुर—————-जवाहर कला केन्द्र को विश्व स्तरीय कला संस्थान और पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा, जहां स्थानीय प्रतिभाओं को अन्तर्राष्ट्रीय मंंच उपलब्ध होने के साथ ही दुनियाभर की कला एवं संस्कृतियों का प्रदर्शन हो सकेगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में केन्द्र की गवर्निंग काउन्सिल की पहली बैठक मेंं लिया गया।
गौरतलब है कि वर्ष 2004 में जवाहर कला केन्द्र सोसायटी की स्थापना के 12 वर्ष बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में इसकी गवनिर्ंग काउन्सिल की पहली बैठक हुई। बैठक में केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों के संचालन और देखरेख के लिए कार्यकारी परिषद (एक्जीक्यूटिव काउन्सिल) का गठन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र को ऑटोनॉमस संस्थान के रूप में संचालित करने से इसका नामी कलाकारों, कला विशेषज्ञाें, अकादमिक विचारकों आदि के साथ जुड़ाव बढे़गा और इसे अन्तर्राष्ट्रीय कला केन्द्र के रूप में ख्याति मिलेगी।
राजस्थान में पर्यटन गतिविधियों के विकास के साथ-साथ राजस्थान की लोक कलाओं और स्थानीय संस्कृति को नया मंच मिलेगा। श्रीमती राजे ने केन्द्र के शिल्पग्राम में एक स्थाई हाट बाजार स्थापित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि केन्द्र की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए परिसर के दक्षिणी हिस्से में आधुनिक सुविधायुक्त ऑडिटोरियम और कॉन्फ्रेन्स हाल विकसित कर उनका व्यावसायिक उपयोग किया जाए।
केन्द्र में आउटडोर कॉफी हाउस और आर्ट शॉप जैसी व्यावसायिक गतिविधियाें के संचालन का कार्य नई पीढ़ी के उद्यमियों और कलाकारों को दिया जाए। मुख्यमंत्री ने केन्द्र में चल रही कला गतिविधियों और विकास कायोर्ं में गति लाने के निर्देश दिये। उन्होंने रामनिवास बाग स्थित रवीन्द्र मंच का भी पुनरूद्धार कर जवाहर कला केन्द्र सोसायटी द्वारा संचालित करने का सुझाव दिया।
बैठक में केन्द्र की महानिदेशक श्रीमती पूजा सूद ने बीते कुछ महीनों के दौरान यहां हुए नवीनीकरण, ढांचागत विकास कार्यों और भविष्य की कार्य योजना पर प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर पर्यटन राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णेन्द्र कौर दीपा, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पी. एस. मेहरा, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन श्रीमती रोली सिंह सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।