- July 8, 2020
12वीं के बाद मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए आईआईएम आईपीएम प्रोग्राम
देश की वर्तमान की स्थिति के कारण 12वीं के छात्र अपने करियर को लेकर काफी डरे हुए हैं। ऐसे में सभी विपरीत स्थितियों के बाद भी आईआईएम का 5 सालों का मैनेजमेंट कोर्स छात्रों के करियर को संवारने का सबसे बेहतर विकल्प है। मैनेजमेंट के अधिक से अधिक छात्र उज्जवल भविष्य के लिए आईआईएम आईपीएम का कोर्स चुनते हैं। दी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम), हर साल एक एप्टीट्यूड टेस्ट का आयोजन करता है, जिसमें 20,000 से भी ज्यादा छात्र भाग लेते हैं। इस एप्टीट्यूड टेस्ट के जरिए छात्रों को मैनेजमेंट में 5 साल के इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में प्रवेश पाने का मौका मिलता है। प्रवेश की प्रक्रिया में आईपीएम एप्टीट्यूड टेस्ट शामिल है, जिसके कट-ऑफ को क्लियर करने के बाद रिटेन एबिलिटी टेस्ट (डब्ल्यूएटी) और पर्सनल इंटरव्यू (पीआई) होता है।
प्रथम टेस्ट प्रेप के मैनेजिंग डायरेक्टर, अंकित कपूर ने बताया कि, “आईपीएम एक अनोखा कोर्स है जो छात्रों को मात्र मैनेजमेंट के बारे में नहीं सिखाता बल्कि उन्हें संपूर्ण विकास प्रदान करता है। यह किसी भी अन्य ग्रेजुएट प्रोग्राम से कहीं अधिक बेहतर है। आईपीएमएटी के लिए तैयारी करना और इसे समझना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। हालांकि, सफलता के लिए एक साल पहले से ही तैयारी शुरू करना बेहतर होता है। एक बार जब आप सभी चीजों को लेकर संतुष्ट हो जाते हैं और तैयारी की प्लानिंग कर लेते हैं तो इस प्रोग्राम का सिलेबस भी आसान लगने लगता।”
5 साल का यह कोर्स 2 हिस्सों में विभाजित किया गया है- 3 साल और 2 साल। पहले 3 सालों में आपकी नींव को मजबूत किया जाता है, जहां आपको फिलॉसफी यानी कि दर्शनशास्त्र, साइकोलॉजी, गणित, स्टेटिस्टिक्स और इकोनॉमी आदि विषयों के बारे में विस्तार में समझने का मौका मिलता है। बाकी के 2 सालों में कैट क्लियर करने वालों को लिया जाता है।
अंकित कपूर ने और अधिक जानकारी देते हुए बताया कि, “इन 5 वर्षों में आपको सबसे उज्जवल दिमाग वाले छात्रों, दोस्तों और शिक्षकों से मिलने का मौका मिलता है। इसके अलावा छात्रों के लिए गेस्ट लेक्चर भी कराए जाते हैं। इससे छात्रों को तैयारी के लिए एक अलग माहौल मिलता है। ये गेस्ट लेक्चर सरकारी विभागों सहित हर प्रकार की इंडस्ट्रीज से होती हैं। यह केवल कुछ ही कॉलेज में देखने को मिलता है जिसमें आईआईएम आपीएम भी शामिल है।”
हालांकि, भारत में अधिकतर छात्रों को 12वीं के बाद काम करने का मौका नहीं मिलता है लेकिन आईपीएम पहला साल खत्म होने के बाद छात्रों को सामाजिक इंटर्नशिप के ज़रिए काम का माहौल और नैतिकता के बारे में समझने का अवसर देता है। अंकित कपूर ने आगे बताया कि, “छात्रों को उनके मुकाम तक पहुंचाने के लिए उन्हें हर साल के अंत में अलग-अलग प्रकार की इंटर्नशिप करने का मौका मिलता है। इन दो सालों में छात्र अपना समय अनुभव प्राप्त करने में, पैसा कमाने में या अपनी इच्छा अनुसार कुछ भी करने में लगा सकता है। इसकी मदद से छात्र जिंदगी में आगे बढ़ना सीखते हैं। आईपीएम के अलावा छात्रों के पास फॉरेन एक्सचेंज प्रोग्राम का विकल्प भी होता है। यह प्रोग्राम 3-5 महीनों का होता है, जहां छात्रों को इसके बारे में बेहतर रूप से सीखने का मौका मिलता है। लेकिन यह प्रोग्राम छात्रों को केवल उनकी मेहनत से मिलता है। इतना ही नहीं, आईपीएम के छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट के जरिए पीजीडीएम से भी बड़ा पैकेज मिलता है।”
इस कोर्स की खासियत यह है कि छात्र ने 11वीं और 12वीं में गणित या मैनेजमेंट लिया हो या नहीं, वे इंटरव्यु क्लियर कर के इस कोर्स को आसानी से कर सकता है। हालांकि, इस प्रोग्राम में सीमित सीटें होने के कारण इसका पेपर बेहद मुश्किल होता है। इसलिए इसमें सफल होने के लिए छात्रों को एक साल पहले से तैयारी शुरू कर देना चाहिए।
उमेश कुमार सिंह
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