• January 3, 2018

1 लाख 31 हजार आवास पूर्ण

1 लाख 31 हजार आवास पूर्ण

जयपुर——- प्रदेश में 2022 तक सभी पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में आवास उपलब्ध कराने के उद्वेश्य से वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक 6 लाख 75 हजार आवास निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया,जिसमें से वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में 4 लाख 65 हजार आवास निर्माण कराने की स्वीकृतियां जिलों में जारी की जा चुकी है तथा अब तक 1 लाख 31 हजार आवास पूर्ण कराए जा चुके हैं।

ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुदर्शन सेठी ने बताया कि अब तक स्वीकृत सभी आवासों की जियो टैगिंग की जा रही है। इसी प्रकार 4 लाख 51 हजार आवासों के लिये प्रथम तथा 3 लाख आवासों के लिये दूसरी किश्त जारी की जा चुकी है।

श्री सेठी ने बताया कि 2018-19 में आवंटित 2 लाख 20 हजार लक्ष्य के आवासों में वर्ष 2017-18 में 1 लाख 43 हजार आवासों की स्वीकृति जारी करने के निर्देश भारत सरकार से प्राप्त हुये हैं। उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में आवास निर्माण कराने के लिये अब तक 8 हजार 435 करोड रूपये का आवंटन हुआ है जिसमें से अब तक 3 हजार 960 करोड़ रूपये की राशि जारी की जा चुकी है।

लापरवाह कार्मिकों के विरूद्व होगी सख्त कार्यवाही श्री सेठी ने बताया कि वरीयता सूची अनुमोदन में ग्राम सभा के प्रस्ताव व सभी पंजीकृत, स्वीकृत आवासों की आधार सीडिंग की समीक्षा कर द्वितीय किश्त से प्रत्येक लाभार्थी के आवास का अभियान के रूप में निरीक्षण कराकर योजना के क्रियान्वयन में लापरवाह कार्मिकों व अधिकारियों के विरूद्व सख्त कार्यवाही के लिये जिला कलेक्टरों को कडे़ निर्देश दिये है।

2016-17 के शत प्रतिशत आवासों की द्वितीय किश्त 10 जनवरी 2018 तक एवं 2017-18 में स्वीकृत आवासों की द्वितीय किश्त 20 जनवरी 2018 तक जारी करने के निर्देश दिये है।

जियो टै्रगिंग नही करने पर गहरी नाराजगी जताते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुदर्शन सेठी ने जिलों में आवासों की स्वीकृतियां जारी होने पर समय पर जियो टैगिंग नही करने पर गहरी नाराजगी जताते हुये जिला कलेक्टरों को कहा कि स्वीकृतियां जारी होने के एक वर्ष उपरान्त भी द्वितीय किश्त जारी नही होने पर यह स्पष्ट होता है कि या तो लाभार्थी द्वारा कार्य प्रारम्भ नही कराया गया या लाभार्थी को द्वितीय किश्त जारी नही की गयी। इसलिये स्वीकृत सभी आवासों की शीघ्र जियो टैगिंग करना सुनिश्चित करें।

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