- November 9, 2014
हैल्पलाईन नम्बर से कानूनी मश्वरा और समाधान : अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश।
कैथल, 9 नवम्बर (राजकुमार अग्रवाल) अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री जयबीर सिंह ने कहा है कि जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण का उद्देश्य समाज के निम्नतम व्यक्ति को कानूनी तौर पर साक्षर बनाकर उसे आत्मविश्वास से लबरेज करना है। मुफ्त कानूनी सहायता का पात्र व्यक्ति अदालत में बिना कोई पैसा खर्च किए न केवल अपना मुकदमा दायर कर सकता है, बल्कि कानूनी लड़ाई की पूरी प्रक्रिया का खर्च भी विधिक सेवाए प्राधिकरण वहन करता है। जयबीर सिंह आज राष्ट्रीय विधिक सेवाएं दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सोजन्य से स्थानीय आरकेएसडी कालेज में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
शिक्षा विभाग के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई तथा इससे पूर्व आरकेएसडी हॉल के बाहर शिक्षा विभाग तथा विधिक सेवाएं क्लब द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश ने अवलोकन किया। इस अवसर पर उनके साथ मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रैट तथा जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव श्री गगनदीप मित्तल वचीफ ज्युडिशियल मैजिस्ट्रैट तरनजीत कौर भी मौजूद रही। जिला एवं सत्र न्यायधीश ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में विधिक सेवाओं के प्रचार-प्रसार में स्कूली बच्चों की भूमिका को राम बाण बताते हुए कहा कि किसी भी सामाजिक कार्यक्रम को विकसित करने में स्कूल एक सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे एक सेनानी की तरह आम जन मानस को निशुल्क कानूनी जानकारियां उपलब्ध करवाने का मजबूत जरिया बन सकते हैं।
उन्होंने राष्ट्रीय, राज्य व जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की स्थापना की पृष्ठ भूमि से उपस्थित गण को परिचित करवाते हुए कहा कि इसके गठन का उद्देश्य समाज के लोगों में कानून की अज्ञानता के अंधकार को दूर कर उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। प्राधिकरण का हैल्प लाईन नम्बर 01746235759 आम जन मानस को कानूनी जानकारियां देने की तरफ एक मजबूत कदम है, जिसके माध्यम से किसी भी तरह की कानूनी सलाह व समाधान प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विधिक सेवाएं प्राधिकरण के पैनल के सभी वकील न केवल कानून के अच्छे ज्ञाता हैं, बल्कि अपने आचरण से भी वह आम जन मानस के लिए सहयोगी भूमिका निभाते दिखाई देते हैं।
इस मौके पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश ने अपनी जिन्दगी से जुड़े कुछ संस्मरण व उनके फर्श से अर्श तक के पहुंचने के संघर्षमयी सफर को बयान कर बच्चों को प्रेरित भी किया।उन्होंने विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा दी जा रही सेवाएं की जानकारी देते हुए जिला मध्यस्थता केंद्र, जिसके माध्यम से मध्यस्थ अधिकारी निष्पक्ष मध्यस्थता से विवादित पक्षों की बीच समझौते की आधार भूमि तैयार करता है और दोनों पक्षों के बीच आपसी बात-चीत और विचारों का माध्यम बनता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पहला ऐसा राज्य है,जहां एक लाख 50 हजार से कम वार्षिक आय वाले व्यक्ति को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। इसके अलावा स्वतंत्रता सेनानी या आश्रित, वरिष्ठ नागरिक, किन्नर, महिलाएं तथा बच्चे, 18 वर्ष तक की आयु किशोर भी मुफ्त कानूनी सहायता के पात्र हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि मुफ्त कानूनी सहायता में कानूनी प्रक्रिया में खर्चे में जैसे तलबाना व टाईपिंग द्वारा का भुगतान व अन्य दस्तावेजों के खर्चे भी शमिल हैं। उन्होंने जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव, समन्वयक तथा शिक्षा विभाग के सहयोग की सराहना की।मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव श्री गगनदीप मित्तल ने आभार व्यक्त करते हुए प्राधिकरण की गतिविधियों व उद्ेश्य के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रयास है कि हर बच्चा न केवल जागरूक और शिक्षित हो अपितु कानूनी ज्ञान से भी परिपूर्ण हो। उन्होंने प्राधिकरण के मिशन निभाओ कर्तव्य पाओ अधिकार के संदर्भ में भी चर्चा की।
जिला शिक्षा अधिकारी डा. अशोक कुमार ने स्कूली स्तर पर विधिक सेवाओं के प्रचार प्रसार के लिए गठित क्लबों की जानकारी दी तथा भरोसा दिलाया कि शिक्षा विभाग प्राधिकरण के साथ मिलकर आम जनता तक बच्चों के माध्यम से निशुल्क कानूनी सहायता व अन्य गतिविधियों की जानकारी पहुंचाएगा। प्राधिकरण के समन्वयक एडवोकेट अरविंद खुरानियां ने स्कूलों में चलाए जा रहे विधिक क्लबों, पैरा लीगल वोलियंटर्स की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए यह भी बताया कि शहरी व ग्रामीण स्तर परप्राधिकरण द्वारा स्थापित 20 लीगल एड क्लीनिक स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवाएं दिवस के अवसर पर विधिक सेवा शिविर भी आयोजित कर लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह प्रदान की गई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश ने इस मौके पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की गतिविधियों में सहयोग करने वाले अध्यापकों सहित स्कूली बच्चों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर आरकेएसडी कालेज की प्रिंसीपल डा. जे.पी. कौर, उप जिला शिक्षा अधिकारी श्री शमशेर सिरोही, खंड शिक्षा अधिकारी साहब सिंह, कार्यक्रम के नोडल अधिकारी सुरेश गुलशन, कालेज के उप प्राचार्य ओपी गर्ग, डा. आर.के. गुप्ता, शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक अशोक भट, एडवोकेट रमतीरमन शर्मा मौजूद रहे। मंच संचालन श्रीमती सुनील नैन ने किया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह विषय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर श्रोताओं का मन मोह लिया।