- May 6, 2017
हुडा के कच्चे कर्मचारियों की हड़ताल-ईएसआई व पीएफ रिकार्ड देने की मांग
झज्जर/बहादुरगढ़ (पत्रकार गौरव शर्मा)——-बहादुरगढ़ शहर के सेक्टर 2 में स्थित जलघर पर वीरेंद्र बुल्लड़ पहलवान व समर्थक आए हुडा कर्मचारियों के समर्थन में। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(हुडा) के कच्चे कर्मचारियों ने पूरा वेतन देने और ईएसआई व पीएफ का रिकार्ड देने की मांग को जलघर पर हड़ताल की तथा हुडा प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
कर्मचारियों की मांगों का समर्थन समाज सेवी बुल्लड़ पहलवान ने भी किया है और उन्होंने कर्मचारियों के साथ हुडा प्रशासक को पत्र लिखकर कर्मचारियों को पूरी तनख्वाह व उसका रिकार्ड देने की मांग की है। साथ ही कर्मचारियों का रिकार्ड अधिकारियों के पास भी रखने की मांग की गई है।
मौके पर कर्मचारियों की समस्या जानने पहुंचे कार्यकारी अभियंता केके श्योकंद के पास भी कर्मचारियों का रिकार्ड नहीं मिल पाया। वही समाजसेवी बुल्लड़ पहलवान, विनय, आशीष, धर्मवीर, अमित, राजेश, राकेश, विकास, सुभाष, मंजीत आदि ने बताया कि वे हुडा में सीवर मैन, ड्राइवर, चौकीदार, कीमैन, फीटर व हैल्पर के पद पर कार्यरत हैं। वे अनुबंध पर हुडा में लगे हुए हैं।
सरकार की ओर से उन्हें नियमों के अनुसार तनख्वाह दी जाती है लेकिन ठेकेदार की ओर से उन्हें सिर्फ 8 हजार रुपये ही दिए जाते हैं। साथ ही उन्हें न तो इएसआई व पीएफ दिया जाता है और ना ही हुडा कार्यालय में उनका कोई रिकार्ड है। इसी के चलते उन्होंने शुक्रवार को हड़ताल की। उन्होंने बताया कि कुछ माह से उन्हें तनख्वाह भी नहीं मिल रही है। उन्होंने सरकार से कर्मचारियों की सभी मांगे जल्द से जल्द पूरी करने की मांग की है।
कर्मचारियों के समर्थन में आए बुल्लड़ पहलवान ने बताया कि जब ठेकेदार से बातचीत की गई तो उसने बताया कि विभाग की ओर से उसके बिल पास नहीं हो रहे हैं। इसी के चलते उन्होंने हुडा प्रशासक रोहतक को पत्र भेजकर इनकी समस्याओं का समाधान जल्दी से करने की मांग की है।
कर्मचारियों ने बताया की सीवर मैन हो या चौकीदार या फिर ड्राइवर किसी भी कर्मचारी को सरकार की ओर से निर्धारित वेतन नहीं मिल रहा है। ठेकेदार द्वारा वेतन दिए जाने को कोई सबूत भी नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर सीवर सफाई करते समय गैस चढऩे से किसी सीवर मैन की मौत भी हो जाए तो बिना रिकार्ड के उसे मुआवजा भी नहीं मिल सका।
उन्होंने प्रशासक से भी मांग की है कि वे अधिकारियों को निर्देश दें कि सभी कच्चे कर्मचारियों का रिकार्ड अपने पास जरूर रखें और उन्हें अपने सामने ही पूरी तनख्वाह दिलवाएं। अगर ऐसा नहीं होता है तो वे जल्द ही इस दिशा में आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।