- December 11, 2020
हिन्दुस्तान टाइम्स की लीडरशिप समिट— अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई थी, अब रोडमैप तैयार—-मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
भोपाल : —-मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने में पूरी ताकत से जुटा है। कोविड-19 के पांव फैलाने के समय प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने के बाद न सिर्फ वायरस के नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए बल्कि तीन माह में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के निर्माण की ठोस पहल भी की। संकट के दौर में समाधान खोजने की इन कोशिशों में सफलता भी मिली है। रोजगार संभावनाओं को बढ़ाने का कार्य भी आसान हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय लीडरशिप समिट के ऑनलाइन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समिट में मध्यप्रदेश में गत 08 माह में कोरोना नियंत्रण, आर्थिक विकास और जनकल्याण से जुड़ी की उपलब्धियों से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए। समिट में वॉलमार्ट के सीईओ श्री मेकमिलन, डेलॉयट के ग्लोबल सीईओ श्री पुनीत रेनजेन और नोबल अवार्डी श्री अभिजीत बैनर्जी ने शिरकत की।
संकट के हालात से बाहर निकाला जनता को
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की परिस्थितियां सामान्य नहीं थी। मध्यप्रदेश में पूर्व सरकार की इस खतरनाक वायरस से निपटने की कोई तैयारी ही नहीं थी। एक बैठक तक नहीं बुलाई गई थी। हमने राज्य की जनता को संकट के हालातों से बाहर निकाला। मैंने मुख्यमंत्री का पदभार संभालने पर शपथ लेते ही सीधे मंत्रालय जाकर पहली बैठक कोरोना की स्थिति जानने के संबंध में ली। राज्य में जाँच के लिए एक लैब ही थी, जिसकी संख्या बढ़ाते हुए 75 तक की गई। एक सप्ताह में आवश्यक बेड, ऑक्सीजन, दवाओं का इंतजाम किया गया। स्टाफ का प्रबंधन भी किया गया। राज्य में पीपीई किट बनने लगी। स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने युद्ध स्तर पर मास्क निर्माण कर राज्य की जनता को इस वायरस से बचाने में अहम योगदान दिया। अब जब कोरोना की वैक्सीन के आने का समय हो रहा है, मध्यप्रदेश में इसके लिए आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं।
मोदी जी के मंत्र को अपनाया, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप बना लिया
कोरोना संक्रमण रोकने की चुनौती के साथ ध्वस्त अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती भी थी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा ही था कि जान है और जहान भी है। हमने तत्परता से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप बनाया। इसके लिए अधोसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुशासन, अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसर बढ़ाने के कार्यों को प्राथमिकता दी। लोगों को बुनियादी सुविधाओं की जरूरत थी। प्रदेश ने गेहूँ उपार्जन में पंजाब को पीछे छोड़ दिया। पूर्व के वर्षों में मध्यप्रदेश का सिंचाई रकबा बढ़ाने की वजह से भी अच्छा उत्पादन हो रहा है। गत 08 माह में विभिन्न वर्गों के हितग्राहियों के खातों में राशि अंतरित करने का कार्य निरंतर हुआ है।
किसान हित में हैं नए कानून, संवाद का मार्ग सबसे अच्छा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों के संदर्भ में कहा कि नए किसान कानून किसानों के हित में होंगे। किसान को मण्डी के अलावा फसल बेचने का अन्य विकल्प देना उसके हित में ही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था बरकरार रहेगी। कृषि उत्पादन क्रय करने के लिए नई वैकल्पिक पद्धति के अंतर्गत यदि व्यापारी और किसान परस्पर सहमत हैं तो किसी को क्या आपत्ति होनी चाहिए। लोकतंत्र में संवाद बहुत आवश्यक है। किसी जिद् से कोई समाधान नहीं निकलता। मध्यप्रदेश के किसान तो नए कानूनों के पक्ष में ही हैं। वैसे भी कई वर्ष से मॉडल एक्ट की चर्चा चल रही थी। कॉन्टेक्ट फार्मिंग के विकल्प में भी यह प्रावधान है कि फसल का मूल्य बाजार में कम भी हो जाए तो किसान को हानि नहीं होगी। एक निर्धारित दर पर उसे उत्पादन बेचने के प्रावधान का फायदा अवश्य मिलेगा।
बालिकाओं और महिलाओं के हित में कानूनी प्रावधान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ऐसे कानूनी प्रावधान कर रहा है, जिससे बालिकाओं और महिलाओं का शोषण न हो सके। प्रलोभन या बहला-फुसलाकर नारकीय जीवन में ले जाने के प्रयास न हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि हाल ही में कुछ प्रकरणों में दुष्चक्र में फंसी बहनों को छुड़वाकर उनके परिजन तक पहुंचाने का कार्य किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समिट में हिन्दुस्तान टाइम्स प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों के उत्तर दिए। इस अवसर पर आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े, संचालक जनसंपर्क श्री आशुतोष प्रताप सिंह उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान का समिट में हिस्सा लेने के लिए सुश्री अदिति प्रसाद डिजीटल बिजनेस और पॉलिटिक्ल एडिटर सुश्री सुनेत्रा चौधरी ने आभार व्यक्त किया।