हाड़ौती में पसरने लगी है स्वच्छ भारत अभियान की गूंज – डॉ. दीपक आचार्य उप निदेशक

हाड़ौती में पसरने लगी  है  स्वच्छ भारत अभियान की गूंज  – डॉ. दीपक आचार्य  उप निदेशक

कोटा (सूचना एवं जनसंपर्क विभाग,-)  स्वच्छता आम आदमी से लेकर परिवेश तक की प्राथमिकता आवश्यकता है जिस पर टिका हुआ है जीवन और जगत का आधार।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देशव्यापी स्वच्छता अभियान के क्रियान्वयन में हाड़ौती संभाग भी अपनी सार्थक और सशक्त भागीदारी निभा रहा है।

कोटा संभाग के विभिन्न जिलों में स्वच्छ भारत अभियान का संदेश शहरों और दूरदराज के गांवों तक पसरने लगा है और इससे संबंधित गतिविधियां किसी न किसी रूप में स्वच्छता की गूंज से नई चेतना का पैगाम दे रही हैं।         बहुआयामी गतिविधियों के व्यापक क्रियान्वयन और निरन्तर बढ़ती जा रही जन सहभागिता के चलते स्वच्छ भारत अभियान लोक अभियान के रूप में जनता का अपना अभियान बनता जा रहा है।

स्वच्छ भारत अभियान की देशव्यापी मुख्य धारा में हाड़ौती अंचल भी पीछे नहीं है। संभाग भर मेंं विभिन्न माध्यमों से स्वच्छ भारत अभियान की गतिविधियां चलायी जा रही हैं। इसके माध्यम से शहरों, गांवों और कस्बों में स्वच्छता के प्रति बेहतर माहौल पैदा हुआ है।

 इस अभियान को जनता का अपना अभियान बनाने के लिए हर स्तर पर जनभागीदारी के लिए सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें जन प्रतिनिधियों और सरकारी मशीनरी से लेकर स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, कारोबारी समूहों, औद्योगिक एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से लेकर आम जन की सहभागिता सुनिश्चित किए जाने के लिए भरसक प्रयास जारी हैं।

स्वच्छ भारत मिशन में सशक्त भागीदारी निभाने के लिए विभिन्न अवसरों पर विशेष सफाई अभियान चलाया गया। इस अभियान को कोटा में प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने की चरणबद्ध तैयारी शुरू की जाकर संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर द्वारा स्थानीय निकायों के अधिकारियों की बैठक लेकर इस अभियान को जनभागीदारी से, पूरी निष्ठा व मेहनत से, सही मायने में सफल बनाने का आह्वान किया गया। इसका असर भी सामने आने लगा है।images

अभियान के तहत विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मिलकर स्वच्छता अभियान में हाथ बंटाया।

अभियान के दौरान नगर निकाय अधिकारियों को उनके क्षेत्रों में पड़े पुराने मलबे को चिह्नित कर उसे साफ करने,  प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट हेतु प्रभावी व्यवस्था एवं प्लास्टिक कैरी बैग्स की रोकथाम करने की सख्त कार्यवाही करने, मुख्य बाजारों तथा घनी आबादी क्षेत्रों में दो पारियों में सफाई करने, घर, दुकानाें, प्रतिष्ठानों, रेस्टोरेन्ट व ढाबों आदि के सामने कचरा नहीं फैलाने व अनिवार्य रूप से कचरा पात्र रखने, बेतरतीब खडे़ रहने वाले विक्रेताओं के लिए व्यवस्थित योजना बनाने , आवारा पशुओं की धरपकड़, रैन बसेरों को भी स्वच्छ रखने आदि के कार्य किये गये।

प्लास्टिक के कप में चाय पीने पर पाबन्दी के लिए यहाँ विभिन्न संगठन और कार्यालयों द्वारा ठोस प्रयास किए गए हैं। इसी का नतीजा है कि कई परिसरों में प्लास्टिक के कप प्रतिबंधित हो गए हैं और इनकी बजाय कागज के बने कप का इस्तेमाल हो रहा है।

विभिन्न बैठकों और सरकारी तथा गैर सरकारी आयोजनों में भी स्वच्छता का मुद्दा सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ उभरने लगा है और इनके माध्यम से स्वच्छता प्रसार में भागीदारी के संकल्प व्यक्त होने लगे हैं।

जिला कलक्टर और विभिन्न उपखण्ड अधिकारियों द्वारा जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में रात्रि चौपाल के माध्यम से भी ग्रामीणजनों को स्वच्छता अभियान में बढ-चढ़ कर आगे आने एवं घरों में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय बनवाने के लिए ग्रामीणजनों से आवेदन भरवाकर काफी संख्या में स्वीकृतियां जारी की गई।

स्वच्छ भारत अभियान, सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम और स्वच्छता से संबंधित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के ठोस क्रियान्वयन, इनसे संबंधित विभागों में पारस्परिक समन्वय और स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों से आम जन को जोड़ने के लिए हाड़ौती में अनथक प्रयास किए जा रहे हैं जिनका असर आने वाले समय में सुनहरे स्वरूप में सामने आने की उम्मीद है।

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