हस्तशिल्प एवं हुनर का संरक्षण-संवर्धन समय की जरूरत : राज्यपाल श्री लालजी टण्डन

हस्तशिल्प एवं हुनर का संरक्षण-संवर्धन समय की जरूरत  : राज्यपाल श्री लालजी टण्डन

भोपाल :— राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने कहा है कि हस्तशिल्प भारतीय अर्थ-व्यवस्था का मुख्य आधार है। हस्तशिल्प के क्षेत्र में हुनर आने से कलाकारों को रोजगार के अवसर के साथ सम्मान भी मिलता है। बाजारवाद तथा मशीनीकरण के युग में हस्तशिल्प का संरक्षण एवं संवर्धन अत्यंत जरूरी है। राज्यपाल आज इंदौर में भारत सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा आयोजित हुनर हाट मेले का उद्घाटन कर रहे थे।

राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने कहा कि भारत में हस्तशिल्प एवं कला का समृद्ध इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि बाजारवाद तथा मशीनीकरण के युग में हस्तशिल्प एवं हुनर को संरक्षित एवं संवर्धित करने की जरूरत है। हुनरमंद व्यक्ति आर्थिक रूप से स्वावलंबी होता है। हस्तशिल्प एवं कला के जरिये सामाजिक समरसता का वातावरण भी बनता है।

केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि दस्तकारी एवं शिल्पकारी को पुनस्थापित करना समय की जरूरत है। शिल्पकारों के आर्थिक उत्थान एवं उन्हें रोजगार के अवसर देने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। यह हाट भी इसी का हिस्सा है। स्वदेशी उत्पादों को राष्ट्रीय और अर्न्तराष्ट्रीय मार्केट मुहैया कराने के प्रयास भी हो रहे हैं।

प्रारंभ में अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के सीएमडी श्री मोहम्मद शहबाज अली ने मेले के उद्देश्यों की जानकारी दी।

Related post

भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

पीआईबी दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने 21 और 22 फरवरी 2025 को…
रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

पीआईबी( दिल्ली) — रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए 697.35…
बेटे अब्दुल रफ़ी बाबा सऊदी अरब की जेल में बंद साइबर-संबंधित अपराधों और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित करने” के लिए 11 साल की सज़ा

बेटे अब्दुल रफ़ी बाबा सऊदी अरब की जेल में बंद साइबर-संबंधित अपराधों और सोशल मीडिया पर…

श्रीनगर: (कश्मीर टाइम्स) हर सुबह, जैसे ही श्रीनगर में पहली किरण फूटती है, 65 वर्षीय मंज़ूर-उल-हक…

Leave a Reply