- December 13, 2020
हर माह 4 करोड़ का डीजल पीने वाला विभागिये गाडियाँ – क्यूआर कोड–नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा
1000 गाड़ियों –गली मोहल्ले कूड़ेदान
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पटना नगर निगम की सफाई वाली गाड़ियां हर माह 4 करोड़ का डीजल पी रही हैं। इसके बाद भी पटना के हर घर से कचरा नहीं उठ रहा है। फर्जी लॉगबुक में हर गली मोहल्ले से कचरा उठाने का डाटा भर दिया जा रहा है और गाड़ियां कागजों पर दौड़ रही हैं। लाख प्रयास के बाद भी नगर निगम सफाई की व्यवस्था नहीं सुधार पाया है। रविवार को रैंकिंग को लेकर आयोजित कार्यक्रम में आए 24 लोगों ने इस पर सवाल खड़े किये हैे। हर किसी का सवाल यही था कि गाड़ी कचरा उठाने में काफी मनमानी कर रही है। इससे घरों में ही कचरा डंप हो रहा है जो कोरोना काल में बीमारी का बड़ा खतरा बन सकता है।
कौन खा रहा डीजल का पैसा
नगर निगम में सफाई के लिए 1000 गाड़ियों को लगाया गया है। दावा किया जाता है कि इसकी हर स्तर से निगरानी की जाती है। नगर निगम सिर्फ गाड़ियों के डीजल पर हर माह चार करोड़ रुपया फूंकता है। लेकिन सफाई व्यवस्था से जनता को लाभ नहीं है। अब सवाल यह है कि डीजल का पैसा कौन खा रहा है। बिना चले गाड़ियों को डीजल का पैसा देने वाले जिम्मेदार अधिकारी या फिर बिना चले गाड़ियों का लागबुक चेक करने वाले सुपरवाइजर। वर्षों से यही खेल चल रहा है, लेकिन नगर निगम के अफसर जड़ नहीं खोज पाए हैं कि पैसा खा कौन रहा है?
अब क्यूआर कोड लगाने की तैयारी
नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा का कहना है कि शिकायत है। बिना चले ही गाड़ियां डीजल का पैसा उठा रही हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए अब हर घर में क्यूआर कोड लगाया जा रहा है। इसके साथ ही गाड़ियों पर भी जीपीएस रहेगा। 500 गाड़ियों में जीपीएस लगा दिया गया है। मानीटरिंग के लिए मौर्या टॉवर में सेंटर बनाया जा रहा है।
आम आदमी अपने मोबाइल एप से गाड़ियों की पोजीशन जान सकेगा और नगर निगम को भी यह पता चल जाएगा कि किस घर से कचरा नहीं उठा है। इससे गाड़ियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा और हर गली मोहल्ले से कचरा उठेगा। आयुक्त का कहना है कि 15 जनवरी तक इस नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी है। इससे कचरा वाली गाड़ियों की मनमानी पर पूरी तरह से अंकुश लगा दिया जाएगा।