हर दिन औसतन 12 लोग लापता और कंकालों का अबांर

हर दिन औसतन 12 लोग लापता और कंकालों का अबांर

मेक्सिको में हर दिन औसतन 12 लोग लापता हो जाते हैं. ज्यादातर कभी लौटकर नहीं आते. जमीन खोदने पर इंसानों के कंकाल निकलते हैं, लेकिन पता नहीं चलता कि दफनाए गए लोग कौन थे.

पूर्वोत्तर मेक्सिको का कोआहुइला राज्य अमेरिकी सीमा से सटा है. आम तौर पर मेक्सिको के लोग भी वहां जाने से कतराते हैं. इस खौफ की वजह है अपहरण. कोआहुइला अपहरण संकट का केंद्र है. वहां संगठित अपराध बड़े स्तर पर फैला हुआ है. हर साल 42 फीसदी अपहरण इसी राज्य में होते हैं. ड्रग्स तस्करी से जुड़े गैंग स्थानीय लोगों को डराए रखने के लिए आए दिन लोगों को अगवा करते हैं.

राज्य में लापता हुए 37,435 लोगों की लिस्ट में मारिया एलेना सालजार का बेटा ह्यूगो शामिल है. गुमशुदगी वाले दिन को याद करते हुए मारिया कहती हैं, “उसने टेलिफोन पर कहा कि मां मैं बस अभी आता हूं.” तब से अब तक नौ साल गुजर चुके हैं, ह्यूगो का कोई अता पता नहीं है.

मारिया जब जब पुलिस स्टेशन गई तब तब पुलिस ने यही कहा, “चिंता मत कीजिए, वह जल्द वापस आ जाएगा.” पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने के दौरान मारिया कई ऐसे परिवारों से मिलीं जो उन्हीं की तरह अपने रिश्तेदारों को खोज रहे थे. धीरे धीरे ये परिवार एक साथ आए. सबने मिलकर फंडेक नाम का एक सिविल ग्रुप बनाया. ग्रुप प्रशासन से अपरहण रोकने की मांग कर रहा है.

बेटे को तलाशती मारिया एलेना सालजार

ह्यूगो का पता लगाने के लिए मारिया आज भी भटकती हैं. कई बरसों तक उन्होंने तस्वीरों वाले गुमशुदगी के पोस्टर चिपकाएं, शिकायतें दर्ज कराईं और जरा सा भी सुराग मिलने पर हर दिशा में दौड़ भाग की. मारिया कहती हैं कि कई पोस्टर तो खुद प्रशासन ने ही फाड़ दिए.

अफवाहों के मुताबिक कोआहुइला में अपराधी अपहृत लोगों को कुछ खास वीरान इलाकों में छोड़ देते हैं. इन बातों पर यकीन करते हुए मारिया के पति ने महीनों तक ऐसी जगहों के चक्कर लगाए. बाद में पड़ोसी भी मारिया से कहने लगे कि “अगर वह हालात का सामना करने में नाकाम होगा तो ही उसे कुछ होगा.” मारिया के मुताबिक प्रशासन तो पूरी तरह अपनी जिम्मेदारी से दूर भागता रहा है.

गुमशुदा लोगों के परिवार कई साल से खुद ही सर्च अभियान भी चला रहे हैं. स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर वो कुदाल और फावड़ों की मदद जमीन की खुदाई करते हैं. अक्सर उन्हें इंसानी कंकाल मिलते रहते हैं. फंडेक की ग्रेस फर्नांडेज ने डीडबल्यू से कहा, “कोआहुइला में ही प्रशासन को 1,20,000 इंसानी अवशेष मिल चुके हैं और उनमें से सिर्फ 20 की पहचान हो सकी है. पहचान करने वाले पेशेवर लोगों की कमी है और प्रयोगशालाओं पर काम का बहुत बोझ है.”

प्रदर्शन करते पीड़ित परिवार

गुमशुदा लोगों की तलाश के लिए बनाए गए विशेष विभाग की हालत खस्ता है. कोआहुइला में ही इस विभाग के पास 29 एजेंट, 58 पुलिसकर्मी और हजारों मामले हैं. फंडेक के मुताबिक विभाग की खस्ताहालत दिखाती है कि सरकार इस मामले में कितनी गंभीर है.

स्पेशल सर्च ऑफिस के अधिकारी आबेल गाल्वन कहते हैं कि अगले साल 100 कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी. लेकिन क्या इससे हालात बेहतर होंगे? एक रिसर्च सेंटर में मानवाधिकार संबंधी मामलों की समीक्षा करने वाले हुमबेर्टो गुएरेरो कहते हैं कि जब तक अपराधियों को सजा नहीं दी जाएगी तब तक तस्वीर नहीं बदलेगी, “37,000 से ज्यादा लापता लोगों के मामलों में अब तक सिर्फ 12 लोगों को सजा हुई है.”

गुएरेरो का आरोप है कि कई मामलों में खुद पुलिस अपराधियों से मिली रहती है. ग्रेस फर्नांडेज भी इस आरोप की तसदीक करती हैं. 2008 में उनके भाई दो पुलिस अधिकारियों की हिरासत से लापता हुए.

मेक्सिको में हर दो घंटे में एक व्यक्ति लापता होता है. गुमशुदगी के मामलों में मेक्सिको ने इराक और कोलंबिया को भी पीछे छोड़ दिया है. तमाम मुश्किलों के बावजूद मारिया दूसरे परिवारों के साथ मिलकर अपनों की तलाश में हैं. वह कहती हैं, “मेरी जिंदगी में इससे बुरा और क्या हो सकता है, मैं ह्यूगो की वापसी की मांग लगातार करती रहूंगी.”

(अपना गैंग, अथाह पैसा और हर वक्त भागने के लिए तैयार रहना, मेक्सिको के ड्रग्स तस्करों की जिंदगी ऐसी ही है. युवाओं को गुमराह करने के लिए वहां सिनेमा और संगीत के साथ साथ कब्रिस्तान भी है.)

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