हर खेत को पानी देने में मध्यप्रदेश देश में उदाहरण

हर खेत को पानी देने में मध्यप्रदेश देश में उदाहरण

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है प्रदेश में कोई भी खेत बिना पानी के नहीं रहेगा। हर जिले की सिंचाई योजना बनेगी। हर खेत को पानी देने में मध्यप्रदेश देश में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। मुख्यमंत्री आज यहाँ प्रशासन अकादमी में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में जिलों के सिंचाई प्लान बनाने संबंधी दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गाँव में छोटी सिंचाई योजनाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। पुरानी जल संरचनाओं को दोबारा जीवित करने के जलाभिषेक अभियान को निरंतर जारी रखा जाएगा। इससे जल-स्तर बढ़ेगा और सिंचाई के लिए भी पानी मिलेगा। हर गाँव में सिंचाई और पीने के पानी की कम से कम एक जल संरचना या स्त्रोत उपलब्ध होगा।

श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के क्रियान्वयन में भी देश में पहले नंबर पर रहेगा। उन्होंने सभी जिलों का सिंचाई प्लान बनाने के निर्देश दिए।  इसके लिए भारत सरकार से मिलने वाली धनराशि के अलावा राज्य अपने संसाधन से भी धनराशि खर्च करेगा। मुख्यमंत्री ने सिंचाई प्लान सभी उपलब्ध स्त्रोतों को ध्यान में रखकर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसान सिर्फ पानी चाहते हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की विशेषता की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कल्पनाशील हैं।  अच्छी फसल के लिए प्रत्येक बूंद का उपयोग करने की सोच से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने सिंचाई के क्षेत्र में पहले ही उत्कृष्ट काम किया है। आज प्रदेश के 36 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है। बड़ी, मझौली और छोटी परियोजनाओं को एक ही साल में पूरा करने का रिकार्ड भी कायम किया गया है। यह ऐसी परियोजनाएँ थीं जो पिछले कई दशक से पूरी नहीं हुई थी। नहरों को दोबारा जीवित करते हुए ऐसे क्षेत्रों में पानी पहुँचाया गया जहाँ विगत दो दशक में पानी नहीं मिल पाया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए भी हर बूंद ज्यादा फसल का मंत्र क्रांतिकारी साबित होगा। हर बूंद का अधिकतम उपयोग किया जाएगा। हर खेत और हर किसान के पास सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी होगा।

कार्यशाला में जल संसाधन और कृषि विभागों के जिला एवं संभागीय स्तर के अधिकारी भाग ले रहे हैं। सिंचाई योजना बनाने में तकनीकी सहयोग देने के लिए भारत सरकार की ओर से विशेषज्ञ अधिकारियों के दल को आमंत्रित  किया गया है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अंटोनी डि सा, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री आर.एस. जुलानिया, भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री आर.वी. सिन्हा, महानिदेशक प्रशासन अकादमी श्रीमती कंचन जैन, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव उद्यानिकी श्री अशोक वर्णवाल, संचालक कृषि श्री एम.एल मीणा उपस्थित थे।

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