- October 11, 2016
सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की प्राथमिकताएं- 50 % कमी के लक्ष्य
जयपुर, 11 अक्टूबर। परिवहन विभाग में नवगठित सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ ने राज्य में वर्ष 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं एवं उनमें होने वाली मौतों की संख्या में 50 प्रतिशत कमी के लक्ष्य के साथ अपनी प्राथमिकताएं तय कर तेजी से काम प्रारम्भ कर दिया है। विभिन्न हितधारक विभागाें के समर्पित सदस्यों और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ के प्रकोष्ठ में जुड़ जाने से सड़क सुरक्षा के चिकित्सा, पुलिस, शिक्षा, सार्वजनिक निर्माण विभाग से जुडे़ कामों को गति मिल रही है। जल्द ही सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की एक अलग वेबसाइट भी विकसित की जाएगी।
सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की उप परिवहन आयुक्त श्रीमती निधि सिंह ने बताया कि प्रकोष्ठ द्वारा सड़क सुरक्षा से जुडे़ विभिन्न लक्ष्यों, विभिन्न हित पक्षों के प्रशिक्षण द्वारा क्षमता संवद्र्धन, वर्तमान एवं नवीन सड़कों की सड़क सुरक्षा ऑडिट, गुड सेमेरिटन व्यवहार, सड़क सुरक्षा से जुडे़ उपकरणों की खरीद, लक्ष्य समूहों के लिए शिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम, यातायात नियमों के उल्लंघनकर्ताओं को प्रशिक्षण, सड़क सुरक्षा रिसर्च एवं विकास, ब्लैक स्पॉट्स की पहचान और सुधार, ट्रॉमा केयर, सड़क सुरक्षा से जुड़ी मोटिवेशनल एक्टिविटी पर काम प्रारम्भ कर दिया गया है।
सभी सड़क निर्माणकर्ता एजेंसियों को ट्रॉमा सेंटर्स से पूर्व सड़क के दोनों ओर इन सेंटर्स की जानकारी देने वाले सूचना पट्ट घटते किलोमीटर क्रम में लगाने का आग्रह किया गया है। श्रीमती सिंह ने बताया कि आयुक्त सड़क सुरक्षा श्री शैलेन्द्र अग्रवाल ने सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की अलग से वेबसाइट विकसित करने के निर्देश दिए हैं। इसकी प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है।
इस वेबसाइट पर प्रकोष्ठ की विभिन्न गतिविधियों की अपडेटेड जानकारी उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि इसी माह राज्य के सातों संभागाेंं में कुल 14 पंचायत समितियों एवं 35 ग्राम पंचायतों में विभिन्न एन.जी.ओ के माध्यम से सड़क सुरक्षा शिक्षण एवं जागरूकता अभियान के पायलट प्रॉजेक्ट प्रारम्भ होंगे। सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ इन अभियानों की राज्यभर में एकरूप कार्ययोजना के विविध पक्षों, समन्वय एवं मॉनिटरिंग का काम देख रहा है।
श्रीमती सिंह ने बताया कि प्रकोष्ठ सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय की समिति से समय-समय पर प्राप्त दिशा निर्देशों की अनुपालना हेतु भी कार्य कर रहा है। प्रकोष्ठ के लक्ष्यों के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने हेतु राज्य में समर्पित सड़क सुरक्षा कोष के गठन को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इसके लिए यातायात नियमों के उल्लंघनकर्ताओं से कम्पाउण्डिंग एवं जुर्माने के रूप में संग्रहित कुल राशि की 25 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया है।