- June 21, 2018
सड़क सुरक्षा कार्योे की समीक्षा—महत्वपूर्ण निर्णय
जयपुर———– समझाइश के बाद पायलट परियोजना के रूप में बहरोड़ से किशनगढ़ हाईवे तक लेन सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके लिए उपकरणों एवं अन्य संसाधनों पर आने वाले व्यय को परिवहन विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
गृहमंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया एवं परिवहन मंत्री श्री यूनुस खान ने बुधवार को शासन सचिवालय में आयोजित तृतीय बैठक को सम्बोधित करते हुए यह जानकारी दी। श्री कटारिया एवं श्री खान राज्य में सड़क सुरक्षा कार्याें की समीक्षा के लिए गठित मंत्रीमण्डलीय उपसमिति की बैठक के बाद संवाददाताओं को सम्बोधित कर रहे थे।
श्री कटारिया ने बताया कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए विभिन्न नवाचार एवं उपाय किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वाहन चालकों में लेन ड्राइविंग की आदत डालने के लिए 4 एवं 6 लेन की सडकों पर समुचित संकेतक लगाए जांएगे।
आवश्यकता पड़ी तो चालान भी किए जाएंगे एवं समझाइश के बाद पायलट परियोजना के रूप में प्रथम चरण में बहरोड़ से किशनगढ़ तक लेन सिस्टम लागू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सड़क पर वाहनों को पार्क कर छोड़ जाने वालों से भी सख्ती से निपटा जाएगा। इसके अलावा अभियान चलाकर सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़क के दोनेां ओर सात मीटर के दायरे में कोई अवैध विज्ञापन होर्डिंग न लगे।
श्री कटारिया ने बताया कि एक अभिनव प्रयोग के रूप में 6500 ग्राम पंचायतों पर शिविर लगाकर सड़क सुरक्षा वालंटियर्स तैयार किए गए हैं। 2016-2017 मेें निर्धारित करीब 1200 ब्लैक स्पॉट्स को सुधारा जा चुका है।
बहरोड़ से डीग तक सड़क सुरक्षा के लिहाज से 114 किमी की एक मॉडल सड़क तैयार की जा रही है। इसी प्रकार यातायात पुलिस का आधुनिकीकरण भी किया जा रहा है और परिवहन विभाग से प्राप्त राशि से करीब 20 इंटरसेप्टर एवं ईचालान के लिए 500 मशीनेें खरीदी गईं हैं।
परिवहन मंत्री श्री खान ने बताया कि बहरोड़ से किशनगढ़ तक लेन ड्राइविंग के पायलट प्रोजेक्ट पर आने वाला खर्च परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा कोष से किया जाएगा। श्री खान बताया कि समर्पित सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना के बाद से ही विभाग सड़क सुरक्षा सम्बन्धी उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों की पालना में अग्रणी है।
सात एनजीओ द्वारा अब तक 6500 ग्राम पंचायतों में जनजागरूकता कार्यक्रम कर प्रत्येक पंचायत में 10 कार्यकर्ता तैयार किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि बैठक मेें निर्णय किया गया कि इन एनजीओ द्वारा किए गए कार्यक्रमों की फोटो एवं वीडियो यूट्यूब पर डलवाए जाएंगे ताकि कोई भी इन्हें देख परख सके।
श्री खान ने बताया कि पहली बार राज्य के करीब 850 थानों में हर थाने को सड़क सुरक्षा के लिए 10 हजार रूपये दिए गए हैं ताकि वे छोटे-मोटे काम इस राशि से करवा सकें।
एसएमएस हॉस्पिटल जयपुर के ट्रोमा सेंटर में 20 अत्याधुनिक बेड एवं उपकरणों के लिए साढे 7 करोड़ रूपये दिए गए है। डीग से बहरोड़ मॉडल सड़क पर 32 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। श्री खान ने बताया कि परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ इसके विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहा है।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं आयुक्त परिवहन श्री शैलेन्द्र अग्रवाल, एसीएस यूडीएच श्री पवन गोयल, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त श्री कुंजीलाल मीना, स्थानीय निकाय विभाग के संयुक्त सचिव एवं निदेशक श्री पवन अरोड़ा एवं विभिन्न हितधारक विभागोें के प्रतिनिधि शामिल हुए। विभागीय प्रगति एवं कमेटी के निर्णयों की अनुपालना सम्बन्धी प्रजेन्टेशन सड़क सुरक्षा उपायुक्त श्रीमती निधि सिंह द्वारा दिया गया।